Brahmakumaris Raipur
राजभवन में संध्या टी पार्टी में महामहिम राज्यपाल सहित राज्य के प्रमुख जनों से मुलाकात…

राजभवन में संध्या टी पार्टी में महामहिम राज्यपाल सहित राज्य के प्रमुख जनों से मुलाकात…
रायपुर, 26 जनवरी 2023: गणतंत्र दिवस की शाम को राजभवन में राज्य के चुने हुए प्रमुख अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए महामहिम राज्यपाल महोदया द्वारा आयोजित चाय पार्टी में क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमा दीदी, बीके सविता दीदी, और बीके वनिषा दीदी ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रगान की धुन पर महामहिम राज्यपाल बहन अनुसूईया उइके जी का शुभागमन हुआ। राज्यपाल महोदया के आसन ग्रहण करने के बाद सारे आमंत्रित राजनेता एवं वरिष्ठ अधिकारी व सेना के जवान उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए उनसे मुलाकात करने लगे। इस दौरान बीके हेमा दीदी, बीके सविता दीदी एवं वनिषा दीदी ने भी उनसे मुलाकात की। बीके सविता दीदी ने राज्यपाल महोदया को गुलदस्ता भेंटकर उनसे हेमा दीदी का क्षेत्रीय निदेशिका के रूप में परिचय कराया। महामहिम राज्यपाल महोदया बहुत ही स्नेह से आदरणीय कमला दीदी को याद करती रहीं। उन्होंने कहा कि दीदी की याद आते ही उनका चेहरा उनकी आंखों में झलकने लगता है। लोगों से मिलना छोड़कर बहुत देर तक राज्यपाल महोदया ब्रह्माकुमारी बहनों से बातें करती रही। बीके सविता दीदी ने राज्यपाल से अलग से राजभवन में बीके हेमा दीदी के लिए व्यक्तिगत मुलाकात करने का समय मांगा जिस पर उन्होंने बाद में समय निर्धारित कर अवगत कराने का वादा किया।
उसके बाद राजभवन में पधारे राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, वित्त आयोग के अध्यक्ष (आईएएस) भ्राता सरजियस मिंज जी, कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार वि.वि. के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा जी, मुख्य सचिव भ्राता अमिताभ जैन जी, पुलिस महानिदेशक भ्राता अशोक जुनेजा जी, गृह सचिव भ्राता अरूण देव गौतम जी, मैट्स युनिवर्सिटी के कुलपति भ्राता गजराज पगारिया जी, पूर्व मंत्रीगण भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी एवं भ्राता चन्द्रशेखर साहू जी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानन्द सिन्हा जी, आईपीएस भ्राता सूरज सिंह परिहार जी एवं भ्राता संजय शुक्ला जी, मुख्यमंत्री जी के सचिव (आईएएस) भ्राता सुब्रत साहू जी, पूर्व मुख्य सचिव भ्राता सुयोग्य मिश्रा जी, दैनिक भास्कर के राज्य सम्पादक भ्राता शिव दुबे जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी आदि आदि लोगों से मुलाकात की और परिचय का अदान-प्रदान किया।
जब लोगों को हेमा दीदी का परिचय देते थे तब प्राय: करके सभी लोग आदरणीय कमला दीदी और उनकी सेवाओं को श्रद्घापूर्वक याद कर उनके चले जाने का अफसोस जाहिर करते थे। हमने सभी को बाबा के घर शान्ति सरोवर में पधारने का निमंत्रण दिया। इस प्रकार आज राजधानी में आदरणीय कमला दीदी द्वारा की गई बेहद की सेवाओं से आदरणीय बीके हेमा दीदी को रूबरू होने का अवसर मिला। ओमशान्ति।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।
परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।
परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।
परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।
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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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योग भट्ठी की क्लास

– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में ”ब्राह्मण जीवन का सुरक्षा कवच” पर क्लास…
– बाबा ने हम बच्चों की रक्षा के लिए सुरक्षा घेरा बनाया है… ब्रह्माकुमार राजू भाई
– परखने की शक्ति के लिए साईलेन्स पावर को बढ़ाना होगा…
रायपुर, 20 जुलाई 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीजके रायपुर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर के शान्त एवं मनोरम वातावरण में माताओं और कन्याओं (शिवशक्तियों) की योग भट्ठी के बाद आज से पाण्डवों (अधरकुमार व कुमारों) की गहन योग तपस्या की शुरूआत हुई। माउण्ट आबू से ग्राम विकास प्रभाग के उपाध्यक्ष आदरणीय ब्रह्माकुमार राजू भाई ने आज ”ब्राह्मण जीवन का सुरक्षा कवच” विषय पर सारगर्भित क्लास कराई।
ब्रह्माकुमार राजू भाई ने कहा कि पुरूषार्थी जीवन में माया भिन्न-भिन्न रीति से वार करती है जिनसे हमें अपनी सेफ्टी करनी पड़ती है। माया अनेक रूपों में भेष बदलकर आएगी। बाबा हमें अपनी रक्षा के लिए बहुत सारे सुरक्षा कवच दिए हैं। हम अभी युद्घ के मैदान में हैं। रामायण में भी वर्णन आता है कि राजमहल के ऐशो आराम का त्याग कर जंगल में आने वाली सीता भी माया को न पहचान सकी और सोने के हीरण के पीछे फंस गयी। फलस्वरूप उसे शोक वाटिका में दिन बिताने पड़े। लक्ष्मण ने मर्यादा की लकीर खींची थी उसका भी वह उल्लंघन कर बैठी।
ब्रह्माकुमार राजू भाई ने आगे बतलाया कि बाबा ने हम बच्चों की रक्षा के लिए सुरक्षा घेरा बनाया हुआ है। माया सिर्फ विकार के रूप में ही नहीं आती है। वह ईष्र्या, द्वेष, प्रलोभन आदि के साथ भी आती है। न जाने कब, कौन व्यक्ति छल करके चला जाएगा, पता ही नहीं पड़ेगा। हमें किसी के प्रभाव में नहीं आना है। भोला नहीं बनना है। हमको ज्ञानमार्ग में बहुत समझ और युक्ति से चलने की जरूरत है। परखने की शक्ति को बढ़ाना होगा। इसके लिए साईलेन्स पावर को बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आजकल बहुत अधिक और व्यर्थ सोचने की बिमारी बढ़ रही है जिसके कारण सुगर और ब्लडप्रेशर जैसे जानलेवा रोग भी बढ़ रहे हैं। डॉक्टर भी कहते हैं कि अधिकतर बिमारी ज्यादा सोचने के कारण हो रही हैं। जो चीजें मेरे काम की नहीं है उनके बारे में बिलकुल भी नहीं सोचना है। हमारे मन में सबके लिए शुभ भावना होनी चाहिए।
उन्होंने बतलाया कि दूसरा कोई आपके बारे में कितना ही बुरा क्यों न सोच रहा हो? यदि आपके उपर बाबा की याद का सुरक्षा कवच है तो उसका कोई असर आपके उपर नहीं पड़ेगा। बाबा ने निम्न सुरक्षा कवच हम बच्चों को दिए हैं:-
1. शुद्घ और पवित्र सोच का कवच: हमें न व्यर्थ बोलना है और न ही व्यर्थ सोचना है। सदैव स्वचिन्तन में रहना और शुद्घ व पवित्र संकल्प करना है। स्वमान के स्वचिन्तन में रहो। श्रेष्ठ विचारों का आभामण्डल (औरा) अपने चारों ओर बना लो। अच्छे विचारों में रमण करें।
2. ईश्वरीय नियम/मर्यादाओं का कवच: हमें यज्ञ के नियम/ मर्यादाओं का पूरा पालन करना है। मर्यादा के अन्दर रहेंगे तो तंत्र-मंत्र कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। रावण किसी भी रूप में आए हम सदा सुरक्षित रहेंगे। बाबा ने संकल्प, बोल, कर्म और दृष्टि सबके लिए मर्यादाएं बतलायी हैं। जो नियमों में दृढ़ हैं वह सच्चे योगी हैं। नियमों में दृढ़ नहीं रहने से योग भी नहीं लगेगा। संकल्प हमारे श्रेष्ठ हों, बोल हमारे मर्यादित हों, दृष्टि हमारी पवित्र रहे, वृत्ति हमारी शुद्घ हो। कर्म हमारे न्यारे-प्यारे हों। व्यवहार में सरलता और नम्रता हो। दादियों की तरह एक-दो के विचारों को परस्पर सम्मान दें।
3. बाबा की छत्रछाया: सदैव बाबा की याद की छत्रछाया में रहें। कभी बाबा की याद की छतरी से बाहर नहीं निकलना। बाबा से दृष्टि और शक्ति लेकर बाबा को अपने साथ ले जाएं। कभी असफल नहीं होंगे। बाबा के साथ कम्बाईण्ड होकर रहें तो हमेशा सुरक्षित अनुभव करेंगे। ओमशान्ति।
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