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युवा अपनी असली ताकत को पहचान कर रचनात्मक कार्य करें …. डॉ. मानसिंह परमार

प्रेस विज्ञप्ति
युवा अपनी असली ताकत को पहचान कर रचनात्मक कार्य करें …. डॉ. मानसिंह परमार
रायपुर, ११ नवम्बर : कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि युवा अपनी असली ताकत को पहचानें और स्वयं को सकारात्मक दिशा दें। इस समय युवाओं में हिंसा, अपराध, नशाखोरी, आतंकवाद, मूल्यहीनता आदि आदि दुर्गुण देखने को मिल रहे हैं। सफलता को जल्दी पाने की इच्छा और सही मार्गदर्शन के अभाव में युवक गलत मार्ग पर चल पड़ते हैं। आज यह सोचने का विषय है कि क्या देश की युवाशक्ति सही दिशा में जा रही है?
श्री परमार आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के युवा प्रभाग द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित मेरा भारत स्वर्णिम भारत युवा बसयात्रा के अन्तर्गत गुजरात से चलकर दस राज्यों का भ्रमण करते हुए बयालिस हजार किलोमीटर की यात्रा कर रायपुर आए युवाओं के अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. मानसिंह परमार ने आगे कहा कि युवाओं में अदम्य उत्साह, चुनौतियों का सामना करने की क्षमता, सपनों को पूरा करने का हौसला तथा मानसिक और शारीरिक उर्जा होती है। लेकिन यह दु:ख की बात है कि आज के समय में युवाओं में टूटते हुए सपनों से हताशा, असन्तोष और तनाव दिखाई देता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मार्ग में इन युवाओं ने लोगों को धार्मिक अन्धविश्वासों, कुरीतियों और व्यसनों आदि का त्याग करने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया है।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. एल. वर्मा ने कहा कि युवा राष्ट्र निर्माता होते हैं। उनकी उर्जा को सकारात्मक दिशा दे दी जाए तो वह स्वर्णिम भ् ाारत के निर्माण में मददगार बन सकते हैं। उन्होंने बतलाया कि शिक्षा मतलब सिर्फ लिखना-पढऩा नहीं होता। लेकिन इसमें आदर्श मनुष्य बनने की प्रक्रिया भी शामिल है। हमारी शिक्षा लोगों को कुशल तो बना रही है किन्तु आदर्श युवा बनाने में सक्षम सिद्घ नहीं हो पा रही है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संगठन की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान युवाओं के माध्यम से श्रेष्ठ समाज के निर्माण का कार्य कर रही है।
ब्रह्माकुमारी संगठन के क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि सृजनशील युवाओं की सहभागिता से ही देश में नैतिक मूल्यों की पुनस्र्थापना होगी तथा देहजप्रथा, धार्मिक अन्धविश्वास, कुरीतियों और नशाखोरी जैसी बुराइयों का उन्मूलन होगा। छत्तीसगढ़ की धरती का परम सौभाग्य है कि इतने तपस्वी, निव्यर्सनी और सन्देश वाहक युवकों के कदम छत्तीसगढ़ राज्य में पड़े। बसयात्रा छत्तीसगढ़ में पच्चीस दिन तक रहेगी और विभिन्न शहरों में जाकर आध्यात्मिक सन्देश देने का कार्य करेगी। इन पदयात्राओं का उद्देश्य युवाओं में आध्यात्मिक जागृति लाना है। इसलिए यह बसयात्री युवाओं ने सिर्फ सड़कों को ही नहीं नापा अपितु यह रास्ते में अनेक गॉंवों और विद्यालयों में गए। वहाँ के लोगों को जागृत किया।
बस यात्रा की टीम लीडर अहमदाबाद की ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने कहा कि यह युवक हजारों किलोमीटर की दूरी चलकर आए वह तो महत्वपूर्ण उपलब्धि है ही लेकिन मार्ग में समाज को दिशा देते चले आ रहे हैं जो कि बड़े ही गौरव की बात है। समाज को जोडऩे के लिए आज ऐसे ही प्रयासों की आवश्यकता है। समारोह को हरियाणा के कम्प्यूटर इन्जीनियर ब्रह्माकुमार कमल भाई ने भी सम्बोधित किया। संचालन रायपुर की राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी ने किया।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज शान्ति सरोवर,
रायपुर सम्पर्क: ९४२५५०२२५५
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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…
रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।
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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…
रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।
ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।
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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।
रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।
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