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सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारम्भ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया

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सादर प्रकाशनार्थ

– पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान का कार्य सराहनीय…राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
– सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना सम्भव …राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन
– राष्ट्रपति के आगमन से ऐसा लगा जैसे कोई अपना व्यक्ति, अपने ही घर आया…मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

 

रायपुर 31 अगस्त 2023: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के वार्षिक परियोजना-सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारम्भ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युजंय भाई, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, ज्यूरिष्ट प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके नथमल, शिक्षाविद प्रभाग की एडीशनल डायरेक्टर बीके लीना, बीके आशा और बीके सविता दीदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलिक करके किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी और राजधानी के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सभी को जय जोहार! के साथ अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि  पूरी मानवता की कल्याण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मनुष्य की सोच और व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए ऐसे कार्यक्रम शुरू कर यह संस्थान बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए संस्था को बधाई देती हूँ।

उन्होंने आगे कहा कि एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है। विश्वस्तर पर खेल में कीर्तिमान रच रहा है। दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों और अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए हार-जीत तो होती रहती है। उन्होंने छात्रों को धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में प्रयास करने और कभी निराश न होने का सन्देश दिया।

उन्होंने कहा कि बच्चों पर काम्पिटिशन का बहुत ज्यादा प्रेशर है जितना जरूरी उनका करियर है। उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। मुझे लगता है कि इस पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो तनाव में आधी-अधूरी जिंदगी जी कर चले जाते हैं। हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह युग विज्ञान का युग है। अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं किन्तु उनमें थोड़ा धैर्य कम होता है। इस दिशा में अध्यात्म उनकी मदद कर सकता है। हमारे ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं। मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्माकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी। ब्रह्माकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वहाँ पर सिखाते हैं।

उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं। साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़े तो जीवन आसान हो जाएगा। जिंदगी को कैसे सफलता से जीये, किस तरह सुख से जीवन जिये, इसका रास्ता बहुत सरल है। हम केवल एक शरीर नहीं हैं। हम एक आत्मा हैं। परम पिता परमात्मा का अभिन्न अंग है। मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिये। ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको सही रास्ता दिखा सके।

उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में शांति के लिए कार्य कर रही है। यह संगठन दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। छत्तीसगढ़ में ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए संस्थान को बधाई देती हूँ। स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा।

– सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना …राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन

राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन ने सभा को सम्बोधन करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच अपनाकर हम दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि सकारात्मक परिवर्तन का यह वर्ष आप सभी के जीवन में सुखद बदलावों का साक्षी बने और समाज खुशहाल रहे तथा हमारा देश हर तरह से समृद्ध हो।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक परिवर्तन का मतलब ऐसे परिवर्तन से है जिसका लाभ व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को हो। जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है। हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो रूढि़वादी और परंपरावादी समाज अपनी मान्यताओं और परंपराओं को बदलना नहीं चाहता वह मुख्यधारा से कट जाता है। समय और आवश्यकता के अनुसार समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाता है। जब तूफ़ान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है। इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना आना चाहिए।

मैंने देखा है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में दूसरों को बदलने के बजाय स्वयं परिवर्तन पर जोर दिया जाता है जो कि सराहनीय है। मुझे लगता है कि आपकी संस्था आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। यह संस्था नशा मुक्ति कार्यक्रम के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। यह संस्था बस्तर जैसे सुदूर इलाकों में आदिवासियों को दिव्य ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर व्यसनमुक्त बनाने का सराहनीय कार्य कर रही है। अध्यात्म, योग आदि की शिक्षा देकर अच्छे संस्कार पैदा किये जा सकते हैं।

– राष्ट्रपति के आगमन से ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया…मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के शान्ति सरोवर में आयोजित सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023 के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्रपति जी का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। उनकी इस यात्रा के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि पूरे देश की मुखिया के आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है। आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है। हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सब कुछ एक जैसा है। यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है।

   मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ा ही शुभअवसर है कि रक्षाबंधन के समय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ हो रहा है। सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में मैं यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं। छत्तीसगढ़ प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शॉल और मोमेन्टो भेंटकर स्वागत किया गया। प्रारम्भ में नगर के बाल कलाकारों ने जश्न का महारास नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने किया।

राश्ट्रपति ने शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में लंच भी किया। बाद में वह संस्थान के वरिष्ठ भाईयों से मिली। उनके संग फोटो सेशन भी हुआ। फिर गुरू घासीदास संग्रहालय के लिए प्रस्थान कर गईं।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय रायपुर
सम्पर्क: 9425502255, 9425202255 


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चैतन्य देवियों की झाँकी आकर्षण का केन्द्र बनीं…

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रायपुर, 24 सितम्बर 2025 : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नवरात्रि के पावन अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-20 स्थित सेवाकेन्द्र में सजायी गई चैतन्य देवियों की झाँकी का ब्रिगेडियर तेजिन्दर सिंह बावा (सेना मेडल), श्रीमती कुकी बावा, ट्रीपल आई टी के डायरेक्टर ओ.पी. व्यास, जिन्दल जिन्दल स्टील एण्ड पावर कम्पनी के प्रेसीडेन्ट प्रदीप टण्डन, जीएसटी के असिस्टेण्ट कमिश्नर शैलेन्द्र पाटले, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और रश्मि दीदी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।

झाँकी का अवलोकन करने के बाद ब्रिगेडियर तेजिन्दर सिंह बावा ने कहा कि यहाँआकर बहुत ही शान्ति की अनुभूति हुई। यह बहुत ही शान्त एवं शिक्षाप्रद जगह है। शान्ति शिखर का अवलोकन कर वह स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं।

जिन्दल जिन्दल स्टील एण्ड पावर कम्पनी के प्रेसीडेन्ट प्रदीप टण्डन ने कहा कि यह गहन शान्ति और आध्यात्मिक जागृति का केन्द्र है। झाँकी में राजयोग साधनारत ब्रह्माकुमारी बहनें जब अपलक देवियों के रूप में विराजित होती हैं तो यह निर्णय करना मुश्किल हो जाता है कि यह सजीव हैं या जड़ मूर्तियाँ।

मुख्यमंत्री जी के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने चैतन्य झाँकी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बहुत ही आकर्षक और मनभावन है। इसे देखकर असीम आनन्द की प्राप्ति हुई। पिछले जन्म के सुकर्मोंका फल है जो उन्हें जागृत देवियों के दर्शन करने का सौभाग्य मिला।

स्टेट जी.एस.टी. के सहायक कमिश्नर शैलेन्द्र पाटले ने कहा के ब्रह्माकुमारी बहनों को देवियों के रूप में मूर्तिमान देखकर सचमुख अनोखा अनुभव हुआ। यह मनमोहक और दर्शनीय है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि सेक्टर-20 में इमर्सिव डोम थियेटर के निकट सजायी गई यह झाँकी दशहरा के दिन तक अर्थात 2 अक्टूबर तक रहेगी तथा इसे देखने का समय प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक रखा गया है। झाँकी में संगीतमय कमेन्ट्री के माध्यम से विशाल मंच पर विराजित शिवशक्तियों -मॉं दुर्गा, श्री लक्ष्मी, सरस्वती, काली, गायत्री वैष्णो देवी, मीनाक्षी, सन्तोषी माता और उमादेवी आदि की महिमा का लाइट एण्ड साउण्ड के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केन्द्र होती है।

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शान्ति सरोवर में सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी जीवन्त है… डॉ. रमन सिंह

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रायपुर, 22 सितम्बर, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर में सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी बहुत ही दर्शनीय एवं जीवन्त है जो कि राजयोग से ही सम्भव है। यहाँ पर माँ दुर्गा के नौ रूपों को अत्यन्त आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

यह विचार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने चैतन्य देवियों की झाँकी का अवलोकन करने के बाद व्यक्त किए। झाँकी का शुभारम्भ डॉ. रमन सिंह, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी किरण दीदी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। डॉ. रमन सिंह ने सभी उपस्थित लोगों को नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दी।

उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा युगों-युगों से शक्ति एवं ज्ञान की देवी के रूप में जनमानस में स्थापित हैं। यह नगरवासियों के लिए गौरव की बात है कि इतना सुन्दर आयोजन राजधानी में किया गया है। यहाँ आने के बाद व्यक्ति स्वयं को तनावमुक्त महसूस करने लगता है। आदि शक्ति के नौ रूपों की जीवन्त प्रस्तुति अत्यन्त सराहनीय है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि यह झाँकी प्रतिवर्ष नवरात्रि पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में लगाई जाती है। चैतन्य होने के कारण जनता इसको खूब पसन्द करती है। यह झाँकी शान्ति सरोवर रायपुर में 2 अक्टूबर तक रहेगी। इसमें भक्तजन प्रतिदिन शाम को 6 से रात्रि 10 बजे तक चैतन्य देवियों के दर्शन कर सकेंगे।

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युवाओं को अध्यात्म से जोड़ रहा डिवाइन यूथ फोरम…

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– युवाओं को अध्यात्म से जोड़ रहा डिवाइन यूथ फोरम…
– ब्रह्मकुमारी संस्थान के युवा प्रभाग ने शुरू किया ट्रेनिंग प्रोग्राम…
– संस्थान से जुड़े सैकड़ो युवा भाग लेने पहुंचे…

रायपुर। आध्यात्मिकता के जरिए युवाओं में संस्कार, नैतिक गुण जागृत कर खुद में बदलाव लाने और समाज व राष्ट्र के प्रति सेवा की भावना विकसित करने के उद्देश्य से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के युवा प्रभाग ने डिवाइन यूथ फोरम की शुरुआत की है। इसके तहत राष्ट्रीय और जोनल स्तर पर संस्था विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। रविवार को सड्‌ढू स्थित शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में नई उमंग, नई तरंग ध्येय वाक्य के साथ युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की गई।

वर्तमान परिस्थितियों में युवाओं में पनप रहे तनाव, अशांति और अधीरता एवं व्यसनों से मुक्ति के लिए फुल स्टॉप-फुल स्टॉक का मूलमंत्र युवाओ को दिया गया।

कार्यक्रम में युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी कृति दीदी, कलकत्ता इस्ट जोन की बीके कमला दीदी सहित भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, युवा उद्यमी आदित्य मूंदड़ा, ग्रामीण सेवा प्रभाग की संयोजिका बीके सरिता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी उपस्थित थीं।

भाजयुमो के अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा ने कहा कि यह संस्था एक विशाल वटवृक्ष की तरह है, जिसकी शाखाएं विश्व के 147 देशों तक फैली हुई हैं। इस वृक्ष का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। युवा किसी भी राष्ट्र का निर्माता होता है। आध्यात्मिकता के जरिए उन्हें मार्गदर्शन देने और दुर्व्यसनों से बचाकर सशक्त राष्ट्र के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का संस्था का यह प्रयास सराहनीय है।

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि युवा शब्द को ऊल्टा कर दो तो वह वायु बन जाता है। आज का युवा वर्ग वायु की तरह निरंतर बह रहा है। उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में डिवाइन यूथ फोरम की थीम फुल स्टॉप-फुल स्टॉक युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है कि वर्तमान परिवेश की बहती हुई हवा में युवाओं को कहां रुकना और कहां चलना है।

युवा उद्यमी आदित्य मूंदड़ा ने कहा कि बहुत से संगठन युवाओं पर काम कर रहे हैं। मेरा भी संगठन है, लेकिन युवाओं की आध्यात्मिक उन्नति और शांति पर हमने कभी काम नहीं किया। यहां आकर ऐसा लग रहा है कि हमें भी इस दिशा में काम करना चाहिए।

युवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी कृति दीदी ने कहा कि 1985 में इस युवा प्रभाग का गठन किया गया। तब से पदयात्रा, साइकिल रैली, बस रैली इत्यादि और वर्तमान में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि डिवाइन यूथ फोरम के जरिए युवाओं की आत्मिक शक्ति और ऊर्जा को जागृत कर उन्हे राष्ट्र निर्माण के कार्य में सहयोगी बनाया जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने किया और ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी नेआभार व्यक्त किया

 

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