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Brahmakumaris Raipur

दादी जानकी जी की चतुर्थ पुण्य तिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्घाजंलि दी

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– दादी जानकी जी की चतुर्थ पुण्य तिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्घाजंलि दी गई…
– दादी जानकी की गणना विश्व के दस प्रमुख  बुद्धीजिवियों  में होती थी… सविता दीदी
– दादी जानकी जी को मोस्ट स्टेबल माईण्ड इन द वर्ल्ड का खिताब मिला था…

रायपुर (छ.ग.) 28 मार्च 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी की चतुर्थ पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्घाजंलि दी गई। विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर में आयोजित समारोह में रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इस अवसर पर दादी जानकी का श्रद्घापूर्वक पुण्य स्मरण करते हुए ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि वह ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं। दादी जी विश्व के उन दस प्रमुख बुद्धीजिवियों (Keepers of Wisdom) में शामिल थी जिन्हें वर्ष 1992 में रियो-डि-जेनरियो में सम्पन्न प्रथम पृथ्वी महासम्मेलन (First Earth Summit) में विश्व के प्रमुख नेताओं का मार्गदर्शन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनोनीत किया गया था। भारत देश से सिर्फ दो लोगों को यह सौभाग्य मिला था जिनमें से एक दादी जानकी और दूसरे बौद्घ धर्मगुरू दलाई लामा थे।

उन्होंने आगे बतलाया कि दादी जी ने राजयोग की अपनी उपलब्धियों से दुनिया के वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया था। आस्ट्रेलिया की युनिवर्सिटी ऑफ मेलबोर्न, अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, सेनफ्रान्सिस्को की युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया जैसी प्रख्यात संस्थाओं ने वैज्ञानिक परीक्षण में देखा कि परस्पर वार्तालाप करते हुए तथा गणितीय प्रश्नों का समाधान करते हुए भी दादी जी के मस्तिष्क से हमेशा डेल्टा तरंगें ही प्रवाहित होती हैं। जबकि सामान्यत: गहन विश्राम अथवा निद्रा की अवस्था में ही डेल्टा तरंगे (सबसे धीमी तरंगे Slowest Brain Waves) निकलती हैं।
इस प्रकार का परीक्षण वैज्ञानिकों ने विभिन्न योगियों के साथ किया किन्तु कहीं पर भी ऐसा अद्भुत परिणाम देखने को नहीं मिला। फलस्वरूप वैज्ञानिकों ने उन्हें सर्वाधिक स्थिर चित्त महिला अर्थात मोस्ट स्टेबल माईण्ड इन द वर्ल्ड (Most stable mind in the world)  घोषित किया था। इतना ही नहीं उन्होंने अंग्रेजी का ज्ञान नही होने के बावजूद लन्दन में रहकर विदेश में संस्थान की सेवाओं का विस्तार किया। उन्हीं के सद्प्रयासों से आज ब्रह्माकुमारी संस्थान की शाखाएं विश्व के 140 देशों में कार्यरत हैं।

 

 

Brahma Kumaris News

PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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