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Brahmakumaris Raipur

जीवन में सफलता पाने के लिए आशावादी बनें… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी

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सादर प्रकाशनार्थ

जीवन में सफलता पाने के लिए आशावादी बनें… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी

रायपुर 19 फरवरी: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा ग्रीन विलेज प्रोफेशनल ट्रेनिंग सेन्टर सारागांव में आत्म जागृति (सेल्फ अवेयरनेस) विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कोच कु. लक्ष्मी यादव के साथ ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी, ब्रह्माकुमारी स्मृति दीदी और समाजसेविका श्रीमती रेणु पाल उपस्थित थीं।

व्याख्यान की शुरूआत करते हुए ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि जीवन में तरक्की करने के लिए हमें आशावादी बनना होगा। आशावादी होने से जीवन में प्रेम, शान्ति और विश्वास जैसे गुण स्वत: आ जाते हैं। उन्होंने बतलाया कि आशावादी लोग ज्यादा समय तक जीवित रहते है क्योंकि वह तनावमुक्त रहते हैं। जो होगा वह देखा जाएगा। परिस्थितियों से घबराकर निराश नही होना चाहिए। आशावादी होना बहुत अच्छा गुण माना जाता है। परिस्थितियाँ हमारे वश में नहीं हैं वह तो आएंगी ही लेकिन हमें नकारात्मक विचारों से बचना है।

उन्होंने कहा कि रोज सुबह उठकर दस मिनट आत्म निरीक्षण के लिए निकालें। स्वयं से बातें करें। देखें कि जो विचार मन में आ रहे हैं क्या वह मेरे लिए लाभप्रद हैं? क्या वह हमारे व्यक्तित्व का विकास करने में मददगार सिद्घ होंगे? इसके साथ ही हरेक परिस्थिति के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। यह तभी सम्भव होगा जब हमारी आन्तरिक शक्ति मजबूत होगी। वर्तमान समय हम सभी बाहरी चीजों को पाने के लिए भाग रहे हैं। लेकिन आन्तरिक शक्ति को बढ़ाने पर हमारा ध्यान बिल्कुल भी नहीं है। आन्तरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए राजयोग मेडिटेशन करें।

उन्होंने कहा कि व्यर्थ और नकारात्मक विचारों को मन में जगह देकर अपने मन को कूड़ाघर न बनने दें। बीती बातों का चिन्तन न करें। रोज सुबह एक नई सोच के साथ अपने व्यक्तित्व की परिकल्पना करें।

ब्रह्माकुमारी स्मृति दीदी ने कहा कि हमें अपना लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। कुछ लोग अपने लक्ष्य को बदलते रहते हैं। महान लोगों के जीवन को देखें तो आप पाएंगे के हरेक के जीवन में असफलता आई लेकिन वह लोग निराश नहीं हुए बल्कि निरन्तर प्रयत्नशील रहे। अपने आत्मविश्वास को कभी डिगने न दें। जो भी कार्य कर रहे हैं उसे पूरी रूचि के साथ करें। जिस कार्य से डर लगता है उसे करके देखो तो इससे आत्म विश्वास बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि ईश्वर को अपना साथी बनाकर देखो। वह हर परिस्थिति में हमारा साथी बनने के लिए तैयार हैं। हम कमजोर न बनें। चाहे कैसी भी समस्या आए हम उसका सामना करने के लिए तैयार रहें। कभी स्वयं को अकेले न समझें बल्कि यह समझें कि हमारे साथ भगवान है। सफलता पाने के लिए चरित्र को श्रेष्ठ बनाने पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। अन्त में उन्होंने सभी को राजयोग मेडिटेशन का अनुभव कराया।

 

प्रेषक: मीडिया प्रभाग

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर, रायपुर मो. 94255 02255

 

 

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Brahma Kumaris News

PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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