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​रायपुर: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के डायरेक्टर के साथ समर कैम्प का समापन

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रंगारंग कार्यक्रम के साथ समर कैम्प का समापन
हमारी शिक्षा ऐसी हो जो कि बच्चों को चरित्रवान बनाए… डॉ. एस. के. पाण्डे
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रायपुर, १५ मई, २०१७: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाण्डे ने कहा कि वर्तमान समय बच्चों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है जो कि मानवीय और नैतिक मूल्यों से भरपूर हो। जो बच्चों को चरित्रवान बनाने में मदद करे। ऐसे प्रयासों से ही आने वाले समय में हमारा देश अपने खोए हुए गौरव को पुन: प्राप्त कर सकेगा।

डॉ. पाण्डे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित समर कैम्प के समापन अवसर पर आयाजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। समर कैम्प के समापन समारोह में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम के साथ-साथ नृत्य और नाटक प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया। बच्चों ने पहली बार योग नृत्य भी प्रस्तुत किया। जिसमें बतलाया गया कि स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत जरूरी है और यह सहज भी है।
डॉ. एस. के. पाण्डे ने आगे कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत अच्छा नागरिक बनाने की है। हरेक माता-पिता को यही चिन्ता रहती है कि अपने बच्चों को अच्छा कैसे बनाएं? माता-पिता को चाहिए कि इसकी शुरूआत घर से करते हुए बच्चों में अच्छे संस्कार और अच्छी सोंच विकसित करें। हम बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि आने वाली पीढ़ी अपने आपको भारतीय संस्कृति के अनुरूप ढाल सके। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित समर कैम्प की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को ऐसे ही प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इन बच्चों में असाधारण प्रतिभा छिपी हुई है। भविष्य में यही बच्चे बड़े होकर कलाकार, इन्जीनियर, डॉक्टर आदि बनेंगे। उस समय इन्हें इस समर कैम्प में मिली हुई शिक्षा बहुत काम आएगी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के डायरेक्टर रजत मूना ने कहा कि वर्तमान समय समाज में पाश्चात्य सभ्यता पूरी तरह से हावी हो चुकी है। बच्चों का अधिकांश समय मोबाईल, टी.वी. और इन्टरनेट में गुजर जाता है। ऐसे में उनके उपर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाए तो उनके बिगडऩे की पूरी संभावना बनी रहती है। उन्होंने माता-पिता से रोजाना थोड़ा समय बच्चों के लिए निकालने का सुझाव दिया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि रिसर्च से यह पता चला है कि सीखने की उम्र ६ से १२ साल तक ही होती है। इसीलिए विगत तेरह वर्षों से हमारी संस्थान द्वारा छोटे बच्चों को समर कैम्प के माध्यम से आध्यात्मिक शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने बतलाया कि बच्चों पर बाल्यावस्था से ही ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आजकल के माता-पिता बहुत जागरूक हो गए हैं। वह लोग बच्चों के अंक अधिक आए, वह अच्छा डाक्टर या इन्जीनियर बनें, इसका प्रयास तो करते हैं किन्तु इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि उनके बच्चे अच्छा इन्सान भी बनें। समारोह को ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अतिथियों ने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में विजयी बच्चों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी वितरित किए। सर्वश्रेष्ठ छात्र का पुरस्कार कक्षा-९ वीं के छात्र पराग यादव और सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार कक्षा-१० वीं की छात्रा कु. चांदना साहू को दिया गया।
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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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