Brahma Kumaris News
वर्तमान मीडिया पश्चिमी मानको पर आधारित… संजय द्विवेदी, महानिदेशक, आईआईएमसी

सादर प्रकाशनार्थ
– वर्तमान मीडिया पश्चिमी मानको पर आधारित… संजय द्विवेदी, महानिदेशक, आईआईएमसी
– राजनीतिक दबाव में आकर पत्रकारिता अब साफ सुथरी नहीं रही… राजेश बादल
– शान्ति सरोवर में मीडिया परिसंवाद सम्पन्न
– ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी की सातवीं पुण्यतिथि पर हुआ आयोजन
रायपुर,06 नवम्बर, 2022: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में मीडिया परिसंवाद आयोजित किया गया। विषय था- समाधानपरक मीडिया द्वारा समृद्घ भारत।
परिसंवाद के मुख्य अतिथि भारतीय जनसंचार संस्थान (आई.आई.एम.सी.) नई दिल्ली के महानिदेशक संजय द्विवेदी ने कहा कि आज की पत्रकारिता पश्चिमी मानकों पर टिकी है। हम अपनी परम्परा को भूला बैैठे हैं। हमारी परम्परा लोकमंगल की है। इसलिए हमारी पत्रकारिता भी लोकमंगल के लिए है। अब हमें मीडिया का भारतीयकरण करना होगा। मीडिया को भारतीय परम्परा के अनुरूप और समाज को आध्यात्मिक आधार पर आगे बढ़ाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड के दौरान मीडिया ने लोगों को जागृत करने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया। उन्होंने समाज को डराया नहीं बल्कि समाधान प्रस्तुत किया। उन्होंने सोशल मीडिया में फेक न्यूज से बढ़ रहे खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि बिना सोचे समझे किसी भी जानकारी को आगे फारवर्ड न करें। न लाईक करें, न टाईप करें और न ही शेयर करें।
उन्होंने बतलाया कि ब्रिटेन में तलाक के बढ़ रहे मामलों पर रिसर्च मेें इसके पीछे फेसबुक और सोशल मीडिया का बढ़ रहा प्रयोग ही दोषी पाया गया है। बातचीत बढ़ी है लेकिन संवाद घट गया है। परिवार के लोग एकसाथ भोजन करने बैठे हैं किन्तु हाथ मोबाईल में व्यस्त है। ऐसे समय हमको फिर से आध्यात्मिकता की ओर लौटना होगा। उन्होंने मीडिया कर्मियों को मानसिक शान्ति के लिए राजयोग मेडिटेशन सीखने का सुझाव दिया।
नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्मकार राजेश बादल ने कहा कि पहले पत्रकारिता के क्षेत्र में धर्म, जाति के आधार पर भेद नहीं था। आजादी के समय सकारात्मक पत्रकारिता थी किन्तु आज यह टुकड़ों में बट गई है। राजनीति ऐसी हो गई है कि अब पत्रकारिता साफ सुथरी नहीं रही। यह सोचना ठीक नहीं कि पत्रकार समाज को ठीक नहीं करेगा बल्कि समाज को उसे सुधारना होगा। पश्चिम की बुराइयाँ तो हमने अपना ली किन्तु राजनेताओं और समाज के दबाव में आकर हमने अपनी अच्छाइयों को गंवा दिया।
प्रयागराज से पधारी धार्मिक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने मीडिया के महत्व को बतलाते हुए कहा कि आजादी के आन्दोलन में वैचारिक क्रान्ति लाने का श्रेय मीडिया को रहा है। आज की मीडिया बहुत बदल गया है। उसमें नकारात्मकता घर कर गई है। खासकर जो बातें टेलीविजन के माध्यम से कही जा रही है वह मानसिकता को प्रदूषित कर रहा है। समाज को किसी समस्या के बारे में बतलाना ठीक है किन्तु साथ में मीडिया उसका समाधान भी बतलाए।
दैनिक भास्कर के राज्य सम्पादक शिव दुबे ने कहा कि हमारा समाज समाधान परक पत्रकारिता के लिए तैयार नहीं है। हममें से हरेक व्यक्ति समाज को बदलना चाहता है किन्तु यह भी चाहता है कि उसे सुधारने वाला व्यक्ति पड़ोसी के घर पैदा हो। लोग स्वयं में कोई सुधार करना नहीं चाहते हैं। मीडिया में घोटालों की खबर पढ़कर लोग सड़कों पर नहीं निकलते बल्कि चुप बैठ जाते हैं। राजनीति करने के लिए सिर्फ विपक्ष के लोग सड़कों पर निकलते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति के बारे में अनर्गल बातें फैलाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता है। अब पत्रकारिता बहुत बदल गई है। समाधान परक पत्रकारिता के लिए समाज का साथ होना जरूरी है।
उन्होंने बतलाया कि सप्ताह की शुरूआत सकारात्मक खबरों से हो इसलिए दैनिक भास्कर ने हरेक सप्ताह सोमवार को नो निगेटिव न्यूज की शुरूआत की है।
राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा ने कहा कि समाज की दिशा और दशा को बदलने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। मीडिया समाज का आईना होता है। मीडिया के माध्यम से समाज को जागरूक कर सकते हैं किन्तु अच्छे संस्कार कहां से लाएंगे। अच्छे इन्सान बनाने के लिए बचपन से अच्छे संस्कार देने की जरूरत है।
मीडिया परिसंवाद को क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर साहू और कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष शाहिद अली ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर दिवगंत पत्रकार रमेश नैयर, गोविन्द लाल वोरा, कमल दीक्षित आदि को दो मिनट मौन रहकर श्रद्घाजंलि अर्पित की गई। मीडिया परिसंवाद में राजधानी रायपुर के अलावा जगदलपुर, धमतरी, महासमुन्द, आरंग, अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई सहित बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने भाग लिया।
प्रेषक : मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर Mobile No.- 94074-94674
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रक्तदान शिविर

– ब्रह्माकुमारीज के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में दो दिवसीय रक्तदान शिविर में कुल 180 यूनिट रक्त संग्रह किया गया…
– रक्तसंग्रह का ब्रह्माकुमारीज का प्रयास सराहनीय… स्वास्थ्य मंत्री, छ.ग.
– यह शिविर देश में रक्त की कमी को पूरा करेगा… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
– कोई व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है…अशोक अग्रवाल, चेयरमेन, रेडक्रास
– सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं…एम.के. राऊत, सीईओ, रेडक्रास रायपुर
रायपुर (छ.ग.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 23 और 24अगस्त को शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में 129 भाई और 51 माताओं ने रक्तदान किया जिससॆ कुल 180 युनिट रक्त संग्रह हुआ। इसका उद्घाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने किया।
उल्लेखनीय है कि ब्रह्मकुमारी संस्थान ने भारत के 6000 से ज्यादा सेंटरों और नेपाल में एक साथ रक्तदान महाअभियान की शुरुआत की । एक लाख यूनिट से ज्यादा रक्तदान के लक्ष्य के साथ शुरू इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि भारत में अर्थ दान, भूमि दान, कन्या दान सहित विभिन्न दान की परंपरा है। इनमें रक्तदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों को नया जीवन मिलता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान का यह प्रयास सराहनीय है। छत्तीसगढ़ शासन भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर जागरूकता अभियान चला रहा है। हर जिले में ब्लड बैंक खुल चुके हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रेडक्रास सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पूर्व आईएस एमके राऊत ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी जल्द ही खून की जांच के लिए 10 मोबाइल एटीएम चालू करने जा रही है। इससे महज पांच मिनट में खून की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी दूर-दराज के इलाकों में खून की जांच में 12 घंटे लग जाते हैं। रक्तदान को लेकर एक मिथक है कि सिर्फ पुरुष ही दान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए इस संस्थान की बहनों का उत्साह इस मिथक को तोड़ेगा।
रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक अग्रवाल (आईएएस) ने कहा कि एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है। आज कई बीमारियां हैं जिनके इलाज के लिए खून की जरूरत होती है। सोसायटी के ब्लड बैंकों में खून के लिए आने वालों को पास डोनर नहीं हो तो भी हम निर्धारित शुल्क लेकर ब्लड देते हैं। जो न्यूनतम शुल्क देने में भी सक्षम नहीं हैं, उन्हें मुफ्त दिया जाता है।
रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि इस रक्तदान शिविर का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रेडक्रॉस रायपुर के सहयोग से किया गया था। यह शिविर न केवल रक्त की कमी को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। रक्तदान से आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।
उन्होने कहा कि रक्तदान केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।
प्रारम्भ में ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने अभियान की रूपरेखा बताई और ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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श्रीकृष्ण मनमोहक झाँकी..

– ब्रह्माकुमारीज द्वारा शान्ति सरोवर सड्ढू में सजाई मई मनमोहक झाँकी…
– बाल कलाकारों द्वारा ”श्री कृष्ण का तुलादान” प्रसंग की मनभावन प्रस्तुति…
– श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास करें…ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत महारास ने सभी को लुभाया…
रायपुर, 16 अगस्त, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बहुत ही आकर्षक झाँकी सजाई गई है। जिसमें इस संस्थान के बाल कालाकारों द्वारा महारास और श्रीकृष्ण का तुलादान नामक नृत्य नाटक की प्रस्तुति मन को मोह लेती है। इस झाँकी का शुभारम्भ क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि श्रीकृष्ण जयन्ती का यही ईश्वरीय सन्देश है कि श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का पुरूषार्थ किया जावे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में श्रीकृष्ण की जयन्ती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में गहन चिन्तन कर उसे धारण करने की जरूरत है।
उन्होंने बतलाया कि मनुष्य के अन्दर व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही उसके परम शत्रु हैं। जब हम इन विकारों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तभी हम सुख और शान्ति से जीवन यापन कर सकेंगे। गीता के माध्यम से समाज को यह सन्देश दिया गया है कि परमात्मा के साथ प्रीत बुद्घि होकर रहो क्योंकि इससे ही परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में परमात्मा की मदद मिल सकेगी।
इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अवगत कराया कि श्रीकृष्ण का तुला दान नाटक में यह दर्शाया गया है कि सत्यभामा ने कृष्ण को माया और शक्ति के माध्यम से प्राप्त करना चाहा किन्तु पा न सकी। वहीं दूसरी ओर रूक्मणी ने सच्ची प्रीत से प्रभु को पा लिया। यह जीवन्त झाँकी रविवार को शाम पांच बजे से रात के दस बजे तक जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
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स्वतंत्रता दिवस

शान्ति सरोवर में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने फहराया तिरंगा
– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में धूमधाम से पन्द्रह अगस्त मनाया गया…
– शहर के बाल कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से जमाया रंग…
– पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से तो आजादी मिली किन्तु विकारों की गुलामी से आजादी पाना शेष…हेमलता दीदी
रायपुर, 15 अगस्त 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने तिरगंा फहराया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को समझना होगा। ताकि आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।
उन्होंने कहा कि सच्ची आजादी पाने के लिए हमें अपने भीतर की बुराइयों को दूर करना होगा। ऐसा लगता है कि असली आजादी अभी बाकी है। वह तभी मिलगी जब हम प्रेम और शान्ति से रहना सीखेंगे। हर-घर तिरंगा अभियान से राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना सारे देश में फैली है।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।
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