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वैश्विक संस्कृति अन्तर्राष्ट्रीय परियोजना का शुभारम्भ हुआ…

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 देश के विभिन्न हिस्सों से कला एवं संस्कृति प्रभाग के सदस्य रायपुर पहुंचे…
 – वैश्विक संस्कृति अन्तर्राष्ट्रीय परियोजना का शुभारम्भ हुआ…
 – प्रेम शान्ति और सद्भावना का सन्देश जन-जन तक पहुंचाना है…ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी
 – भारत को विश्व गुरू बनाने की दिशा में ब्रह्माकुमारीज का प्रयास सराहनीय…श्री मोतीलाल साहू
  – भारत की पहचान यहाँकी संस्कृति से… पद्मश्री अनुज शर्मा, विधायक
 रायपुर, 21 जनवरी 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय परियोजना वैश्विक संस्कृति-प्रेम-शान्ति एवं सद्भावना का छत्तीसगढ़ राज्य में आज शुभारम्भ (लांचिंग) किया गया।
  इस अवसर पर कला एवं संस्कृति प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी ने बतलाया कि वैश्विक संस्कृति-प्रेम-शान्ति और सद्भावना विषयक यह परियोजना तीन वर्षीय प्रोजेक्ट है। हरेक के मन में प्रेम का दीपक जगाना ही इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। स्वयं से प्रेम करना सीखें। दूसरों से प्यार की अपेक्षा न रखें? आजकल लोग एक गलती करते हैं कि दूसरों से अपनी तुलना कर बैठते हैं। इस संसार में हरेक के गुण, स्वभाव और विशेषताएं अलग हैं। ईश्वर ने सबको एक समान नहीं बनाया है। फिर हम परस्पर तुलना क्यों करते हैं? तुलना करने से हीन भावना आती है जो कि डिप्रेशन की शुरूआत है। देखना है तो एक दूसरे की विशेषताएं देखो। इस परियोजना के अन्तर्गत समय-समय पर वर्कशाप, सम्मेलन, कल्चरल कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाएंगे।
  विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है जिसके कारण पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। वह लोग यहाँकी कला और संस्कृति को अपनाने के लिए लालायित हैं। वैश्विक शान्ति के लिए हम सबको अपने स्तर पर व्यक्तिगत प्रयास करने की जरूरत है। हमारा संकल्प है कि हमारा देश विश्व गुरू बने और विश्व शान्ति के लिए पहल करे तो उसके लिए हमें भी अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। उन्होंने परियोजना की सफलता के लिए शुभकामना देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रयासों से भारत देश को विश्व गुरू बनाने की दिशा में अवश्य ही मदद मिलेगी।
  छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लोकप्रिय हीरो एवं विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि यहाँ के रग-रग में कला, संस्कृति और नृत्य बसता है। छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। वनवास के दौरान सबसे अधिक समय उन्होंने यहाँ गुजारा था। यह महान कवि कालिदास और स्वामी विवेकानन्द की तपस्या भूमि रही है। इसलिए इस धरती से वैश्विक संस्कृति परियोजना का शुभारम्भ करना अच्छी शुरूआत है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज की सराहना करते हुए कहा कि लोगों को सुसंस्कारित करने का महान कार्य यह संस्था कर रही हैं। आप सिर्फ अध्यात्म की ही नहीं अपितु देश के उत्थान की बात भी करती हैं। आपके सान्निध्य मात्र से शान्ति और सुकून महसूस होता है।
  क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति दैव संस्कृति थी लेकिन पाश्चात्य प्रभाव में आकर संस्कारों में विकृति आ गयी है। अब हमें एक दो में प्रेम और शान्ति का भाव जगाना होगा। इससे ही लोगों में सद्भावना आएगी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में माउण्ट आबू से आए मधुर वाणी ग्रुप के कलाकारों ने मधुर स्वर में स्वागत गीत प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया। समारोह को स्थानीय कलाकार दिलीप षड़ंगी ने भी सम्बोधित किया। अतिथियों का स्वागत रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया। संचालन ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने किया।

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रक्तदान शिविर

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– ब्रह्माकुमारीज के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में दो दिवसीय रक्तदान शिविर में कुल 180 यूनिट रक्त संग्रह किया गया…
– रक्तसंग्रह का ब्रह्माकुमारीज का प्रयास सराहनीय… स्वास्थ्य मंत्री, छ.ग.
– यह शिविर देश में रक्त की कमी को पूरा करेगा… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
– कोई व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है…अशोक अग्रवाल, चेयरमेन, रेडक्रास
– सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं…एम.के. राऊत, सीईओ, रेडक्रास रायपुर

रायपुर (छ.ग.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 23 और 24अगस्त को शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में 129 भाई और 51 माताओं ने रक्तदान किया जिससॆ कुल 180 युनिट रक्त संग्रह हुआ। इसका उद्घाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने किया।

उल्लेखनीय है कि ब्रह्मकुमारी संस्थान ने भारत के 6000 से ज्यादा सेंटरों और नेपाल में एक साथ रक्तदान महाअभियान की शुरुआत की । एक लाख यूनिट से ज्यादा रक्तदान के लक्ष्य के साथ शुरू इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा।

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि भारत में अर्थ दान, भूमि दान, कन्या दान सहित विभिन्न दान की परंपरा है। इनमें रक्तदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों को नया जीवन मिलता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान का यह प्रयास सराहनीय है। छत्तीसगढ़ शासन भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर जागरूकता अभियान चला रहा है। हर जिले में ब्लड बैंक खुल चुके हैं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रेडक्रास सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पूर्व आईएस एमके राऊत ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी जल्द ही खून की जांच के लिए 10 मोबाइल एटीएम चालू करने जा रही है। इससे महज पांच मिनट में खून की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी दूर-दराज के इलाकों में खून की जांच में 12 घंटे लग जाते हैं। रक्तदान को लेकर एक मिथक है कि सिर्फ पुरुष ही दान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए इस संस्थान की बहनों का उत्साह इस मिथक को तोड़ेगा।

रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक अग्रवाल (आईएएस) ने कहा कि एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है। आज कई बीमारियां हैं जिनके इलाज के लिए खून की जरूरत होती है। सोसायटी के ब्लड बैंकों में खून के लिए आने वालों को पास डोनर नहीं हो तो भी हम निर्धारित शुल्क लेकर ब्लड देते हैं। जो न्यूनतम शुल्क देने में भी सक्षम नहीं हैं, उन्हें मुफ्त दिया जाता है।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि इस रक्तदान शिविर का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रेडक्रॉस रायपुर के सहयोग से किया गया था। यह शिविर न केवल रक्त की कमी को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। रक्तदान से आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।

उन्होने कहा कि रक्तदान केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।

प्रारम्भ में ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने अभियान की रूपरेखा बताई और ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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श्रीकृष्ण मनमोहक झाँकी..

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– ब्रह्माकुमारीज द्वारा शान्ति सरोवर सड्ढू में सजाई मई मनमोहक झाँकी…
– बाल कलाकारों द्वारा ”श्री कृष्ण का तुलादान” प्रसंग की मनभावन प्रस्तुति…
– श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास करें…ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत महारास ने सभी को लुभाया…

रायपुर, 16 अगस्त, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बहुत ही आकर्षक झाँकी सजाई गई है। जिसमें इस संस्थान के बाल कालाकारों द्वारा महारास और श्रीकृष्ण का तुलादान नामक नृत्य नाटक की प्रस्तुति मन को मोह लेती है। इस झाँकी का शुभारम्भ क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि श्रीकृष्ण जयन्ती का यही ईश्वरीय सन्देश है कि श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का पुरूषार्थ किया जावे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में श्रीकृष्ण की जयन्ती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में गहन चिन्तन कर उसे धारण करने की जरूरत है।

उन्होंने बतलाया कि मनुष्य के अन्दर व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही उसके परम शत्रु हैं। जब हम इन विकारों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तभी हम सुख और शान्ति से जीवन यापन कर सकेंगे। गीता के माध्यम से समाज को यह सन्देश दिया गया है कि परमात्मा के साथ प्रीत बुद्घि होकर रहो क्योंकि इससे ही परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में परमात्मा की मदद मिल सकेगी।

इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अवगत कराया कि श्रीकृष्ण का तुला दान नाटक में यह दर्शाया गया है कि सत्यभामा ने कृष्ण को माया और शक्ति के माध्यम से प्राप्त करना चाहा किन्तु पा न सकी। वहीं दूसरी ओर रूक्मणी ने सच्ची प्रीत से प्रभु को पा लिया। यह जीवन्त झाँकी रविवार को शाम पांच बजे से रात के दस बजे तक जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

 

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स्वतंत्रता दिवस

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शान्ति सरोवर में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने फहराया तिरंगा

– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में धूमधाम से पन्द्रह अगस्त मनाया गया…
– शहर के बाल कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से जमाया रंग…
– पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से तो आजादी मिली किन्तु विकारों की गुलामी से आजादी पाना शेष…हेमलता दीदी

रायपुर, 15 अगस्त 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने तिरगंा फहराया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को समझना होगा। ताकि आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

उन्होंने कहा कि सच्ची आजादी पाने के लिए हमें अपने भीतर की बुराइयों को दूर करना होगा। ऐसा लगता है कि असली आजादी अभी बाकी है। वह तभी मिलगी जब हम प्रेम और शान्ति से रहना सीखेंगे। हर-घर तिरंगा अभियान से राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना सारे देश में फैली है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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