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Brahmakumaris Raipur

स्थायी खुशी मेडिटेशन से मिलेगी, बाहरी वस्तुओं से प्राप्त खुशी अल्पकालिक… ब्रह्माकुमार शक्तिराज

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स्थायी खुशी मेडिटेशन से मिलेगी, बाहरी वस्तुओं से प्राप्त खुशी अल्पकालिक… ब्रह्माकुमार शक्तिराज
– कल दूसरे दिन शाम को भारी संख्या में लोग शिविर में भाग लेने पहुंचे…
– एनर्जी और एक्शन से भरपूर शिविर में भाग लेकर राजधानीवासी झूम उठे…

 

रायपुर, 26 जुलाई, 2023: बड़े-बड़े शहरों में हजारों रूपयों की फीस लेकर आयोजित होने वाला कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सौजन्य से ब्रह्माकुमार शक्तिराज भाई नि:शुल्क करा रहे हैं। श्याम टाकीज के निकट स्थित इण्डोर स्टेडियम में एनर्जी और एक्शन से भरपूर उनके शिविर में राजधानीवासी झूम रहे हैं और आनन्द उठा रहे हैं। कल दूसरे दिन शाम को उनके शिविर में भाग लेने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े।

मेमोरी एण्ड माइण्ड मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने कहा कि खुशी चिन्ता और तनाव आदि मन से सम्बन्धित अनुभूति हैं। इसलिए उसका इलाज भी हमें अपने अन्दर यानि मन में ही ढूंढना होगा। हम लोग बाहरी भौतिक सुख साधनों और वैभवों में आदि के द्वारा उसे पाने का प्रयास करते हैं जो कि गलत है। बाहरी वस्तुओं से क्षणिक सुख-शान्ति मिल सकती है किन्तु स्थायी खुशी चाहिए तो वह हमें राजयोग मेडिटेशन से ही मिलेगी।
उन्होंने बतलाया कि खुशी के लिए कोई रास्ता नहीं जाता बल्कि खुशी ही रास्ता है। हम जो भी कर्म करते हैं, उसका प्रतिफल सुख अथवा दु:ख के रूप में हमें इस जन्म में अथवा अगले जन्म में मिलता ही है। यदि हम सबको सुख देंगे तो उसका फल सुख के रूप में मिलेगा। किन्तु किसी को दु:ख दिया तो जीवन में दु:ख का सामना करना पड़ेगा। हरेक क्रिया की समान किन्तु विपरीत प्रतिक्रिया जरूर होती है। इसलिए सुखी रहना है तो सबको सुख देना सीखो।

उन्होंने आगे कहा कि अपनी खुशी का रिमाट अपने हाथ में रखो। कुछ लोग सोशल मीडिया, टेलीविजन और मोबईल में बिजी रहकर खुशी पाना चाहते हैं। उन्होंने अपनी खुशी का रिमोट दूसरों के हाथ में दे रखा है। इसलिए कुछ लोग सोशल मीडिया में लाईक न मिले तो दु:खी हो जाते हैं। अपनी खुशी का रिमोट अपने हाथ में रखना चाहिए। दूसरा कोई व्यक्ति आपके बारे में कुछ बोलता है तो उसे स्वीकार न करें। अपनी अवस्था न बिगाड़ें। लोग तो बोलेंगे ही लेकिन आप उसे स्वीकार नहीं करें।

उन्होंने कहा कि आत्म बल बढ़ाने के लिए सदैव अपने को लीडर समझो। हम लोग वही करते हैं जो कि हम चाहते हैं परन्तु होता वह है जो परमात्मा की इच्छा होती है। तो क्यों न हम वही कार्य करें जो कि परमात्मा चाहते हैं। देखा गया है कि मनुष्य अपनी अन्तर्चेतना का सिर्फ दो प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग कर पाता है। शेष हिस्सा बिना उपयोग के ही रह जाता है। आत्मबल बढ़ाने के लिए अपने को हीरो अथवा लीडर समझें। सदैव यह सोचो कि मैं शक्तिशाली हूँ, मैं सफल हूँ।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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