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विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में दिवाली मनाई गई…

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रायपुर 29 अक्टूबर 2024: संगमयुग में बाबा के बच्चों की हर रोज दिवाली होती है। आदरणीय कमला दीदी ने नियम बनाया था कि हरेक त्यौहार वह तीन दिनों तक अर्थात एक दिन एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड-शान्ति शिखर, अगले दिन विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में और फिर उसके अ‍गले दिन शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में उसे मनाया करती थीं। बाबा को तीन दिन भोग लगाया जाता था। इस प्रकार बाबा के बच्चों को भी तीनों दिन अलग-अलग जगहों पर भोग खाने को मिलता था।

उसी परम्परा का अनुसरण करते हुये अनुसार दीपावली का त्यौहार पहले शान्ति शिखर में मनाने के बाद आज चौबे कालोनी में धूमधाम से उल्लासपूर्वक मनाया गया। रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी सहित ब्रह्माकुमारी भावना दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, बीके सौम्या दीदी, बीके स्नेहमयी दीदी, बीके रूचिका दीदी, बीके सिमरण दीदी, बीके दीक्षा दीदी आदि-आदि बहनो ने दीप प्रज्वलित कर विश्व शान्ति भवन को रौशन किया। इस अवसर पर सेवाकेन्द्र के आंगन में रंगोली भी सजायी गयी थी, जो कि बड़ा ही सुन्दर प्रतीत हो रहा था।

आदरणीय कमला दीदी और श्रद्घेय ओमप्रकाश भाईजी भी सूक्ष्म वतन से रायपुर की दिन प्रतिदिन निखरती सेवाओं को देखकर बहुत खुश हुए होंगे।

प्रारम्भ में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने शिवबाबा के मधुर ईश्वरीय महावाक्य पढ़कर सुनाया। पश्चात शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में चौबे कालोनी सेवाकेन्द्र के भाई-बहन उपस्थित थे।

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.ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी……क्लास

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अन्तिम समय का पेपर ईश्वरीय माया के रूप में आएगा जिसे पहचान पाना मुश्किल होगा…ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी
  रायपुर, 6 जून 2025: सिरसी (कर्नाटक) से तीन दिवसीय गीता ज्ञान महोत्सव के लिए रायपुर पधारी श्रद्घेय ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी का आज चौबे कालोनी स्थित विश्व शान्ति भवन में शुभागमन हुआ। ज्ञातव्य हो कि विश्व शान्ति भवन परम श्रद्घेय ब्रह्माकुमारी कमला दीदी का तपस्या स्थली रहा है जहाँपर उन्होंने साधना करके अकेले (अपने दम पर) शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर और एकेडमी फॉर ए पीसफुल वल्र्ड-शान्ति शिखर का निर्माण कराने के साथ ही समूचे छत्तीसगढ़ में बाबा की सेवाओं को फैलाने की निमित्त बनीं।
  रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ श्रद्घेय ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी का सेवाकेन्द्र में पहुंचने पर चौबे कालोनी के पार्षद भ्राता आनन्द अग्रवाल जी ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी भावना दीदी ने तिलक लगाकर और ब्रह्माकुमारी सिमरन, अंशू, गायत्री आदि ने नैन मुलाकात कर अभिनन्दन किया।
  चौबे कालोनी सेवाकेन्द्र में उपस्थित बी के भाई-बहनों के बीच श्रद्घेय ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने अत्यन्त अनुभवयुक्त क्लास कराया। उन्होंने बतलाया कि हम कितने भी ज्ञानी और कितने भी अच्छे वक्ता क्यों न बन जाएं किन्तु यदि हमारी अवस्था (स्थिति) अच्छी नहीं है तो जन मानस पर हमारा कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  वर्तमान समय हमारा पुरूषार्थ कैसा हो? इस बात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पुरूषार्थ के बीच में सबके पास माया जरूर आती है। लेकिन बाबा ने बतलाया है कि अन्तिम समय में जो माया आएगी वह होगी ईश्वरीय माया। यह आपके पास बाबा के बच्चे के रूप में आएगी। आपके लिए उसे पहचान पाना भी मुश्किल होगा। ऐसे लोगों को हितशत्रु कहते हैं। वह बहुत खतरनाक स्वरूप में होगा। वह लोग आपके साथ मित्रता का दिखावा भी करेंगे। आपको लगेगा कि यह हमारे हितचिन्तक हैं। लेकिन वह होगी सबसे बड़ी माया। ऐसे दुश्मनों से बचने के लिए हमें चार बातों से मुक्त रहना होगा- (१). स्वभाव (२). अभाव (३). प्रभाव (४). दबाव। हम इन चारों बातों पर बारी-बारी से चर्चा करेंगे-
  (१). स्वभाव – हमें चेक करना है कि क्या मेरा स्वभाव बाबा की तरह है? अगर नहीं है तो मिसमैच हो जाएगा। बाबा के साथ घर नहीं चल पाएंगे। बाबा का स्वभाव सो मेरा स्वभाव होना चाहिए। बाबा से मैच करके चलना है।
(२). अभाव – पहले सेवाकेन्द्रों में संसाधनों का बहुत अभाव हुआ करता था। इतने साधन और सुविधाएं नहीं होती थी। गरीबी के दिन थे। उन दिनों साधन कम और साधना अधिक थी। अभाव में भी सेवा करने में बड़ा सुकून मिलता था। अभी बहुत सारी सहूलियलत उपलब्ध हैं लेकिन साधना में फर्क आ गया है।
  अन्त में यह कोई भी साधन काम नहीं आएंगे। उस समय जबकि कोई साधन काम नहीं करेंगे तब हमारी साधना डांवाडोल नहीं होनी चाहिए। इसलिए अभाव में भी जीना आना चाहिए। अभाव हमारी स्थिति पर असर न करे। पंखा नहीं, कूलर नहीं, ए.सी. नहीं तब भी हमारी अवस्था डगमग नहीं हो। अभाव हमारे पुरूषार्थ को प्रभावित नहीं करे। अन्त में साधन नहीं बल्कि हमारी अवस्था ही काम आएगी।
  (३). प्रभाव – आजकल भाई-बहनों पर मोबाईल/यूट्यूब का बहुत अधिक प्रभाव है। कुछ लोग अमृत बेला का योग यूट्यूब पर कमेन्ट्री सुनकर करने लगे हैं। यह उचित नहीं है। क्या हम अपने पिता से खुद बात नहीं कर सकते? कोई दूसरा हमें सिखाएगा कि कैसे बात करना है? मुरली संवाद है बाबा का बच्चों से। मुरली की अच्छे से स्टडी करके योग में दोहराएं। आपको बड़ा मजा आएगा। किसी देहधारी से प्रभावित न हों। क्योंकि सारा ज्ञान शिवबाबा का सुनाया हुआ है। हम बच्चे माईक मात्र हैं। रामायण में उल्लेख आता है कि लव कुश जब युद्घ करते थे तो अपने चारों ओर रक्षा वलय बनाकर उसके अन्दर रहकर युद्घ करते थे। ऐसे हमें भी अपने चारों ओर बाबा का रक्षाकवच बना लेना चाहिए। हमें किसी व्यक्ति के प्रभाव में नहीं आना है
। (४). दबाव – हमें अपने स्वभाव, संस्कार, रिश्तेदार, लोकलाज आदि के दबाव में कभी नहीं आना है। विनाश के पहले हमें अपनी कमजोरियों का विनाश करना है। अध्यात्म हमें भगवान से बातें करना सिखलाता है। दुनिया में जब हम कार्य व्यवहार अर्थ जाते हैं तो लोग हमें आब्जर्व करते रहते हैं। इसलिए हमें अपने कर्मों पर पूरा-पूरा अटेन्शन देने की जरूरत है। हमारा व्यवहार भी लोगों को प्रभावित करता है। इससे भी सेवा हो सकती है।
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माउण्ट आबू से चार्टर्ड एकाउंटेंट भ्राता बी.के. ललित भाई का शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर रायपुर मे आग्मन

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रायपुर छ.ग. : माउण्ट आबू से चार्टर्ड एकाउंटेंट भ्राता बी.के. ललित भाई का शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर रायपुर मे आग्मन हुआ। उनका स्वागत रायपुर संचालिका बीके सविता दीदी ने किया। पश्चात रायपुर की बीके बहनो के साथ उन्होने फोटो खिंचवाया। सुबह मुरली के बाद उन्होने वर्तमान समय के महत्व पर प्रकाश डालते हुये बहुत ही सुंदर क्लास कराई.

 

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बहनों का स्नेह मिलन रजनी दीदी संग , जापान डायरेक्टर

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आदरणीय ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी ने आज शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर रायपुर में यहाँ की बीके टीचर बहनो की क्लास कराई। उन्होने सबमे उमंग उत्साह भरते हुये बहनो को अपने सारगर्भित अनुभवो से लाभान्वित किया। उनके अनुभवो का 120 बीके बहनो ने लाभ लिया।

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