Connect with us

Brahmakumaris Raipur

मोटिवेशनल प्रोग्राम……..

Published

on

ब्रह्माकुमारीज के शिक्षा प्रभाग के सौजन्य से मोटिवेशनल प्रोग्राम…
– स्कूली जीवन में मानसिक एकाग्रता से मिलेगी सफलता…ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी
– नवप्रवेशी स्कूली बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने कार्यक्रम हुआ…

रायपुर, 21 अप्रैल 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग के द्वारा होली हार्ट स्कूल सिविल लाईन्स में नवप्रवेशी स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी और चेतना दीदी के मार्गदर्शन में विशेष सत्र आयोजित किया गया।

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए बतलाया कि हमारे जीवन में मन की महत्वपूर्ण भूमिका है। शास्त्रों में भी लिखा है कि मन जीते जगत जीत अर्थात जिस व्यक्ति ने अपने मन को काबू में कर लिया वह दुनिया पर राज कर सकता है। मन को जीतने के लिए हमें अपने अवचेतन मन में सदैव सकारात्मक विचार उत्पन्न करना सीखना होगा और निगेटिव थाट्स को बाय-बाय करना होगा।

आगे उन्होंने बच्चों को प्रेरणा देते हुए बतलाया कि रामायण में उल्लेख आता है कि हनुमान अपनी शक्तियों को भूल जाते थे। उन्हें समुद्र लांघने के लिए जामवन्त ने उनकी शक्तियों की याद दिलाई थी। ऐसे ही आज हम ब्रह्माकुमारी बहनें आप बच्चों को आपकी शक्तियों की याद दिलाने के लिए आयी हैं।

उन्होंने बतलाया कि हमारा अवचेतन मन एक जिन्न की तरह काम करता है। उसे सिर्फ जी हुजूर करना आता है। रात को नींद आने के दस मिनट पहले और सुबह सोकर उठने के दस मिनट पहले तक हमारा अवचेतन मन सक्रिय रहता है। इस समय हम उसे जैसा विचार देते हैं वह वैसा व्यवहार करने लगता है। इसलिए हमें रचनात्मक सोच की आदत डालनी चाहिए। कोई निगेटिव बातें बोलता है तो उसे अनसुना कर आगे बढऩा है। निगेटिव बातें हमारे उमंग-उत्साह को कम कर देती हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में बच्चों को मन की एकाग्रता और सकारात्मक सोच रखने के लिए कुछ फिजिकल एक्सरसाईज भी कराई। जिससे पता चला कि बच्चे बड़ी ही तन्मयता के साथ पूरी बात को सुन और समझ रहे हैं।

ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का स्मरण करते हुए बतलाया कि उन्होंने एक इन्टरव्यू में कहा था कि भारत देश ने कभी भी किसी देश पर पहले आक्रमण नहीं किया था। उसने जो भी युद्घ किया वह अपनी सुरक्षा के लिए किया। उन्होंने कहा कि हम भारत को माता कहते हैं और माँ कभी भी अपने बच्चों पर हमला नहीं कर सकती। माँ तो बच्चों को प्यार करने के लिए होती है। हम ऐसे महान भारत माँ के महान सपूत बच्चे हैं। हमें गर्व है अपने देश पर।

Brahmakumaris Raipur

कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

Published

on

By

काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
Continue Reading

Brahmakumaris Raipur

योग भट्ठी की क्लास

Published

on

By

– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में ”ब्राह्मण जीवन का सुरक्षा कवच” पर क्लास…
– बाबा ने हम बच्चों की रक्षा के लिए सुरक्षा घेरा बनाया है… ब्रह्माकुमार राजू भाई
– परखने की शक्ति के लिए साईलेन्स पावर को बढ़ाना होगा…

रायपुर, 20 जुलाई 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीजके रायपुर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर के शान्त एवं मनोरम वातावरण में माताओं और कन्याओं (शिवशक्तियों) की योग भट्ठी के बाद आज से पाण्डवों (अधरकुमार व कुमारों) की गहन योग तपस्या की शुरूआत हुई। माउण्ट आबू से ग्राम विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष आदरणीय ब्रह्माकुमार राजू भाई ने आज ”ब्राह्मण जीवन का सुरक्षा कवच” विषय पर सारगर्भित क्लास कराई।

ब्रह्माकुमार राजू भाई ने कहा कि पुरूषार्थी जीवन में माया भिन्न-भिन्न रीति से वार करती है जिनसे हमें अपनी सेफ्टी करनी पड़ती है। माया अनेक रूपों में भेष बदलकर आएगी। बाबा हमें अपनी रक्षा के लिए बहुत सारे सुरक्षा कवच दिए हैं। हम अभी युद्घ के मैदान में हैं। रामायण में भी वर्णन आता है कि राजमहल के ऐशो आराम का त्याग कर जंगल में आने वाली सीता भी माया को न पहचान सकी और सोने के हीरण के पीछे फंस गयी। फलस्वरूप उसे शोक वाटिका में दिन बिताने पड़े। लक्ष्मण ने मर्यादा की लकीर खींची थी उसका भी वह उल्लंघन कर बैठी।

ब्रह्माकुमार राजू भाई ने आगे बतलाया कि बाबा ने हम बच्चों की रक्षा के लिए सुरक्षा घेरा बनाया हुआ है। माया सिर्फ विकार के रूप में ही नहीं आती है। वह ईष्र्या, द्वेष, प्रलोभन आदि के साथ भी आती है। न जाने कब, कौन व्यक्ति छल करके चला जाएगा, पता ही नहीं पड़ेगा। हमें किसी के प्रभाव में नहीं आना है। भोला नहीं बनना है। हमको ज्ञानमार्ग में बहुत समझ और युक्ति से चलने की जरूरत है। परखने की शक्ति को बढ़ाना होगा। इसके लिए साईलेन्स पावर को बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आजकल बहुत अधिक और व्यर्थ सोचने की बिमारी बढ़ रही है जिसके कारण सुगर और ब्लडप्रेशर जैसे जानलेवा रोग भी बढ़ रहे हैं। डॉक्टर भी कहते हैं कि अधिकतर बिमारी ज्यादा सोचने के कारण हो रही हैं। जो चीजें मेरे काम की नहीं है उनके बारे में बिलकुल भी नहीं सोचना है। हमारे मन में सबके लिए शुभ भावना होनी चाहिए।

उन्होंने बतलाया कि दूसरा कोई आपके बारे में कितना ही बुरा क्यों न सोच रहा हो? यदि आपके उपर बाबा की याद का सुरक्षा कवच है तो उसका कोई असर आपके उपर नहीं पड़ेगा। बाबा ने निम्न सुरक्षा कवच हम बच्चों को दिए हैं:-

1. शुद्घ और पवित्र सोच का कवच: हमें न व्यर्थ बोलना है और न ही व्यर्थ सोचना है। सदैव स्वचिन्तन में रहना और शुद्घ व पवित्र संकल्प करना है। स्वमान के स्वचिन्तन में रहो। श्रेष्ठ विचारों का आभामण्डल (औरा) अपने चारों ओर बना लो। अच्छे विचारों में रमण करें।

2. ईश्वरीय नियम/मर्यादाओं का कवच: हमें यज्ञ के नियम/ मर्यादाओं का पूरा पालन करना है। मर्यादा के अन्दर रहेंगे तो तंत्र-मंत्र कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। रावण किसी भी रूप में आए हम सदा सुरक्षित रहेंगे। बाबा ने संकल्प, बोल, कर्म और दृष्टि सबके लिए मर्यादाएं बतलायी हैं। जो नियमों में दृढ़ हैं वह सच्चे योगी हैं। नियमों में दृढ़ नहीं रहने से योग भी नहीं लगेगा। संकल्प हमारे श्रेष्ठ हों, बोल हमारे मर्यादित हों, दृष्टि हमारी पवित्र रहे, वृत्ति हमारी शुद्घ हो। कर्म हमारे न्यारे-प्यारे हों। व्यवहार में सरलता और नम्रता हो। दादियों की तरह एक-दो के विचारों को परस्पर सम्मान दें।

3. बाबा की छत्रछाया: सदैव बाबा की याद की छत्रछाया में रहें। कभी बाबा की याद की छतरी से बाहर नहीं निकलना। बाबा से दृष्टि और शक्ति लेकर बाबा को अपने साथ ले जाएं। कभी असफल नहीं होंगे। बाबा के साथ कम्बाईण्ड होकर रहें तो हमेशा सुरक्षित अनुभव करेंगे। ओमशान्ति।

Continue Reading

Brahma Kumaris News

माउण्ट आबू से ब्रह्माकुमार राजू भाई के मार्गदर्शन में दो दिवसीय गहन योग साधना..

Published

on

By

 माउण्ट आबू से ब्रह्माकुमार राजू भाई के मार्गदर्शन में दो दिवसीय गहन योग साधना…
 – सभी प्राणीमात्र के लिए मन में शुभ भावना और शुभ कामना रखें…ब्रह्माकुमार राजू भाई
– आत्म निरीक्षण करने से अपनी कमियों को सुधारने का मौका मिलता है…
– गहन योग साधना हमारे पुरुषार्थ को आगे बढ़ाने का माध्यम है…

रायपुर, 18 जुलाई 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में दो दिवसीय गहन योग साधना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ माउण्ट आबू से पधारे ग्राम विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमार राजू भाई, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, किरण दीदी, चन्द्रकला दीदी और निधि दीदी ने दीप प्रज्वलित करके किया।

इस अवसर पर बोलते हुए ब्रह्माकुमार राजू भाई ने कहा कि गहन योग साधना का आयोजन करना हमारे पुरुषार्थ को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा माध्यम है। इससे हमें स्वचिन्तन करने और आत्म निरीक्षण करने का अवसर मिलता है। हम स्वचिन्तन करते करते शुभचिंतक बन जाएंगे। हरेक प्राणीमात्र के लिए हमारे मन में शुभ भावना और शुभकामना हो। हमें दूसरों की कमियाँ तो झट दिखाई देती हैं किन्तु अपनी कमियों को हम नजरअंदाज कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि किसी से कोई गलती हो जाती है तो हमें उस व्यक्ति को शिक्षा देने की बजाए क्षमा करना सीखो। सब निर्दोष हैं ऐसी श्रेष्ठ भावना हम रखें तो स्वयं के साथ दूसरों में भी बदलाव ला सकते हैं। हमें हरेक परिस्थितियों में स्वयं को एडजस्ट करना सीखना होगा। मैं आत्मा देह से न्यारी हूँ यह शुद्ध संकल्प हमें शक्तिशाली और निर्भय बनाता है। स्वयं को देह को चलाने वाली चैतन्य शक्ति समझकर कर्म करें तो हर कर्म श्रेष्ठ बन जाएंगे।

उन्होंने बतलाया कि ज्ञान हमें समझदार बनाता है। इसलिए जीवन में नियम मर्यादाओं पर दृढ़ रहते हुए समझदारी के साथ चलने की जरूरत है। दुनिया में अनेक मत-मतान्तर हैं। मन को उलझाओ नहीं। मन की शक्ति को व्यर्थ न गंवाएं। एक परमात्मा का दिया हुआ ज्ञान सुनो। जीवन में परिस्थितियाँ तो आएंगी लेकिन हमें ज्ञान और योग से अपनी स्थिति को मजबूत बनाना है।

Continue Reading

News