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व्यक्ति, वस्तु और वैभव से प्राप्त सुख अल्पकालिक… ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी

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ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी ने सिन्धी समाज को अध्यात्म से जुडऩे का आह्वान किया।
– मुम्बई से आए लोकप्रिय सिन्धी गायक जतिन उदासी का गायन हुआ।
– छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग और छ.ग. सिन्धी अकादमी ने मिलकर किया आयोजन।
– रायपुर के बाल कलाकारों ने प्रस्तुत किया सिन्धियों का अमर बलिदान नामक नृत्य नाटिका।

रायपुर, 28 सितम्बर 2023: छत्तीसगढ़ शासन का संस्कृति विभाग, छ.ग. सिन्धी अकादमी और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित रूहानी सिन्धी सम्मेलन में बोलते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती कृपलानी दीदी लन्दन ने कहा कि मनुष्य की इच्छाएं अन्तहीन होती हैं। वह सारी जिन्दगी चाहिए चाहिए करता रहता है। हम सुख को देहधारियों में ढूंढ रहे हैं। किन्तु वस्तु और वैभव से प्राप्त सुख अल्पकालिक होता है। जब हम स्वयं को आत्मा समझकर परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ते हैं तब जीवन में पवित्रता, सुख और शान्ति की प्राप्ति होती है। आत्मा स्वयं को भरपूर अनुभव करती है।

उन्होंने आगे कहा कि सुखी रहना है तो अध्यात्म को जीवन में अपनाना होगा। गीता में कहा है कि मन ही अपना मित्र और मन ही शत्रु है। राजयोग से हम मन को अपना दोस्त बना लेते हैं। राजयोग के लिए स्वयं की और परमात्मा की पहचान जरूरी है। आस्ट्रेलिया में कुछ घोड़े को ट्रेनिंग देने वाले लोग मेडिटेशन सीखने के लिए आए थे। उनसे जब पूछा कि घोड़े को कैसे प्रशिक्षित करते हो तब उन्होने बतलाया कि हम घोड़े को पहले प्यार करके अपना दोस्त बनाते हैं फिर जब वह हमारा कहना मानने लगता है तब उसे प्रशिक्षित करते हैं। उसी प्रकार हमें भी मन को दोस्त बनाना सीखना होगा। मन ठीक रास्ते पर चलेगा तो जीवन में सुख-शान्ति आएगी। उन्होंने कहा कि जैसे अन्धकार के बाद सूर्योदय होता है वैसे अब कलियुग के बाद सतयुग आना ही है किन्तु उसके लिए हमें सत्य की राह पर चलना होगा।

उन्होंने कहा कि सिन्धी समाज की यह विशेषता है कि दुनिया में जहाँभी जाते हैं वहाँ पानी में शक्कर की तरह घुल मिल जाते हैं। ब्रह्माकुमारी संस्थान की शुरूआत सिन्ध हैदराबाद से हुई थी। विभाजन के पश्चात यह संस्था भारत में आ गयी और राजस्थान के माउण्ट आबू में अपना मुख्यालय बनाकर सेवा शुरू की। लन्दन, अमेरिका, कनाडा, हांगकांग आदि अनेक देशों में ब्रह्माकुमारी संस्थान के सेवाकेन्द्र खोलने में सिन्धी समाज का अहम योगदान रहा है।

सम्मेलन को शदाणी दरबार रायपुर के उदय शदाणी, गोदड़ीवाला धाम की महन्त मीरादेवी खूबचन्दानी, छ.ग. सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष राम गिडलानी, छ.ग. पूज्य सिन्धी पंचायत के अध्यक्ष श्रीचन्द सुन्दरानी, चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी आदि ने भी सम्बोधित किया। साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी का अभिनन्दन किया गया।

उज्जैन सम्भाग की निदेशिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने स्वागत भाषण दिया। अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने की। संचालन जयपुर की निदेशिका ब्रह्माकुमारी चन्द्रकला दीदी ने किया।

रूहानी सिन्धी सम्मेलन में लोगों के मनोरंजन के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। देश-विदेश में लोकप्रिय सिन्धी गायक जतिन उदासी का गायन हुआ। साथ ही रायपुर के बाल कलाकारों द्वारा सिन्धियों का अमर बलिदान नामक नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत किया गया।

रूहानी सम्मेलन के पश्चात कल से शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में 29 सितम्बर से सुबह एवं शाम को 7 से 8.30 बजे बजे नि:शुल्क सात दिवसीय राजयोग एवं तनाव मुक्ति शिविर होगा।

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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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