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Brahmakumaris Raipur

शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में होली त्यौहार रंगोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया …

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रायपुर के कुमार भाईयों की विशेष क्लास एवं पिकनिक रखी गयी…
– क्लास में चन्दन का टीका लगाकर और मुख मीठा कराकर मनाया रंगोत्सव…
– होलिका में अपनी कमी कमजोरियों को स्वाहा कर तपस्वी कुमार बनना है…बीके सविता दीदी
– कुमारों को गुपचुप के साथ खीर पूरी का भोग लगाया गया…

रायपुर, 25 मार्च 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में होली का त्यौहार रंगोत्सव बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, किरण दीदी, रश्मि दीदी, भावना दीदी, वनिषा दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, स्मृति दीदी, पूर्णिमा दीदी आदि-आदि बहनों ने क्लास में उपस्थित भाई-बहनों को ज्ञान के साथ-साथ गुलाब जल छिड़ककर होली की शुभकामनाएं दी। बाद में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने सभी को चंदन का टीका लगाकर होली की खास मिठाई गुझिया खिलाकर मुख मीठा कराया।

आदरणीय कमला दीदी हमेशा दीपावली और होली पर कुमारों की क्लास और ब्रह्माभोजन रखा करती थीं उसी परम्परा का निर्वहन करते हुए आज शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बीके सविता दीदी ने रायपुर के कुमार भाईयों की विशेष क्लास एवं पिकनिक रखी थी। जिसमें लगभग सौ कुमार भाई उपस्थित हुए। इन कुमारों को सत्यम, शिवम, सुन्दरम, होली हंस और विजयी रतन नामक अलग-अलग पांच समूहों में विभक्त कर ब्रह्माकुमारी बहनों ने बहुत सुन्दर ज्ञान-योग से सम्बन्धित प्रश्न-उत्तर किए। सही उत्तर देने पर उन्हें नम्बर भी प्रदान किए। इस प्रकार सभी बहुत रिफ्रेश और खुश हुए।

इस अवसर पर कुमारों की क्लास कराते हुए ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि कुमार माना निर्बन्धन। सब कुछ करने में सक्षम। कुमार सेवा में हमेशा आगे रहते हैं। लेकिन सेवा का मूल आधार है- स्वस्थिति। अगर स्वस्थिति अच्छी रहेगी तो कोई भी परिस्थिति आ जाए अचल और अडोल बने रहेंगे। हमारे यज्ञ में आदरणीय जगदीश भाई साहब नम्बरवन कुमार थे। कितनी अथक होकर उन्होंने यज्ञ की सेवा की। बाबा-मम्मा सहित सभी की दुआएं उन्हें मिली। वह कितने प्रतिभाशाली थे कि यज्ञ का सारा साहित्य उन्होंने अकेले ही लिख डाला। इसी प्रकार हमारे जोन के प्रमुख आदरणीय ओमप्रकाश भाई जी भी एक कुमार थे। वह सेवा में हमेशा कुछ न कुछ नवीनता करने के लिए जाने जाते थे। हमें भी उनके जैसा सेवाधारी बनना है। हमारी आदरणीय बड़ी बहन जी (कमला दीदी) जब ज्ञान में आयीं तो टेप में फिल्मी गीत सुनकर बाबा की याद में मग्न हो, खो जाती थीं। पड़ोसी समझते थे कि पागल हो गई है? क्या ऐसा रूहानी नशा/ नारायणी नशा हमको भी चढ़ता है? स्वयं को चेक करना है?

उन्होंने कुमारों को इलेक्ट्रानिक गजट का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए कहा कि इनके दुरूपयोग से आज के युवाओंं का मनोबल कमजोर हो रहा है। मनोबल शक्तिशाली बनेगा ज्ञान और योग से। रात को सोने से एक घण्टा पहले मोबाईल को दूर रख देना। बाबा को याद करते हुए, उनसे बातें करते हुए और अव्यक्त वाणी पढ़ते हुए सोएंगे तो नींद अच्छी आएगी। अमृतबेला भी अच्छा होगा। ज्ञान-योग में मजा आएगा। तब महसूस होगा कि यह ब्राह्मण जीवन कितना सुखदायी है। यह भी लक्ष्य रखना कि मुरली कभी मिस नहीं करना है। होलिका दहन करते हैं तो उसमें अपनी कमी कमजोरियों को स्वाहा करना है। तपस्वी कुमार बनना है। बाबा को जो पसन्द है, वैसा ही जीवन जीना है। ओमशान्ति।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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