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सड़क यातायात के साथ ही मन में विचारों के ट्रैफिक का भी कन्ट्रोल जरूरी…

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रायपुर, 22 मई, 2023: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आज यातायात विभाग के सिपाहियों को जीवन प्रबन्धन तकनीक सिखलाया गया। इन्टरनेशनल माइण्ड व मेमोरी मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने यातायात थाने में आयोजित कार्यक्रम में सिपाहियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विचारों का हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे मन के निगेटिव विचार हमें बिमार रहे हैं। जैसे आप यातायात को नियंत्रित करते हैं। वैसे ही अब मन के विचारों को भी नियंत्रित करने की जरूरत है।
उन्होंने बतलाया कि इस पर एक किताब भी छपी है जिसमें बतलाया गया है कि कौन-कौन से नकारात्मक विचार से कौन- कौन सी बिमारियाँ होती है। क्रोध करने वाले को कैन्सर हो जाता है। जो ईष्र्यालु होते हैं उन्हें अल्सर होने की सम्भावना बढ़ जाती है। जो घमण्डी होते हैं उन्हें सर्वाइकल हो जाता है। इसलिए यदि हमारा माइण्ड हमारे कन्ट्रोल में है तो वह हमारा सबसे अच्छा दोस्त होता है। किन्तु कन्ट्रोल में नही होने पर वह सबसे बड़ा दुश्मन साबित होता है।
उन्होंने कैदियों का उदाहरण देते हुए बतलाया कि हमारा माइण्ड एक छोटे बच्चे की तरह है। उसे अगर सही मार्गदर्शन देंगे तो वह ठीक रहेगा लेकिन अगर उसे खुला छोड़ देंगे तो वह आपको यहाँ-वहाँ भटकाएगा। कुछ भी गड़बड़ काम करेगा और आपको फंसा देगा। जेल में कैदियों से मैने पूछा कि यहाँ कैसे पहुंचे तब उन्होंने बतलाया कि उनको गुस्सा आया उस समय उनका मन नियंत्रण में नहीं होने के कारण उनसे हत्या हो गई। जेल जाने के बाद अब पछता रहे हैं। यदि मन को काबू में करना सीख जाते तो यहाँ आने की नौबत ही नहीं आती।
किसी भी बात अथवा घटना को मन में छिपाकर नहीं रखें:
उन्होंने बतलाया कि बीती हुई घटना को मन में दबाकर रखने से धमनियों में ब्लाकेज बनते हैं। उसे भूलना सीखें। कभी भी कार्यालय के तनाव को घर में लेकर न जाएंं और न ही घर के तनाव को कार्यालय में लेकर न आएं। इसी प्रकार पहले से ही किसी के प्रति मन कोई गलत धारणा न बनाएं कि यह तो है ही ऐसा आदि। मुस्कुराने से चिन्ता और तनाव खत्म हो जाता है इसलिए बच्चा बन जाईए और मुस्कुराईए।
बाहरी स्वच्छता के साथ मन की स्वच्छता भी जरूरी:
उन्होंने आगे कहा कि यदि खुश रहना है तो स्वयं को कचरा डिब्बा (डस्टबिन) न बनने दें। कोई आकर आपसे निन्दा ग्लानि, चुगली करता है तो हाथ जोड़कर उनसे कहें कि मैं डस्टबिन नहीं हूँ। अपना कचरा कहीं और जाकर डालें। बीमारियों से बचना है तो स्वच्छ बनना पड़ेगा। हमारे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है। लेकिन सिर्फ बाहरी स्वच्छता से काम नहीं चलेगा। आन्तरिक स्वच्छता भी जरूरी है। ब्रह्माकुमारी संस्थान मन को स्वच्छ बनाने का काम कर रही है।
प्रारम्भ में यातायात थाने के उप पुलिस अधीक्षक ने ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह का परिचय दिया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, भावना दीदी और ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी और ब्रह्माकुमार महेश भाई आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर व्याख्यान सुनने के लिए काफी संख्या में यातायात थाने के सिपाहीगण उपस्थित रहे।

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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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