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Brahmakumaris Raipur

मन की शान्ति के लिए पर्यावरण का साथ जरूरी… प्रेम कुमार, सचिव वन विभाग

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– बाल कलाकारों ने लघु नाटिका के माध्यम से दिया पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश…
– कल्प तरू योजना के अन्तर्गत पूरे देश में चालीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य…
– मन की शान्ति के लिए पर्यावरण का साथ जरूरी… प्रेम कुमार, सचिव वन विभाग
– वैश्विक प्रगति के साथ पर्यावरण सन्तुलन भी जरूरी … एस.एस. बजाज, महानिदेशक
– मानवता को बचाने के लिए पर्यावरण को बचाना होगा… सुधीर अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक

रायपुर, 04 जून: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण महोत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम में  वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक एस.एस. बजाज और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर अग्रवाल ने भाग लिया। अध्यक्षता ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया। चर्चा का विषय था -पर्यावरण सरंक्षण और हमारा दायित्व।

इस अवसर पर बोलते हुए वन विभाग के सचिव प्रेम कुमार ने कहा कि वर्तमान समय प्रदूषण इतना विकराल रूप ले चुका है कि हरेक को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। हम पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की थैली व बोतल आदि न फेंके। पर्यावरण को सरंक्षित और सवंर्धित करने के लिए जहाँपर भी खाली जगह मिले वहाँ पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़ें।

  उन्होंने आगे कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरनाक  है। जब हम घूमने के लिए पर्यटन स्थलों पर जाते हैं तो वहाँ पर प्लास्टिक और कूड़े के ढेर देखकर दु:ख होता है। प्लास्टिक को खाकर जीव जन्तु मर रहे हैं। प्लास्टिक का कचरा कम करने के लिए पुन: उपयोग की व्यवस्था होनी चाहिए। प्लास्टिक बाटल को वापिस करने पर कुछ रूपये वापिस करने का नियम बन जाए तो लोग उसे फेकेंगे नहीं। इसी प्रकार व्यर्थ फेंके गए प्लास्टिक का सदुपयोग सड़क बनाने में भी किया जा सकता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान के कल्पतरू योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर जीवन में खुशी चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनका संवर्धन करें।
      छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक एस.एस. बजाज ने कहा कि अगर भविष्य को सुखद बनाना है तो वैश्विक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण सन्तुलन बनाए रखना जरूरी है। विकास के लिए सड़क, मकान और बाँध बनाएँ लेकिन वन और जल सरंक्षण के प्रति भी जागरूक रहें। विकास के साथ पर्यावरण भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने शासन की नरवा, घुरवा और बाड़ी योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण के सरंक्षण की दिशा में अच्छा प्रयास है। गांव का पानी गांव में ही रहे उसके लिए छोटे बांध बनाए जा रहे हैं। इसी प्रकार गोबर से खाद और पेंट आदि बहुत सारी उपयोगी सामग्री बनाई जा रही है।

प्रधान मुख्य वन सरंक्षक सुधीर अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति से उतना ही लेंवें जितनी कि आपकी आवश्यकता है। किसी दूसरे का हिस्सा न छिनें। मनुष्य को अपने लालच पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। हमारा शरीर $पथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। हम प्रकृति को प्रदूषित करके अपने ही शरीर को खराब कर रहे हैं। हम अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर लें तो बहुत सारी समस्याएं खत्म हो सकती हैं।

रायपुर केन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि बेतहासा जनसंख्या वृद्घि के कारण प्रकृति की दशा दयनीय हो गई है। जंगल कटने से गर्मी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने बतलाया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सारे विश्व में पर्यावरण जागृति के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने हमारी संस्थान को आब्र्जवर स्टेटस प्रदान किया है। उन्होंने बतलाया कि कल्पतरू योजना के अन्तर्गत आने वाले 75 दिनों में हमारी संस्थान का देश में चालीस लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है।

इससे पहले ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने कहा कि जल, जमीन, जंगल और जानवरों की सुरक्षा से ही पर्यावरण सरंक्षण संभव है। दुनिया के तीस सबसे प्रदूषित शहरों में से बाईस हमारे देश के हैं।

        इस अवसर पर छोटे-छोटे बाल कलाकारों ने सुन्दर नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रकृति को बचाने का सन्देश दिया। बाद में वन सचिव प्रेमकुमार और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक सुधीर अग्रवाल ने शान्ति सरोवर में वृक्षारोपण कर कल्पतरू योजना का शुभारम्भ किया।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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