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Brahmakumaris Raipur

ब्रह्माकुमारी संस्थान में मातृ दिवस मनाया गया

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 घर को व्यवस्थित रखने में माताओं की अहम भूमिका… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
 – स्वस्थ मन से ही स्वस्थ शरीर और सुखी परिवार… श्रीमती रिचा साव
 – संघर्ष जीवन का हिस्सा है इसलिए कठिनाईयों से घबराएं नहीं… श्रीमती नम्रता यदु,
 – ईश्वर ने माँ को अपने ही स्वरूप में गढ़ा है… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
  रायपुर, 12 मई 2024: अन्तर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में मातृ दिवस का आयोजन किया गया। विषय था- स्वस्थ एवं सुखी परिवार में माताओं की भूमिका।
  समारोह में बोलते हुए ब्रह्माकुमारीज की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि परिवार में घर परिवार को व्यवस्थित रखने और सभी सदस्यों की सुख सुविधाओं का ख्याल रखने में माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके साथ ही धन का सही ढंग से इस्तेमाल करना उसी पर निर्भर करता है। लेकिन परिवार में माताओं को वह सम्मान नहीं मिल पाता है जिसकी वह हकदार होती है। लोग समझते हैं कि महिलाएं कुछ नहीं करती हैं जबकि पति और बच्चों का व्यवहार उसके साथ कैसा भी हों वह सबका बराबर ध्यान रखती है। बदले में वह किसी से कुछ नहीं मांगती है। माताओं का बहुत बड़ा त्याग यह है कि वह अपना सारा जीवन पति, बच्चों और घर परिवार की चारदिवारी में कैद होकर व्यतीत कर देती है। वह बच्चों को सुसंस्कारित कर लायक बनाती है।
  दिशा स्कूल की प्राचार्य श्रीमती रिचा साव ने कहा कि परिवार में सबकी देखभाल माताएं करती हैं। मेरी नजर में माताएं माना ही देखभाल करने वाली। कोई भी व्यक्ति जो कि देखभाल कर रहा है वह माँ की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मन के लिए भौतिक शिक्षा के साथ ही अध्यात्मिक शिक्षा भी जरूरी है। स्वस्थ मन से ही स्वस्थ शरीर और सुखी परिवार का निर्माण हो सकता है।
  राज्य में मशरूम लेडी के रूप में पहिचानी जाने वाली श्रीमती नम्रता यदु ने संघर्ष को जीवन का हिस्सा बतलाते हुए कहा कि कदम-कदम पर कठिनाईयाँ आती हैं लेकिन हमें उसे जीवन का हिस्सा समझकर आगे बढऩा चाहिए। हमें कठिनाईयों से डरना नहीं चाहिए। जो भी समय ईश्वर ने हमें दिया है उसका लाभ उठाना चाहिए। ब्रह्माकुमारी संस्थान में जो अध्यात्म के द्वारा आत्मा और परमात्मा की शिक्षा दी जाती है वह हमें जीवन को अच्छी तरह जीने के लिए प्रेरित करती है।
  रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि माँशब्द सबसे अधिक प्यारा होता है। वह जगत जननी है। दया, करूणा, प्रेम और सहिष्णुता आदि सारे गुण उसमें समाहित होते हैं। कहते भी हैं कि ईश्वर ने माँ को अपने ही स्वरूप में गढ़ा है। इसलिए महिलाओं को पुरूषों की तरह दिखने या कपड़े पहनने की जरूरत नहीं है। वह सौम्यता, दिव्यता और कोमलता की प्रतीक है तो सशक्त और शक्तिशाली भी होती है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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