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ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की तीसरी पुण्यतिथि पर आयोजित मीडिया संवाद 

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ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की तीसरी पुण्यतिथि पर आयोजित मीडिया संवाद
मीडिया मनोरंजन के साथ ही मानवीय मूल्यों को जागृत करने में योगदान दे…
ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी
रायपुर, ४ दिसम्बर: माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत की सह सम्पादिका ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी ने कहा कि समाज में मीडिया का बहुत प्रभाव है। मीडिया द्वारा प्रसारित बातों का हमारे मन पर गहरा असर होता है। इसी से व्यक्तित्व का निर्माण होता है और समाज को भी दिशा मिलती है। आज समय की मांग है कि मीडिया ऐसी सामग्री दे जो मानवीय मूल्यों को जागृत करे। तब ही समाज में बदलाव आएगा।
ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी आज विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर में ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई की तीसरी पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम में बोल रही थीं। चर्चा का विषय था सामाजिक बदलाव में मीडिया की भूमिका।
उन्होंने आगे कहा कि मीडिया दुव्र्यसनों से होने वाली बुराइयों को उजागर कर लोगों को उससे दूर रहने के लिए प्रेरित कर सकता है। समाज में उँचे पदों पर बैठे लोग भी निराश और हताश होकर नशे का सहारा लेने लगते हैं। अत: लोगों को व्यसनों से दूर रहने के लिए सचेत करने की आवश्यकता है।
कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी को श्रद्घाजंलि देते हुए कहा कि उन्होंने मूल्यनिष्ठ मीडिया के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने आगे बतलाया कि नैतिक मूल्यों की पुर्नस्थापना से ही समाज में बदलाव आएगा। पत्रकारिता के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी मूल्यों का समावेश होना चाहिए।
माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि मीडिया को वर्तमान सामाजिक जरूरत के अनुरूप अपना एजेण्डा पुन: निर्धारित करने की जरूरत है। यदि लोगों के जीवन में सुख शान्ति नहीं है तो ऐसे विकास का कोई महत्व नहीं है। नैतिक मूल्यों में गिरावट आने से समाज में निराशा और हताशा बढ़ रही है। आज मीडिया में अस्सी प्रतिशत सामग्री राजनीतिक समाचारों पर केन्द्रित होती हैं। शेष बाजार से प्रभावित सामग्री होती है। अब उसे आम आदमी से जुड़ी सामग्री देने के बारे में सोचना चाहिए।
दैनिक भास्कर के संपादक शिव दुबे ने कहा कि मीडिया और समाज एक दूसरे के पूरक हैं। समाज में बदलाव आता है तो मीडिया में भी परिवर्तन आता है। इसीलिए समाज में जो नकारात्मक बातें आ रही हैं उसे ही मीडिया अपने ढंग से दिखाता है। इन सबसे अलग जिन्होंने अपने विचार समाज में लादने की कोशिश की वह आज परिदृश्य से गायब हो गए हैं। इसलिए जैसे जैसे समाज में बदलाव आएगा वैसे वैसे मीडिया में भी परिवर्तन आएगा।
वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में व्यवसायियों के आ जाने से पेन तो पत्रकारों का है लेकिन स्याही मालिक की हो गई है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति इलेक्ट्रानिक मीडिया की है। वह अपना ज्यादा समय विवादों में चर्चा पर लगाने की बजाए समाज की विसंगतियों को उठाने पर दे तो अच्छा होगा।
आकाशवाणी के समाचार सम्पादक विकल्प शुक्ला ने कहा कि मीडिया को समाज का दर्पण कहा जाता है लेकिन क्या आज मीडिया समाज का सही बिम्ब दिखाने में सक्षम सिद्घ हो रहा है? बाजारवाद और पूंजीवाद के प्रभाव में आकर हम आज समाज से दूर हो गए हैं। समाज को उठाना भी मीडिया की जिम्मेदारी होती है।
(मीडिया मनोरंजन के साथ ही …पिछले पृष्ठ का शेष…)
आई.बी.सी.२४ न्यूज चैनल के संपादक रविकान्त मित्तल ने कहा कि वर्तमान मीडिया सिर्फ मनोरंजन और ग्लैमर तक सिमट कर रह गया है। इसी कारण उद्देश्य से दूर हो गए हैं। मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझकर बैलेन्स बनाकर चलना होगा। फेक न्यूज समाज को गलत दिशा में ले जा रहा है। इसे हमें पहचानना होगा।
प्रेस कौंसिल ऑफ इण्डिया के सदस्य प्रदीप जैन ने कहा कि सामाजिक बदलाव एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान समय संचार क्रान्ति के युग में एक सेकण्ड में देश-विदेश की खबरों को हम जीवन्त देख लेते हैं। तार्किक और सतत् इन बातों का ध्यान रखकर मीडिया सामग्री को तैयार करें तो समाज की प्रगति में योगदान कर सकते हैं। समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को देखते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थी अपने तर्कपूर्ण विचारों की सहायता से न्यूज बनाएं।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने सभी मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया समाज का महत्वपूर्ण इकाई है। मीडिया की विश्वसनीयता के कारण उसकी बातों को समाज महत्व देता है। इसलिए उसे सामाजिक परिवर्तन के कार्य में मददगार अवश्य बनना चाहिए।
मीडिया संवाद कार्यक्रम में पायोनियर के सम्पादक गंगेश द्विवेदी, बंसल न्यूज के स्टेट हेड जयप्रकाश पाराशर, क्लीपर टाइम्स २८ के सम्पादक श्याम वेताल, इण्डिया न्यूज के सम्पादक संजय शेखर, मुख्यमंत्री के पीआरओ उमेश मिश्रा, अमृत सन्देश के स्थानीय सम्पादक संजीव वर्मा, हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, ग्लीब्स न्यूज पोर्टल की सम्पादिका प्रियंका कौशल, वरिष्ठ पत्रकार मधुकर द्विवेदी, रवि भोई, भाग्योत्कर्ष के सम्पादक आशुतोष मिश्रा, केटीयू में सहायक प्राध्यापक नरेन्द्र त्रिपाठी, मितान एक्सप्रेस के सम्पादक के. वी. टी. श्रीधर राव, नव प्रदेश के सम्पादक यशवन्त धोटे आदि ने भाग लिया।
प्रेषक : मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
शान्ति सरोवर, रायपुर

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आने वाले समय में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व शांति के प्रयासों का प्रमुख केंद्र होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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मोदी ने कहा- इस संस्थान से मेरा अपनापन है, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में शब्द कम, सेवा ज्यादा है…
– शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड समाज के नाम समर्पित…
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया लोकार्पण, पीएम ने मेडिटेशन रुम में लगाया ध्यान…
– मोदी ने अपने सम्बोधन में अध्यात्म, विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति और ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभवों का उल्लेख किया…
– राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी, अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार डॉ. मृत्युंजय भाई भी रहे मौजूद…

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के नवा रायपुर में नवनिर्मित शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर को समाज के नाम समर्पित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मेडिटेशन रुम में कुछ समय ध्यान भी लगाया। शांति शिखर के विशाल ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में अध्यात्म, विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति और ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। मंच पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी, अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. मृत्युंजय भाई भी मौजूद रहे।

ओम शांति के सम्बोधन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने स्वयं को ही नहीं बल्कि विश्व और ब्रह्मांड को शांति के प्रयासों से जोड़ा है। आपका पहला सम्बोधन ही ओम शांति है। ओम अर्थात् ब्रह्म और संपूर्ण ब्रह्मांड तथा  शांति अर्थात् शांति की कामना है। इसलिए ब्रह्माकुमारी के विचारों का हर किसी के अंतर्मन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारा अध्यात्म हमें सिर्फ शांति का पाठ ही नहीं सिखाता अपितु वह हमें हर कदम पर शांति की राह भी दिखाता है। विश्व शांति की अवधारणा भारत के मौलिक विचारों का हिस्सा है।

यहां शब्द कम, सेवा ज्यादा है-
मैंने हमेशा अनुभव किया है, ब्रह्माकुमारी संस्थान में शब्द कम और सेवा ज्यादा है। मैं शांति शिखर की संकल्पना में दादी जानकी जी के विचारों को साकार होते हुए देख रहा हूं। राज्य के विकास से देश का विकास के मंत्र पर चलते हुए हम भारत को विकसित बनाने के अभियान में जुटे हैं। विकसित भारत की इस अहम यात्रा में ब्रह्माकुमारीज़ जैसी संस्था की अहम भूमिका है। मैंने इस आध्यात्मिक आंदोलन को वटवृक्ष की तरह विशाल होते देखा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है आचार्य परमोधर्म:, आचार्य परमोतपं, आचार्य परमज्ञानमं, आचार्य किं साध्यते अर्थात आचरण ही सबसे बड़ा धर्म है, आचरण ही सबसे बड़ा तप है और आचरण ही सबसे बड़ा ज्ञान है। आचरण से क्या कुछ सिद्ध नहीं हो सकता है। बदलाव तब होता है जब अपने कथन को करनी में उतारा जाए और यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्त्रोत है। जहां हर बहन पहले कठोर तप और साधना में खुद को तपाती है। समाज को सशक्त करने में ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थाओं की अहम भूमिका है।

श्री मोदी ने ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अनुभव किए साझा-
ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा तो सौभाग्य रहा है कि मैं बीते कई दशकों से आप सबके साथ जुड़ा हुआ हूं। मैं यहां अतिथि नहीं हूं मैं आपका ही हूं। इस संस्थान से मेरा अपनापन है। खासकर जानकी दीदी का स्नेह, राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी जी का मार्गदर्शन यह मेरी जीवन की विशेष स्मृतियों का हिस्सा है। मैं बहुत भाग्यवान रहा हूं। वर्ष 2011 में अहमदाबाद में फ्यूचर ऑफ पावर कार्यक्रम हो, वर्ष 2012 में संस्था की स्थापना के 75 वर्ष हो या वर्ष 2013 में प्रयागराज के कार्यक्रम हो, आबू जाना हो या गुजरात में किसी कार्यक्रम में जाना हो यह तो बहुत रुटीन सा हो गया था। दिल्ली आने के बाद भी आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ा अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान या जल जन अभियान इन सबसे जुड़ने का मौका हो, मैं जब भी आपके बीच आया हूं। आपके प्रयासों को बहुत गंभीरता से देखा है।

दुनिया के हर देश में ब्रह्माकुमारी के लोग मिले-
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया में मैं जहां-जहां गया, एक भी देश ऐसा नहीं होगा जहां एयरपोर्ट हो या कार्यक्रम का स्थान हो मुझे ब्रह्माकुमारीज़ के लोग नहीं मिले हों, उनकी शुभकामनाएं मेरे साथ न रहीं हों। इसमें मुझे अपनेपन का एहसास भी होता है और आपकी शक्ति का भी अंदाजा लगता है। जिन सपनों को लेकर आप चलें हैं वह सपने नहीं है, वह संकल्प होते हैं। आपके संकल्प पूरे हों।

यह ऊर्जा लोगों को शांति प्रयासों से जोड़ेगी-
श्री मोदी ने कहा कि आज हमारा छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड और उत्तराखंड की स्थापना के भी 25 वर्ष पूरे हुए हैं। देश के और भी कई राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। मैं इन सभी राज्यों के निवासियों को स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज का दिन बहुत विशेष है। मुझे विश्वास है शांति शिखर जैसे संस्थान भारत के प्रयासों को नई ऊर्जा देंगे। इस संस्थान से निकली ऊर्जा देश-दुनिया के लाखों लोगों को विश्व शांति के इस विचार से जोड़ेंगी।

अध्यात्म पर बोले प्रधानमंत्री- अध्यात्म दिखाता है शांति की राह-
श्री मोदी ने अध्यात्म पर कहा कि आत्म संयम से आत्म ज्ञान, आत्म ज्ञान से आत्म साक्षात्कार और आत्म साक्षात्कार से आत्म शांति। इसी पथ पर चलते हुए शांति शिखर एकेडमी में साधक वैश्विक शांति का माध्यम बनेंगे। ग्लोबल पीस के मिशन में जितनी अहमियत विचारों की होती है, उतनी ही बड़ी भूमिका व्यावहारिक नीतियों और प्रयासों की भी होती है। भारत उस दिशा में आज अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी के साथ निभाने का प्रयास कर रहा है। पूरी दुनिया में कहीं भी संकट आता है, कोई आपदा आती है तो भारत एक भरोसेमंद साथी के तौर पर मदद के लिए आगे आता है। भारत फर्स्ट रिस्पांडर होता है। विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भाव हो ऐसी उदार सोच के साथ हमारे यहां हर धार्मिक अनुष्ठान होता है। विश्व कल्याण की भावना का आस्था से सहज संगम हमारी सभ्यता, संस्कृति का सहज स्वभाव है। ये भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रकट रूप है। क्योंकि हम वो हैं जो जीव में शिव को देखते हैं। हम स्वयं का विस्तार सर्वस्व तक करते रहते हैं।

प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखना होगा-
श्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण का आहृान करते हुए कहा कि आज पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के बीच भारत पूरे विश्व में प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बना हुआ है। बहुत आवश्यक है कि प्रकृति ने हमें जो दिया है हम उसका संरक्षण और संवर्धन  करें। यह तभी होगा जब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखेंगे। हमारे शास्त्रों और प्रजापिता ने यही सिखाया है- हम नदियों को मां मानते हैं, जल में देवता के दर्शन करते हैं, पौधों में परमात्मा को देखते हैं। इसी भाव से प्रकृति और उसके संसाधनों का उपयोग, प्रकृति में केवल लेने का भाव नहीं, बल्कि उसे लौटाने की सोच, आज यही वे ऑफ लाइफ दुनिया को सेफ फ्यूचर का भरोसा देता है। भारत अभी से भविष्य के प्रति अपनी इन जिम्मेदारियों को न केवल समझ रहा है, बल्कि उन्हें निभा भी रहा है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रीड जैसे भारत के इनीशिएटिव वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का भारत के विजन के साथ आज दुनिया जुड़ रही है।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की ओर से प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनंदन है। परमात्मा आपको उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें ताकि आपके भारत के विश्व गुरु बनाने के संकल्प को सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे और आपके नेतृत्व में देश आगे बढ़ता रहे।

झलकियां-
– अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने छत्तीसगढ़ी टोपी (खुमरी) और माला पहनाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
– अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी ने शॉल भेंट कर प्रधानमंत्री का सम्मान किया।
– परिसर में पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी और प्रधानमंत्री मोदी की आकर्षक रंगोली भी सजाई गई थी जिसे श्री मोदी ने देखा।
– पूरे परिसर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया था।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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