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वैराग्यवृत्ति को धारण कर देही अभिमानी बनो तो पवित्र और साक्षात्कारमूर्त बन जाएंगे …. ब्रह्माकुमारी हेेमलता दीदी

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में अपने नियमित सदस्यों के लिए 4 अगस्त से महसूसता द्वारा सम्पूर्णता सम्पन्न विषय पर तीन दिवसीय गहन योग साधना कार्यक्रम का आयोजन शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में किया गया है। इस गहन योग साधना कार्यक्रम में इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने आज ब्रह्मा वत्सों की बहुत ही सारगर्भित शब्दों में क्लास कराई और सभी को भट्ठी का लक्ष्य स्पष्ट किया। उसी क्लास का सार यहाँ पर आप सबके लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं, सो लाभ अवश्य लेना जी:

वैराग्यवृत्ति को धारण कर देही अभिमानी बनो तो पवित्र और साक्षात्कारमूर्त बन जाएंगे …. ब्रह्माकुमारी हेेमलता दीदी

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि जब हम ज्ञान में आए तो पहला लक्ष्य मिला कि नर से नारायण बनना है। यही हमारा सम्पूर्ण स्वरूप है। लेकिन विचार करने की बात यह है कि हम पुरूषार्थ करने के बाद भी अपनी मंजिल तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं। हमारे पुरूषार्थ में अन्तर क्यों हो जाता है? जब हम ज्ञान में आए थे तो कितना उमंग-उत्साह रहता था। बहुत खुशी मिलती थी। खूब रूहानी नशा चढ़ता था कि भगवान हमें पढ़ा रहे हैं। हमारे जीवन में परिवर्तन आने से खुशी का अनुभव हुआ। इतना जबर्दस्त परिवर्तन हुआ कि जो हमने सोचा भी नहीं था वह सब बदल गया। रोज सेन्टर जाने लगे। सुबह उठने लगे। उन दिनों लोगों ने खूब हंसी उड़ाई, निगेटिव कमेन्ट किए, खिल्ली उड़ाई किन्तु रूहानी नशा इतना अधिक था कि वह सब भी आसानी से सहन कर लिया। किन्तु चलते-चलते अब वह खुशी और रूहानी नशा कहाँ गायब हो गया? खुशी गायब होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि चलते-चलते हमारे पुरूषार्थ में ठहराव आ गया। अपने अब तक के परिवर्तन से हम सन्तुष्ट होकर बैठ गए।

हमको यह महसूस तो होता है कि हमारे संस्कारों में परिवर्तन होना चाहिए लेकिन चाहते हुए भी परिवर्तन नहीं हो पा रहा है। बदलाव लाने के लिए महसूसता के साथ ही परिवर्तन शक्ति भी चाहिए। बाबा जो हमको समझाना चाहता है क्या वह हमको समझ में आया? क्या हम समय की समीपता की महसूसता, योग द्वारा सर्वस्व प्राप्त करने की महसूसता, कौड़ी से हीरे तुल्य बनने की महसूसता कर पाए? दिमाग से तो हम जानते हैं कि मैं कौन हूँ? मेरा दिव्य स्वरूप क्या है? लेकिन अब दिल की महसूसता चाहिए। दिल को जब कोई बात जंच जाती है तब परिवर्तन होने में देर नहीं लगती है। जब हम ज्ञान में आए तब जिस बात ने हमारे दिल को छुआ था वह अब साधारण लगने लगा है। जब तक दिल से यह स्वीकार नहीं करेंगे कि मुझे परिवर्तन होना है तब तक परिवर्तन नहीं हो सकेंगे।

हमने ब्रह्मा बाबा को साकार में देखा कि उन्हें अपना लक्ष्य बिलकुल स्पष्ट था। उनको सामने दिखाई देता था कि मुझे नारायण बनना है। बाबा जब चलता था तब यह भासना आती थी कि स्वयं नारायण चल रहा है। उन्हें सदैव यह स्मृति रहती थी कि मैं नारायण बनने वाली आत्मा हूँ। गुलजार दादी जब छोटी थीं तब बाल्यावस्था में उन्होंने साक्षात्कार में देखा कि ब्रह्मा बाबा जैसा हुबहू एक बाबा वतन में भी है। दादी को कुछ समझ में नहीं आया तब उन्होंने यह बात ब्रह्मा बाबा को बतलाई कि आपके जैसा बाबा एक उपर वतन में भी है। यह जानकर बाबा को भी आश्चर्य हुआ। ब्रह्मा बाबा ने गुलजार दादी से कहा कि तुम वतन में शिवबाबा से पूछना कि यह बाबा कौन है? ब्रह्मा बाबा को जब यह राज पता चला कि वह उनका ही सम्पूर्ण स्वरूप है। तो ब्रह्मा बाबा को अपने सम्पूर्ण स्वरूप को प्राप्त करने के लिए लगन लग गई और सम्पूर्ण बनकर भी दिखाया।

ऐसे ही हमें अब अपनी चेकिंग करनी है कि मुझमें कौन-कौन सी कमी रही हुई है? किन-किन गुणों को धारण करना है और किन-किन अवगुणों को निकालना है ताकि मैं सम्पूर्ण बन सकूँ? देही अभिमानी बनने से निर्विकारी बनेंगे। गहन योग साधना भ_ी में आए हैं तो अपने को बिन्दु स्वरूप आत्मा समझें और सबको आत्मिक रूप में देखने का अभ्यास करें। सिर्फ दो दिनों में आप बदल सकते हैें। आपकी दृष्टि, वृत्ति, कृति, सम्बन्ध-सम्पर्क सब चेन्ज हो जाएगा। यह अभ्यास करना कि मैं लाईट हाउस हूँ, मेरे चारों ओर लाईट का कार्व (घेरा) है। आप फरिश्ता बन जाएंगे। शरीर में रहते हुए भी उससे न्यारा डबल लाईट बन जाएंगे। फिर उस प्रैक्टिस को आगे बढ़ाते जाना।

पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है। पवित्रता से सन्तुष्टता, निर्भयता, दृढ़ता आदि सारे गुण आ जाते हैं। अपने शरीर से जितना न्यारापन रहेगा उतना पवित्र बनते जाएंगे। पवित्रता से जीवन में दिव्यता आएगी। दिव्यता आने से अन्त समय में भक्तों को अपने ईष्ट देव का साक्षात्कार करा सकेंगे। ब्रह्मा बाबा की तरह ही हम सबका सम्पूर्ण स्वरूप सूक्ष्म वतन में है। बेहद की वैराग्यवृत्ति से सम्पूर्ण एकाग्रता आएगी। मन बुद्घि इधर-उधर भटकेगी नहीं। आपकी स्थिति अचल-अडोल बन जाएगी। मैं बाबा का और बाबा मेरा बस। मेरा सब कुछ बाबा का है यह निमित्त भाव बना रहेगा। मैपन और मेरापन को निकालने के लिए दृढ़ता से अशरीरी स्थिति बनाने की मेहनत करनी होगी।

इस तरह से पुरूषार्थ करने से फिर से पहले जैसी स्थिति बन जाएगी। अपने को देखो और चेकिंग करो। यही समय की मांग है। ओमशान्ति।

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चैतन्य देवियों की झाँकी आकर्षण का केन्द्र बनीं…

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रायपुर, 24 सितम्बर 2025 : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नवरात्रि के पावन अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-20 स्थित सेवाकेन्द्र में सजायी गई चैतन्य देवियों की झाँकी का ब्रिगेडियर तेजिन्दर सिंह बावा (सेना मेडल), श्रीमती कुकी बावा, ट्रीपल आई टी के डायरेक्टर ओ.पी. व्यास, जिन्दल जिन्दल स्टील एण्ड पावर कम्पनी के प्रेसीडेन्ट प्रदीप टण्डन, जीएसटी के असिस्टेण्ट कमिश्नर शैलेन्द्र पाटले, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और रश्मि दीदी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।

झाँकी का अवलोकन करने के बाद ब्रिगेडियर तेजिन्दर सिंह बावा ने कहा कि यहाँआकर बहुत ही शान्ति की अनुभूति हुई। यह बहुत ही शान्त एवं शिक्षाप्रद जगह है। शान्ति शिखर का अवलोकन कर वह स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं।

जिन्दल जिन्दल स्टील एण्ड पावर कम्पनी के प्रेसीडेन्ट प्रदीप टण्डन ने कहा कि यह गहन शान्ति और आध्यात्मिक जागृति का केन्द्र है। झाँकी में राजयोग साधनारत ब्रह्माकुमारी बहनें जब अपलक देवियों के रूप में विराजित होती हैं तो यह निर्णय करना मुश्किल हो जाता है कि यह सजीव हैं या जड़ मूर्तियाँ।

मुख्यमंत्री जी के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने चैतन्य झाँकी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बहुत ही आकर्षक और मनभावन है। इसे देखकर असीम आनन्द की प्राप्ति हुई। पिछले जन्म के सुकर्मोंका फल है जो उन्हें जागृत देवियों के दर्शन करने का सौभाग्य मिला।

स्टेट जी.एस.टी. के सहायक कमिश्नर शैलेन्द्र पाटले ने कहा के ब्रह्माकुमारी बहनों को देवियों के रूप में मूर्तिमान देखकर सचमुख अनोखा अनुभव हुआ। यह मनमोहक और दर्शनीय है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि सेक्टर-20 में इमर्सिव डोम थियेटर के निकट सजायी गई यह झाँकी दशहरा के दिन तक अर्थात 2 अक्टूबर तक रहेगी तथा इसे देखने का समय प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक रखा गया है। झाँकी में संगीतमय कमेन्ट्री के माध्यम से विशाल मंच पर विराजित शिवशक्तियों -मॉं दुर्गा, श्री लक्ष्मी, सरस्वती, काली, गायत्री वैष्णो देवी, मीनाक्षी, सन्तोषी माता और उमादेवी आदि की महिमा का लाइट एण्ड साउण्ड के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केन्द्र होती है।

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शान्ति सरोवर में सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी जीवन्त है… डॉ. रमन सिंह

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रायपुर, 22 सितम्बर, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर में सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी बहुत ही दर्शनीय एवं जीवन्त है जो कि राजयोग से ही सम्भव है। यहाँ पर माँ दुर्गा के नौ रूपों को अत्यन्त आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

यह विचार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने चैतन्य देवियों की झाँकी का अवलोकन करने के बाद व्यक्त किए। झाँकी का शुभारम्भ डॉ. रमन सिंह, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी किरण दीदी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। डॉ. रमन सिंह ने सभी उपस्थित लोगों को नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दी।

उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा युगों-युगों से शक्ति एवं ज्ञान की देवी के रूप में जनमानस में स्थापित हैं। यह नगरवासियों के लिए गौरव की बात है कि इतना सुन्दर आयोजन राजधानी में किया गया है। यहाँ आने के बाद व्यक्ति स्वयं को तनावमुक्त महसूस करने लगता है। आदि शक्ति के नौ रूपों की जीवन्त प्रस्तुति अत्यन्त सराहनीय है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि यह झाँकी प्रतिवर्ष नवरात्रि पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में लगाई जाती है। चैतन्य होने के कारण जनता इसको खूब पसन्द करती है। यह झाँकी शान्ति सरोवर रायपुर में 2 अक्टूबर तक रहेगी। इसमें भक्तजन प्रतिदिन शाम को 6 से रात्रि 10 बजे तक चैतन्य देवियों के दर्शन कर सकेंगे।

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युवाओं को अध्यात्म से जोड़ रहा डिवाइन यूथ फोरम…

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– युवाओं को अध्यात्म से जोड़ रहा डिवाइन यूथ फोरम…
– ब्रह्मकुमारी संस्थान के युवा प्रभाग ने शुरू किया ट्रेनिंग प्रोग्राम…
– संस्थान से जुड़े सैकड़ो युवा भाग लेने पहुंचे…

रायपुर। आध्यात्मिकता के जरिए युवाओं में संस्कार, नैतिक गुण जागृत कर खुद में बदलाव लाने और समाज व राष्ट्र के प्रति सेवा की भावना विकसित करने के उद्देश्य से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के युवा प्रभाग ने डिवाइन यूथ फोरम की शुरुआत की है। इसके तहत राष्ट्रीय और जोनल स्तर पर संस्था विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। रविवार को सड्‌ढू स्थित शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में नई उमंग, नई तरंग ध्येय वाक्य के साथ युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की गई।

वर्तमान परिस्थितियों में युवाओं में पनप रहे तनाव, अशांति और अधीरता एवं व्यसनों से मुक्ति के लिए फुल स्टॉप-फुल स्टॉक का मूलमंत्र युवाओ को दिया गया।

कार्यक्रम में युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी कृति दीदी, कलकत्ता इस्ट जोन की बीके कमला दीदी सहित भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, युवा उद्यमी आदित्य मूंदड़ा, ग्रामीण सेवा प्रभाग की संयोजिका बीके सरिता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी उपस्थित थीं।

भाजयुमो के अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा ने कहा कि यह संस्था एक विशाल वटवृक्ष की तरह है, जिसकी शाखाएं विश्व के 147 देशों तक फैली हुई हैं। इस वृक्ष का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। युवा किसी भी राष्ट्र का निर्माता होता है। आध्यात्मिकता के जरिए उन्हें मार्गदर्शन देने और दुर्व्यसनों से बचाकर सशक्त राष्ट्र के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का संस्था का यह प्रयास सराहनीय है।

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि युवा शब्द को ऊल्टा कर दो तो वह वायु बन जाता है। आज का युवा वर्ग वायु की तरह निरंतर बह रहा है। उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में डिवाइन यूथ फोरम की थीम फुल स्टॉप-फुल स्टॉक युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है कि वर्तमान परिवेश की बहती हुई हवा में युवाओं को कहां रुकना और कहां चलना है।

युवा उद्यमी आदित्य मूंदड़ा ने कहा कि बहुत से संगठन युवाओं पर काम कर रहे हैं। मेरा भी संगठन है, लेकिन युवाओं की आध्यात्मिक उन्नति और शांति पर हमने कभी काम नहीं किया। यहां आकर ऐसा लग रहा है कि हमें भी इस दिशा में काम करना चाहिए।

युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी कृति दीदी ने कहा कि 1985 में इस युवा प्रभाग का गठन किया गया। तब से पदयात्रा, साइकिल रैली, बस रैली इत्यादि और वर्तमान में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि डिवाइन यूथ फोरम के जरिए युवाओं की आत्मिक शक्ति और ऊर्जा को जागृत कर उन्हे राष्ट्र निर्माण के कार्य में सहयोगी बनाया जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने किया और ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी नेआभार व्यक्त किया

 

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