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युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए महिलाएं आगे आएं.

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सादर प्रकाशनार्थ

 

युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए महिलाएं आगे आएं… श्रीमती अनिला भेडिय़ा

रायपुर, 6 मार्च, 2022: महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेडिय़ा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशे की तरफ बढ़ रही है। इन्हें रोकने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। नशे को जड़ से खत्म करने के लिए अपने घर से शुरूआत करनी होगी। उनका विभाग इस कार्य में पूर्ण सहयोग करने के लिए तैयार है।

 

श्रीमती भेडिय़ा आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन में बोल रही थीं। समारोह का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के अन्तर्गत किया गया था। विषय था -महिलाएं नये भारत की ध्वज वाहक।

 

उन्होंने बतलाया कि वह राज्य में जहाँ भी जाती हैं वहाँ ब्रह्माकुमारी बहनें आध्यात्मिक शिक्षा और संस्कारों का प्रसार करती मिल जाती हैं। आज की युवा पीढ़ी जो कि भटकर गलत दिशा में जा रही है, उन्हें अच्छे से संस्कारित कर उनका मार्गदर्शन करनेे का सराहनीय कार्य ब्रह्माकुमारी बहनें कर रही हैं।

 

उन्होंने कहा कि महिला दिवस एक दिन मनाने का समारोह नहीं है बल्कि इसे हर दिन मनाने की जरूरत है। ताकि हर दिन महिलाओं में खुशी बनी रहे। हम लोग पुरूषों और महिलाओं की समानता और समान अधिकार की बात करते हैं लेकिन हकीकत में महिलाएं अभी भी पुरूषों से बहुत पीछे हैं। वह पुरूषों के साथ बराबरी से खड़ी नहीं हो पा रही है। परिवार में महिलाएं हरेक सदस्य की पसन्द और नापसन्द का ध्यान रखती हैं किन्तु उनकी पसन्द का ध्यान रखने वाला कोई नहीं होता।

 

उन्होंने बतलाया कि हमारे मुख्यमंत्री भी महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि महिलाएं उद्यमी बनें। दन्तेवाड़ा में डेनेक्स ब्राण्ड से रेडीमेड कपड़े का कार्य हो रहा है। उनकी इच्छा है कि महिलाओं के इस प्रयास को विश्व स्तर पर पहचान मिले। इसी तरह हम लोग अपने संस्कारों को न भूल जाएं इसलिए सरकार छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों को भी मनाने का कार्य कर रही है।

 

लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महन्त ने कहा कि महिलाएं परिवार की नींव होती हैं। उनमें परिवार को चलाने का अद्भुत कौशल होता है। महिलाओं के बिना परिवार अधूरा होता है। उन्होंने बतलाया कि संयुक्त परिवार में नहीं रहने के कारण पहले बच्चों को बड़े बुजुर्गों से जो अच्छी बातें सीखने को मिलती थीं उसका आज अभाव हो गया है। इसलिए उन्होंने कोरबा में स्कूलों में बच्चों को यह शिक्षा देने की शुरूआत की है कि वह लड़कियों को सम्मान की नजर से देखें। उन्होंने कहा कि महिलाएं राजनीति में आकर पंच और सरपंच तो बन गई हैं लेकिन उन्हें कुछ करने की आजादी नही है। शिक्षा के अभाव में उनका काम उनके पति कर रहे हैं।

 

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि देश का जो प्रचलित नारा है बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ इसे अब बदलने की आवश्यकता है। बेटी को इतना सशक्त बना दीजिए कि वह अपनी रक्षा खुद कर सके। बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहा है उसका प्रमुख कारण हम महिलाएं ही हैं। हम लोग बचपन से ही लड़कियों के अन्दर कमजोर संस्कार डाल देते हैं। बेटे-बेटियों में भेदभाव करने लगते हैं। अब परिवर्तन की शुरूआत स्वयं से करें। जो घर के काम बेटियों से करवाते हैं वह बेटों से भी करवाएं। उन्हें बेटियों का सम्मान करना सीखलाएं।

 

ब्रह्माकुमारी संगठन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि वर्तमान समय संसार में समस्याओं की भरमार है इसलिए ऐसे समाज में रहने के लिए जीवन में आध्यात्मिकता का होना जरूरी है। इससे जीवन में सहनशीलता, नम्रता, मधुरता आदि दैवी गुण आते हैं। उन्होंने कहा कि आदि काल में जब महिला आध्यात्मिक शक्ति से सम्पन्न थी तब दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती आदि रूपों में उसकी पूजा होती थी। किन्तु आज की नारी अध्यात्म से दूर होने के फलस्वरूप पूज्यनीय नही रही। भौतिक दृष्टिï से नारी ने बहुत तरक्की की है किन्तु आध्यात्मिकता से वह दूर हो गई है। वर्तमान समय महिलाओं में आध्यात्मिक जागृति की बहुत आवश्यकता है।

 

हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने कहा कि महिलाओं में बहुत अच्छी प्रबन्धन कौशल होता है। आज महिलाओं ने हर क्षेत्र में उपलब्धियाँ हासिल की हैं। महिलाएं अगर ठान लें तो उन्हें हराया नहीं जा सकता। उन्हें घर परिवार और समाज के सपोर्ट की जरूरत है। किसी प्रकार का तनाव न लें। तनाव से बचने के लिए सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढें। उन्होंने इस सन्दर्भ में पद्मश्री से सम्मानित फूलबासन बाई यादव का उल्लेख करते हुए बतलाया कि रिश्क लेने से न घबराएं। इस तरह आगे आकर अनेकों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। महिलाएं किसी भी परिस्थिति में पुरूषों से कम नहीं हैं।

 

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी अदिति बहन ने कहा कि महिलाओं को पाश्चात्य संस्कृति का अन्धानुकरण नहीं करना चाहिए बल्कि अपने जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन बनाकर चलना चाहिए। स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता नहीं है। रूढि़वादी सोच को बदले तो हर नारी आधुनिक बन सकती है।

 

इस अवसर पर स्थानीय गायिका कु. शारदा नाग ने मधुर स्वर में गीत प्रस्तुत कर और बाल कलाकारों ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी रश्मि बहन ने किया।

 

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज रायपुर फोन : ९४२५५-०२२५५

 

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योग दिवस 2025

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योग दिवस पर जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग का संयुक्त आयोजन…
– ब्रह्माकुमारी संस्थान के साधकों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया…
– पूरे विश्व में आठ लाख लोग राजयोग अपनाकर तनावमुक्त जीवन जी रहे… बीके सविता दीदी

रायपुर, 21 जून 2025: अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा आज सुबह कृषि मण्डपम में हरित योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्य शासन द्वारा आयोजित इस जिला स्तरीय समारोह में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सैकड़ों साधकों ने हिस्सा लिया और राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से वायुमण्डल में शान्ति एवं पवित्रता के प्रकम्पन फैलाने में अपना योगदान दिया।

समारोह का शुभारम्भ राज्यपाल रमेन डेका, विधायक सुनील सोनी, पुरन्दर मिश्रा, अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने दीप प्रज्वलित करके किया।

समारोह में संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, निगम आयुक्त विश्वदीप, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चन्देल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदि उपस्थित थे। योग प्रशिक्षकों ने समारोह में उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए शारीरिक स्वास्थ्य के लिए विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारीज के सदस्यों के साथ प्रबुद्घजनों ने योग का अभ्यास किया।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए रायपुर स्थित सेवाकेन्द्रों की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि पूरे विश्व में आठ लाख से अधिक लोग ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े हुए हैं जो कि राजयोग को अपनाकर तनावमुक्त और शान्तिमय जीवन जी रहे हैं। मन की शान्ति के लिए राजयोग मेडिटेशन के अलावा अन्य कोई दूसरा उपाय नहीं है।

उन्होंने बतलाया कि योग से शरीर के समस्त अंगों तक ऑक्सीजन और खून को पहुँचाने में सहायता मिलती है। इसलिए योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए इसे अपनी दिनचर्या का अंग बना लेना चाहिए।

 

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योग महोत्सव

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– सात दिनी योग महोत्सव का आज से हुआ शुभारम्भ…
– योग आयोग के अध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक और कुलपति सहित हजारों लोग शामिल हुए…
– योग जीवन जीने की कला है…रूप नारायण सिन्हा
– जल और धरती का सम्मान करना सीख जाएं तो जीवन संवर जाएगा…अरूण देव गौतम
– योग दिवस मनाने से भारतीय दर्शन की श्रेष्ठता पूरे विश्व पटल पर अंकित… प्रो. सच्चिदानन्द शुक्ला
– योग दिवस मनाने से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 15 जून 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आज से सात दिवसीय योग महोत्सव का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानन्द शुक्ला, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक अनिल कुमार, भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष मुकेश सोनी और ब्रह्माकुमारी चन्द्रकला दीदी ने दीप प्रज्वलित करके किया।

इस अवसर पर बोलते हुए छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा ने कहा कि  योग जीवन जीने की कला है। मन को शान्त रखने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है योग। उन्होंने योग के विषय -एक धरती और एक स्वास्थ्य के लिए योग की चर्चा करते हुए कहा कि सूर्य न हों, पेड़ न हों तो हमारा जीवन भी नहीं रहेगा। हमारी भारतीय संस्कृति श्रेष्ठ और गौरवमयी है। यह सबको जोडऩे वाली है। छिनने वाली नहीं बल्कि बाँटकर खाने वाली संस्कृति है। पूरे विश्व में सिर्फ हमने अपने देश को माता माना है। माँदेने वाली होती है। सभी सुखी हों और सबका मंगल हो यही हमारी संस्कृति है। हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानकर चलते हैं। मनुष्य स्वस्थ रहे और प्रकृति ठीक रहे यही कामना है। उन्होंने बतलाया कि ऋषि माना रिसर्च करने वाला।

पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने कहा कि जब हम हम व्यायाम करते हैं तो स्वयं को प्रकृति और शरीर के साथ जोड़ते हैं। योग करने से अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। मन से जुड़ते हैं तो मन को शान्ति मिलती है। राजयोग में आत्मा का परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ते हैं तो शरीर और प्रकृति दोनों को फायदा मिलता है। हम जल और धरती का सम्मान करना सीख जाएं तो पर्यावरण सुधरेगा और फलस्वरूप हमारा जीवन भी संवर जाएगा। हम सुख-शान्ति से जीवन यापन कर सकेंगे। जीवन में सन्तुलन जरूरी है।

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानन्द शुक्ला ने कहा कि जिस दिन प्रणानमंत्री की सलाह मानकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग दिवस मनाने की घोषणा की उस दिन सारे विश्व में भारतीय दर्शन की श्रेष्ठता विश्व पटल पर स्थापित हुई। पूरे वर्ष में २१ जून का दिन सबसे बड़ा होता है इसलिए इस दिन को योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि योग जीवन्तता का प्रतीक है। यह जीवन की उर्जा को बढ़ाने वाला है। भारतीय दर्शन सर्व के सुख की कामना करता है। इस वर्ष उनके वि.वि. में योग की मास्टर डिग्री के साथ ही पी.एच.डी. की पढ़ाई भी शुरू होने जा रही है।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बतलाया कि योग शब्द का अर्थ होता है जोडऩा। अध्यात्म के सन्दर्भ में आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोडऩा ही सच्चा योग है। उन्होने आगे कहा कि योग दिवस मनाने से लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने नकारात्मक और व्यर्थ विचारों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इससे आत्मा की शक्तिनष्ट होती है। अन्त में उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को राजयोग का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया।

समारोह को सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक हरीलाल, भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष मुकेश सोनी और वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी चन्द्रकला दीदी ने भी सम्बोधित किया। प्रारम्भ में छत्तीसगढ़ योग आयोग के मुख्य प्रशिक्षक छबिलाल साहू और श्रीमती ज्योति साहू की टीम ने अर्धचक्रासन, ताड़ासन, पाद हस्तासन और त्रिकोणासन सहित कुछ प्राणायाम जैसे कि कपालभाँति, अनुलोम-विलोम तथा सिपली प्राणायाम का लोगों को अभ्यास कराया।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, कुलपति प्रो. सच्चिदानन्द शुक्ला, नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक अनिल कुमार, मुख्य प्रशिक्षक छबिराम साहू और भारतीय योग संस्थान के अध्यक्ष मुकेश सोनी को शॉल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। संचालन ब्रह्माकुमारी स्नेहमयी दीदी ने किया।

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डी.आर.एम. ऑफिस में तनाव प्रबन्धन पर चर्चा…

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डी.आर.एम. ऑफिस में तनाव प्रबन्धन पर चर्चा…
– रायपुर रेल मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए…
– तनाव से बचने के लिए अपनी सोच को बदलना होगा…ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी

रायपुर, 6 जून 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग की ओर से डी.आर.एम. ऑफिस में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तनाव प्रबन्धन पर ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी का व्याख्यान आयोजित किया गया। वीणा दीदी अधिकारियों को तनाव से बचने और तनाव को कम करने के लिए अनेक उपयोगी सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि तनाव से बचने के लिए हमें अपनी सोच को बदलना होगा। आप जो हैं जैसे हैं उसमें खुश रहना सीखें। सारी समस्या मन के कारण है। हम सब कुछ बदलना चाहते हैं किन्तु अपने विचारों को और सोंच को बदलने पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं। उन्होंने बतलाया कि सारे दिन में हमारे मन में लगभग तीस हजार विचार पैदा होते हैं जिसमें से अधिकांश विचार अनावश्यक और व्यर्थ होते हैं। चूंकि इन विचारों में एनर्जी होती है अत: व्यर्थ विचारों के द्वारा हम अपनी उर्जा को गंवा देते हैं और थक जाते हैं। हमें जिन्दगी में सन्तुलन बनाकर चलना सीखना है। जितना हम शरीर पर ध्यान देते हैं उतना ही मन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गुस्से पर नियंत्रण करना सीखें। कुछ भी हो जाए कभी हताश न हों। आशावादी बनें।

उन्होंने कहा कि आजकल तनाव होना आम समस्या हो चुकी है। छोटे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक सभी को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। अगर तनाव को मैनेज करना आ गया तो जीवन खुशहाल हो जाता है। तनाव हमारे मन में उत्पन्न होता है इसलिए हम मन का प्रबन्धन करने के बारे में चर्चा करेंगे। तनाव से घबराने की जरूरत नहीं है यह एक मैसेन्जर की तरह है जो कि हमें यह बतलाता है कि अब अपने अन्दर कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। कभी-कभी ऑफिस में परस्पर तालमेल तथा सामंजस्य नही होने के कारण भी तनाव का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार टालने की प्रवृत्ति भी तनाव पैदा करती है। जब हम किसी बात को टालते जाते हैं कि इसे बाद में करेंगे और जब समय एकदम नजदीक आ जाता है तब तनाव बढ़ जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग दूसरों में बुराईयाँही देखते हैं। अच्छाई पर उनकी नजर नहीं जाती। उन्होंने लॉ ऑफ अट्रैक्शन की चर्चा करते हुए बताया कि जो हम सोचते हैं वही हमें वापिस मिलता है। भले ही आप कितने भी व्यस्त रहते हों किन्तु अब आपको रोजाना दस मिनट स्वयं के लिए निकालना होगा। मेडिटेशन करें, अपनी रूचि का खेल खेलें, परिवारजनों से मिलें अपना सुख-देख बाँटें।

उन्होंने दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने की विधि को विज्ञान सम्मत बतलाते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने शोध करके बतलाया है कि दोनों अंगूठों को मिलाने से हमारे शरीर में पाजिटिव एनर्जी प्रवाहित होने लगती है।

सबसे पहले ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का और वीणा दीदी का परिचय दिया। आभार प्रदर्शन सीनियर डिवीजनल कामर्शियल मैनेजर अवधेश कुमार त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम में मौजूद रेल मण्डल प्रबन्धक दयानन्द और उनकी धर्मपत्नी ने ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी को शॉल और मोमेन्टो प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सहायक रेल मण्डल प्रबन्धक बजरंग अग्रवाल और उनकी धर्मपत्नी सहित बड़ी संख्या में अधिकारीगण उपस्थित थे।

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