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कला एवं संस्कृति सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम…
प्रेस विज्ञप्ति
शीर्षक : १. कला एवं संस्कृति सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम…
२. सामाजिक विषमताओं को दूर करने में कला एवं संस्कृति की अहम भूमिका…
रायपुर, १८ नवम्बर: अतिरिक्त पुलिस निदेशक अरूण देव गौतम ने कहा कि कला एवं संस्कृति सामाजिक परिवर्तन का बहुत ही सशक्त माध्यम है। सामाजिक विषमताओं को दूर करने में यह अहम भूमिका निभा सकता है। स्वर्णिम संस्कृति से ही स्वर्णिम संसार बनेगा।
श्री गौतम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित अखिल भारतीय सांस्कृतिक महासम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। विषय था स्वर्णिम संस्कृति से स्वर्णिम संसार।
उन्होंने आगे कहा कि सृष्टि का प्र्रारम्भ ही नाद (ध्वनि) से हुआ है। ओम में पूरी सृष्टि समायी हुई है। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति और साहित्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। वास्तव में आपके अन्दर मन के जो भाव है उसको सशक्त ढंग से दूसरों के आगे अभिव्यक्त करना ही कला कहलाता है। कलाकार यदि ठान ले कि समाज की सोच को मुझे बदलना है तो यह सहज ही सम्भव हो सकता है।
मुम्बई की कला एवं संस्कृति प्रभाग की क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी नेहा दीदी ने कहा कि वर्तमान समाज में कलाकारों का बहुत महत्व है। कलाकारों की एक-एक बातों का समाज अनुसरण करता है। कलाकारों में इतनी ताकत है कि वह समाज को दिशा देने का कार्य कर सकता है। उन्होंने सभी से अपनी वाणी में मिठास लाने की सलाह देते हुए कहा कि हमारे बोल मीठे होंगे तो इससे हमें लोगों की दुआएं प्राप्त होंगी। फलस्वरूप हमें शान्ति, सुख और सन्तोष मिलेगा जो कि सामाजिक बदलाव के कार्य में मददगार सिद्घ होगा।
टेलीविजन एवं फिल्म कलाकार मुम्बई की सुश्री अंजलि अरोरा ने कहा कि वह वर्ष २०१३ में उनके परिवार में हुए दुखद दुर्घटना की वजह से वह शान्ति की तलाश में भटक रही थी तब उनके एक मित्र ने ब्रह्माकुमारी संस्थान का परिचय दिया। इस प्रकार वह ब्रह्माकुमारी संस्थान के सम्पर्क में आयीं। यहाँ राजयोग मेडिटेशन से उन्हें बहुत शान्ति मिली। जब वह माउण्ट आबू गईं तो वहाँ के शान्त, मनोरम और पवित्र वातावरण ने उन्हें बहुत अधिक प्रभावित किया। तब से वह इस संगठन से नियमित रूप से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बतलाया कि वह कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं जैसे कि सुल्तान, आलूचाट, गंगा की सौगन्ध, बाल ब्रह्मचारी आदि। इसके अलावा कई सीरियल्स में भी काम किया है जिनमें से मुख्य हैं-क्राईम पेट्रोल, शक्तिमान, कलर चैनल पर प्रसारित ये प्यार न होगा कम, कश्मीर आजकल, बन्धन, नरगिस, हैप्पी होम, डैडी समझा करो और नव्या आदि।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कला एवं संस्कृति प्रभाग के सभी सदस्यों का छत्तीसगढ़ में स्वागत किया और कहा कि इसी तरह साल में एक बार समय निकालकर यहाँ आकर मीटिंग करें। यहाँ के शान्त और पवित्र वातावरण में उन्हें अच्छी-अच्छी प्रेरणाएं मिलेंगी।
इससे पहले कला एवं संस्कृति प्रभाग के माउण्ट आबू समन्वयक ब्रह्माकुमार सतीश भाई, नितिन भाई और दुर्ग के युगरत्न भाई ने सुमधुर गीत प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। संचालन दिल्ली की ब्रह्माकुमारी रचना और रश्मि दीदी ने किया। समारोह में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मुम्बई, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने भाग लिया।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, रायपुर
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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…
रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।
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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…
रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।
ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।
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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।
रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।
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