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Brahmakumaris Raipur

ब्रह्माकुमारी संस्थान का नि:शुल्क समर कैम्प चौबे कालोनी में प्रारम्भ

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भौतिकवाद में आकर हम अपने मानवीय गुणों को भुला बैठे…डॉ. एम.के. वर्मा, कुलपति
– सकारात्मक सोच से मिलती है सफलता…अशोक अग्रवाल, सूचना आयुक्त
– हम गैजेट्स को चलाएं वह हमें नहीं चलाए… बी.के. स्मृति दीदी
– ब्रह्माकुमारी संस्थान का नि:शुल्क समर कैम्प चौबे कालोनी में प्रारम्भ
– कुलपति एवं सूचना आयुक्त ने किया उद्घाटन

रायपुर, 03 मई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प का शुभारम्भ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी वि.वि. के कुलपति डॉ. एम.के. वर्मा, सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और ब्रह्माकुमारी स्मृति ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।
स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय हम भौतिकवाद में आकर अपने मानवीय गुणों को भूला बैठे हैं। हमारी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि वह में बाहरी दुनिया के साथ-साथ अन्तर्जगत की भी शिक्षा दे। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि शिक्षा का उद्देश्य हमारे आन्तरिक गुणों का विकास करना होना चाहिए। उन्होने बच्चों से कहा कि रोज रात को साने से पहले दस मिनट अपने से बातें करें और अपनी दिनचर्या को चेक करें। ऐसा करके आप स्वयं ही अपना अच्छा दोस्त बन सकते हैं। स्वयं से बात करने से खुद को सुधारने का मार्ग अपने अन्दर से ही आपको मिलेगा। आप स्वयं ही अपना गुरू बन जाएंगे।
सूचना आयुक्त (आईएएस) अशोक अग्रवाल ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। परिस्थितियाँ आएंगी लेकिन उसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर आगे बढ़ें तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने बतलाया कि उनका बचपन छोटे से गांव में बीता जहाँ पर बिजली नहीं थी। लालटेन की रोशनी में पढ़कर वह बड़े हुए। किन्तु सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें आगे बढऩे में मदद की। यह जरूरी नहीं कि हरेक बच्चा आईएएस या आईपीएस बने। अपनी योग्यता को पहचान कर आगे बढ़ें तो सफलता अवश्य मिलेगी।
ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि विगत उन्नीस वर्षों से ब्रह्माकुमारी संस्थान में समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यहाँ पर बच्चों के व्यक्तित्व का विकास कैसे हो यह शिक्षा दी जाती है। पहले गुरूकुल में बच्चों को अनुशासन और जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाती थी किन्तु आज बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसलिए समर कैम्प के माध्यम से हम बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा देते हैं।
ब्रह्माकुमारी स्मृति दीदी ने कहा कि आजकल सफलता की परिभाषा बदल गई है। लोग पढ़ाई और खेलकूद में आगे बढऩे को ही सफलता मान लेते हैं और मानवीय एवं नैतिक गुणों को धारण करने पर ध्यान नहीं देते। बहुत से बच्चे मोबाईल, टेलीविजन और कम्प्यूटर के प्रभाव में आकर उसी में व्यस्त रहने लगे हैं। पहले हम गैजेट्स को चलाते थे, अब वह हमें चला रहे हैं। अब हमें डॉक्टर, इन्जीनियर के साथ अच्छा इन्सान बनना है। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी ने किया।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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