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नैतिक मूल्यों का समावेश किए बिना वर्तमान शिक्षा अधूरी…

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सादर प्रकाशनार्थ

 

– शिक्षक दिवस पर परिचर्चा आयोजित।

– नैतिक मूल्यों का समावेश किए बिना वर्तमान शिक्षा अधूरी।

– बाल कलाकारों ने शानदार स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।

रायपुर, 04 सितम्बर 2022: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा शान्ति सरोवर में शिक्षक दिवस पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। समारोह में स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के कुलपति डॉ. एम.के. वर्मा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी. भिलाई) के डायरेक्टर रजत मूना, ट्रीपल आई.टी. के रजिस्ट्रार लेफ्टिनेन्ट कर्नल राजेश कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने भाग लिया।

 

अपने सम्बोधन में स्वामी विवेकानन्द तकनीकी वि.वि. के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने कहा कि नैतिक शिक्षा को शामिल किए बिना आज की शिक्षा अधूरी है। वर्तमान शिक्षा सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करने तक ही सीमित है। ऐसे समय पर मूल्य आधारित शिक्षा की बहुत अधिक आवश्यकता है। शिक्षा में समग्रता का अभाव है। भौतिकता के दौर में हम आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप अपने मूल स्वरूप यानि आत्मा और परमात्मा को भूल गए हैं।

 

उन्होंने दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षक माँ को बतलाते हुए कहा कि हमारे समाज की मूल इकाई परिवार है। जिसे हम माताओं के द्वारा शिक्षित कर सकते हैं। माताओं में पुरूषों की अपेक्षा आध्यात्मिकता और धार्मिकता बहुत ज्यादा होती है। सीखने की भी एक उम्र होती है। इसलिए नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा बचपन से ही दिया जाना चाहिए।

 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी. भिलाई) के डायरेक्टर रजत मूना ने कहा कि जिस किसी से हमें जीवन में कुछ सीखने को मिलता है वह सभी हमारे लिए शिक्षक हैं। मनुष्य को अपनी क्षमता और शक्ति पर किसी तरह का अहंकार नहीं होना चाहिए। क्रोध से भी कोई फायदा नहीं है इसलिए इनसे बचना चाहिए। यह दोनों ही बुराइयाँ हमें नुकसान पहुचाती हैं। प्रकृति हमें सर्दी, गर्मी और बाढ़ के माध्यम से यह सबक सिखाती है कि उसके आगे मनुष्य तुच्छ है।

 

ट्रीपल आई. टी. के रजिस्ट्रार लेफ्टिनेन्ट कर्नल राजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षा में मूल्यों का बहुत ज्यादा महत्व है। हमको सेना में देशभक्ति के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से जो संस्कार हमें घर पर मिलते हैं वह बड़े होने पर बहुत काम आते हैं। तकनीकी ज्ञान के साथ ही जीवन मूल्यों का ज्ञान भी जरूरी है। अगर हमारे अन्दर मानवता के कल्याण की भावना नहीं है तो हमारी शिक्षा अधूरी है।

 

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली ने बहुत तरक्की की है। वर्तमान शिक्षा अच्छे डॉक्टर, इन्जीनियर तो बना रही है किन्तु आध्यात्मिक शिक्षा के अभाव में समाज में अच्छे इन्सानों की कमी हो गई है। उच्च शिक्षित होने के बावजूद लोगों का मनोबल बहुत कमजोर है। इसीलिए लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे समय पर जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन रखने की जरूरत है।

 

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि शिक्षक वह शिल्पकार है जो अनेक चैतन्य मूर्तियों को गढऩे का काम करता है। नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा से हमारी सोच सकारात्मक बनती है।

 

परिचर्चा का संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने किया।

 

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, रायपुर

फोन: 0771-2253253, 2254254

 

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रक्तदान शिविर

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– ब्रह्माकुमारीज के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में दो दिवसीय रक्तदान शिविर में कुल 180 यूनिट रक्त संग्रह किया गया…
– रक्तसंग्रह का ब्रह्माकुमारीज का प्रयास सराहनीय… स्वास्थ्य मंत्री, छ.ग.
– यह शिविर देश में रक्त की कमी को पूरा करेगा… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
– कोई व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है…अशोक अग्रवाल, चेयरमेन, रेडक्रास
– सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं…एम.के. राऊत, सीईओ, रेडक्रास रायपुर

रायपुर (छ.ग.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 23 और 24अगस्त को शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में 129 भाई और 51 माताओं ने रक्तदान किया जिससॆ कुल 180 युनिट रक्त संग्रह हुआ। इसका उद्घाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने किया।

उल्लेखनीय है कि ब्रह्मकुमारी संस्थान ने भारत के 6000 से ज्यादा सेंटरों और नेपाल में एक साथ रक्तदान महाअभियान की शुरुआत की । एक लाख यूनिट से ज्यादा रक्तदान के लक्ष्य के साथ शुरू इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा।

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि भारत में अर्थ दान, भूमि दान, कन्या दान सहित विभिन्न दान की परंपरा है। इनमें रक्तदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों को नया जीवन मिलता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान का यह प्रयास सराहनीय है। छत्तीसगढ़ शासन भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर जागरूकता अभियान चला रहा है। हर जिले में ब्लड बैंक खुल चुके हैं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रेडक्रास सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पूर्व आईएस एमके राऊत ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी जल्द ही खून की जांच के लिए 10 मोबाइल एटीएम चालू करने जा रही है। इससे महज पांच मिनट में खून की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी दूर-दराज के इलाकों में खून की जांच में 12 घंटे लग जाते हैं। रक्तदान को लेकर एक मिथक है कि सिर्फ पुरुष ही दान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए इस संस्थान की बहनों का उत्साह इस मिथक को तोड़ेगा।

रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक अग्रवाल (आईएएस) ने कहा कि एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है। आज कई बीमारियां हैं जिनके इलाज के लिए खून की जरूरत होती है। सोसायटी के ब्लड बैंकों में खून के लिए आने वालों को पास डोनर नहीं हो तो भी हम निर्धारित शुल्क लेकर ब्लड देते हैं। जो न्यूनतम शुल्क देने में भी सक्षम नहीं हैं, उन्हें मुफ्त दिया जाता है।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि इस रक्तदान शिविर का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रेडक्रॉस रायपुर के सहयोग से किया गया था। यह शिविर न केवल रक्त की कमी को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। रक्तदान से आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।

उन्होने कहा कि रक्तदान केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।

प्रारम्भ में ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने अभियान की रूपरेखा बताई और ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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श्रीकृष्ण मनमोहक झाँकी..

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– ब्रह्माकुमारीज द्वारा शान्ति सरोवर सड्ढू में सजाई मई मनमोहक झाँकी…
– बाल कलाकारों द्वारा ”श्री कृष्ण का तुलादान” प्रसंग की मनभावन प्रस्तुति…
– श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास करें…ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत महारास ने सभी को लुभाया…

रायपुर, 16 अगस्त, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बहुत ही आकर्षक झाँकी सजाई गई है। जिसमें इस संस्थान के बाल कालाकारों द्वारा महारास और श्रीकृष्ण का तुलादान नामक नृत्य नाटक की प्रस्तुति मन को मोह लेती है। इस झाँकी का शुभारम्भ क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि श्रीकृष्ण जयन्ती का यही ईश्वरीय सन्देश है कि श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का पुरूषार्थ किया जावे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में श्रीकृष्ण की जयन्ती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में गहन चिन्तन कर उसे धारण करने की जरूरत है।

उन्होंने बतलाया कि मनुष्य के अन्दर व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही उसके परम शत्रु हैं। जब हम इन विकारों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तभी हम सुख और शान्ति से जीवन यापन कर सकेंगे। गीता के माध्यम से समाज को यह सन्देश दिया गया है कि परमात्मा के साथ प्रीत बुद्घि होकर रहो क्योंकि इससे ही परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में परमात्मा की मदद मिल सकेगी।

इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अवगत कराया कि श्रीकृष्ण का तुला दान नाटक में यह दर्शाया गया है कि सत्यभामा ने कृष्ण को माया और शक्ति के माध्यम से प्राप्त करना चाहा किन्तु पा न सकी। वहीं दूसरी ओर रूक्मणी ने सच्ची प्रीत से प्रभु को पा लिया। यह जीवन्त झाँकी रविवार को शाम पांच बजे से रात के दस बजे तक जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

 

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स्वतंत्रता दिवस

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शान्ति सरोवर में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने फहराया तिरंगा

– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में धूमधाम से पन्द्रह अगस्त मनाया गया…
– शहर के बाल कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से जमाया रंग…
– पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से तो आजादी मिली किन्तु विकारों की गुलामी से आजादी पाना शेष…हेमलता दीदी

रायपुर, 15 अगस्त 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने तिरगंा फहराया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को समझना होगा। ताकि आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

उन्होंने कहा कि सच्ची आजादी पाने के लिए हमें अपने भीतर की बुराइयों को दूर करना होगा। ऐसा लगता है कि असली आजादी अभी बाकी है। वह तभी मिलगी जब हम प्रेम और शान्ति से रहना सीखेंगे। हर-घर तिरंगा अभियान से राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना सारे देश में फैली है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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