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नवा रायपुर में दीपावली मिलन समारोह…

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सादर प्रकाशनार्थ

नवा रायपुर में दीपावली मिलन समारोह…

– नन्हे बाल कलाकारों ने रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया…

– मन में छाए अज्ञान अन्धकार को दूर करना ही सच्ची दिपावली… गृह सचिव

– अन्तर्मन में शुभ संकल्पों के दीप जलाएं… ब्रह्माकुमारी कमला दीदी

सादर प्रकाशनार्थ

 

नवा रायपुर में दीपावली मिलन समारोह…

– नन्हे बाल कलाकारों ने रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया…

– मन में छाए अज्ञान अन्धकार को दूर करना ही सच्ची दिपावली… गृह सचिव

– अन्तर्मन में शुभ संकल्पों के दीप जलाएं… ब्रह्माकुमारी कमला दीद

 

रायपुर, 24 अक्टूबर 2022: नवा रायपुर में स्थित शान्ति शिखर रिट्रीट सेन्टर में दीपावली मिलन समारोह बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह का शुभारम्भ गृह सचिव अरूण देव गौतम, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी एवं ब्रह्माकुमारी सविता दीदी सहित ब्र. कु. बहनों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

गृह सचिव अरूण देव गौतम ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली संकल्पों का त्यौहार है। एक-एक दीप हमारे संकल्पों का प्रतीक है। मन में छाए हुए अज्ञान अन्धकार को दूर करने से हीसमाज के अन्धकार को दूर किया जा सकता है। यही दीपावली का सन्देश भी है।

 

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि बाहर के अन्धकार को मिट्टी के दीपक जलाकर हम दूर कर सकते हैं किन्तु अन्र्तमन में छाए हुए अज्ञान अन्धकार को दूर करने के लिए हमें शुभसंकल्पों के दीप जलाने होंगे। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आओ हम सभी सत्य परमात्मा से सत्य ज्ञान लेकर अपने जीवन को पावन बनाएं। आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मनोपरिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहाँ श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा।

 

उन्होंने आगे कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है। विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा का प्रकाश मलिन हो गया है। लोगों का अन्तर्मन काम, क्रोध आदि विकारों के अधीन हो गया है। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच श्री लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है? यह कैसी विडम्बना है कि मन-मन्दिर की सफाई करने की जगह बाहरी सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म-मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति हैं, हम मनुष्य आत्माओं की ज्योति ज्ञान और योग से जगाकर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों की यादगार है।

 

कार्यक्रम में रायपुर के बाल कलाकारों (कुमारियों) ने बहुत ही सुन्दर मनभावन नृत्य और मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।इस अवसर पर स्थानीय गायिका कु. शारदा नाथ ने दीपावली की बधाई देते हुए गीत गाया जिसके बोल थे- खुशियों की आतिशबाजी, हैप्पी दिवाली। इसी गात पर कु. वैष्णवी, कु. नीलम, कु. गीता, कु. गायत्री, कु. आयुषी और कु. परिणीता आदि ने नृत्य प्रस्तुत किया।

 

उल्लेखनीय है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नवा रायपुर के सेक्टर-20 में इमर्सिव डोम के निकट डेढ़ एकड़ जमीन पर बहुत ही सुन्दर दर्शनीय स्थल के रूप में शान्ति शिखर भवन का निर्माण किया गया है जिसका उद्घाटन विगत वर्ष तत्कालीन मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी द्वारा किया गया था।

 

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

नवा रायपुर फोन : 0771- 2253253, 2254254

 

 

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शान्ति शिखर तनावग्रस्त लोगों को शान्ति की अनुभूति कराएगा… ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी

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3 नवंबर 2025

– शान्ति शिखर तनावग्रस्त लोगों को शान्ति की अनुभूति कराएगा… ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी
– एकेडमी फार ए पीसफुल वर्ल्ड-शान्ति शिखर में जयन्ती दीदी का हुआ दिव्य उद्बोधन…
– देश-विदेश से आठ हजार लोग पहुंचे…
– माउण्ट आबू सहित अन्य जगहों से आए लोगों का हुआ सम्मान…

नवा रायपुर (अटल नगर): प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के नये भवन एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड- शान्ति शिखर में आज संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी और अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार मृत्युजंय भाई का दिव्य उद्बोधन हुआ। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी ने माउण्ट आबू मुख्यालय की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी को चांदी का कलश भेंट किया। स्टेज पर देश-विदेश से आए सदस्यों सहित शान्ति शिखर के निर्माण में सहयोगी लोगों का सम्मान भी किया गया।

अपने आशीर्वचन में अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी ने कहा कि इस समय दुनिया में अनेक समस्याएं हैं। परिस्थितियों से प्रभावित होकर लोग तनावग्रस्त हो रहेे हैं। शान्ति की तलाश में भटक रहे ऐसी अशान्त आत्माओं को यह भवन गहन शान्ति की अनुभूति कराएगा। यहाँपर परमात्म प्रेरणा से इतना विशाल और सुन्दर आडिटोरियम बना है तो इसके पीछे कोई विशेष प्रयोजन जरूर होगा। सबको यहां से परमात्मा शिवबाबा की पहचान मिलेगी। उन्हें शान्ति की अनुभूति होगी। तपस्वी ब्रह्माकुमार-कुमारियों ने अपना तन-मन-धन लगाकर इसे बनाया है जिसके कारण इस भवन के एक-एक पत्थर में प्रेम, शान्ति और पवित्रता के प्रकम्पन भरे हुए हैं। इसीलिए यहाँ पहुंचने पर बहुत ही सुखद अनुभूति होती है।

उन्होंने कहा कि संसार में भवन तो अनेक बनते हैं लेकिन यह भवन विश्व कल्याण की भावना से बनाया गया है। इसलिए लोग यहाँ शान्ति की तलाश में खींचे चले आएंगे। लोग जब यह महसूस करेंगे कि यहाँ कोई हमें भी सुनने वाला बैठा है। मन को शान्ति देने वाला बैठा है।

उन्होंने कहा कि मन की चंचलता को शान्त करने के लिए उसे ज्ञान की शक्ति से शीतल और शान्त बनाएं। पाजिटिव सोच रखें। ईश्वरीय ज्ञान का चिन्तन करें। एक परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोडक़र रखे। मन में यह भाव हो कि जो पाना था वह पा लिया सिर्फ एक ही लक्ष्य रहे कि जो परमात्म सुख मुझे मिला है वह सबको मिले। हमारे योग से वातावरण शुद्घ हो जाता है। जितना हम योग में रहेंगे उतना हमारा त्वरित परिवर्तन होगा। आपके योग द्वारा यहाँ जो पवित्र और शुद्घ प्रकम्पन बन रहे हैं वह यहाँ आने वाले लोगो को भी परिवर्तन के लिए प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार मृत्युजंय भाई ने कहा कि रायपुर सेवाकेन्द्र के भाई-बहनों ने तन, मन और धन इस सुन्दर भवन में लगाकर अपना पुण्य जमा किया है। हम राजयोग के साधक और तपस्वी हैं। तपस्वी लोगों की वाणी वरदान बन जाती है। इसलिए कहते हैं संकल्पों से सिद्घि मिलती है। दृष्टि से सृष्टि बनती है। हमारी दृष्टि में इतनी पवित्रता हो कि हम नयी सृष्टि बना सकें।

कार्यक्रम का संचालन इन्दौर की ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने किया। माउण्ट आबू से आए बीके भानू और युगरत्न भाई ने गीत गाए। रायपुर की बाल कलाकारों ने यज्ञ की विरासत नामक नृत्य नाटक प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया।

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आने वाले समय में ब्रह्माकुमारीज़ विश्व शांति के प्रयासों का प्रमुख केंद्र होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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मोदी ने कहा- इस संस्थान से मेरा अपनापन है, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में शब्द कम, सेवा ज्यादा है…
– शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड समाज के नाम समर्पित…
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया लोकार्पण, पीएम ने मेडिटेशन रुम में लगाया ध्यान…
– मोदी ने अपने सम्बोधन में अध्यात्म, विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति और ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभवों का उल्लेख किया…
– राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी, अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार डॉ. मृत्युंजय भाई भी रहे मौजूद…

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के नवा रायपुर में नवनिर्मित शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर को समाज के नाम समर्पित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मेडिटेशन रुम में कुछ समय ध्यान भी लगाया। शांति शिखर के विशाल ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में अध्यात्म, विश्व शांति, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति और ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। मंच पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी, अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. मृत्युंजय भाई भी मौजूद रहे।

ओम शांति के सम्बोधन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने स्वयं को ही नहीं बल्कि विश्व और ब्रह्मांड को शांति के प्रयासों से जोड़ा है। आपका पहला सम्बोधन ही ओम शांति है। ओम अर्थात् ब्रह्म और संपूर्ण ब्रह्मांड तथा  शांति अर्थात् शांति की कामना है। इसलिए ब्रह्माकुमारी के विचारों का हर किसी के अंतर्मन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारा अध्यात्म हमें सिर्फ शांति का पाठ ही नहीं सिखाता अपितु वह हमें हर कदम पर शांति की राह भी दिखाता है। विश्व शांति की अवधारणा भारत के मौलिक विचारों का हिस्सा है।

यहां शब्द कम, सेवा ज्यादा है-
मैंने हमेशा अनुभव किया है, ब्रह्माकुमारी संस्थान में शब्द कम और सेवा ज्यादा है। मैं शांति शिखर की संकल्पना में दादी जानकी जी के विचारों को साकार होते हुए देख रहा हूं। राज्य के विकास से देश का विकास के मंत्र पर चलते हुए हम भारत को विकसित बनाने के अभियान में जुटे हैं। विकसित भारत की इस अहम यात्रा में ब्रह्माकुमारीज़ जैसी संस्था की अहम भूमिका है। मैंने इस आध्यात्मिक आंदोलन को वटवृक्ष की तरह विशाल होते देखा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है आचार्य परमोधर्म:, आचार्य परमोतपं, आचार्य परमज्ञानमं, आचार्य किं साध्यते अर्थात आचरण ही सबसे बड़ा धर्म है, आचरण ही सबसे बड़ा तप है और आचरण ही सबसे बड़ा ज्ञान है। आचरण से क्या कुछ सिद्ध नहीं हो सकता है। बदलाव तब होता है जब अपने कथन को करनी में उतारा जाए और यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्त्रोत है। जहां हर बहन पहले कठोर तप और साधना में खुद को तपाती है। समाज को सशक्त करने में ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थाओं की अहम भूमिका है।

श्री मोदी ने ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अनुभव किए साझा-
ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा तो सौभाग्य रहा है कि मैं बीते कई दशकों से आप सबके साथ जुड़ा हुआ हूं। मैं यहां अतिथि नहीं हूं मैं आपका ही हूं। इस संस्थान से मेरा अपनापन है। खासकर जानकी दीदी का स्नेह, राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी जी का मार्गदर्शन यह मेरी जीवन की विशेष स्मृतियों का हिस्सा है। मैं बहुत भाग्यवान रहा हूं। वर्ष 2011 में अहमदाबाद में फ्यूचर ऑफ पावर कार्यक्रम हो, वर्ष 2012 में संस्था की स्थापना के 75 वर्ष हो या वर्ष 2013 में प्रयागराज के कार्यक्रम हो, आबू जाना हो या गुजरात में किसी कार्यक्रम में जाना हो यह तो बहुत रुटीन सा हो गया था। दिल्ली आने के बाद भी आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ा अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान या जल जन अभियान इन सबसे जुड़ने का मौका हो, मैं जब भी आपके बीच आया हूं। आपके प्रयासों को बहुत गंभीरता से देखा है।

दुनिया के हर देश में ब्रह्माकुमारी के लोग मिले-
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया में मैं जहां-जहां गया, एक भी देश ऐसा नहीं होगा जहां एयरपोर्ट हो या कार्यक्रम का स्थान हो मुझे ब्रह्माकुमारीज़ के लोग नहीं मिले हों, उनकी शुभकामनाएं मेरे साथ न रहीं हों। इसमें मुझे अपनेपन का एहसास भी होता है और आपकी शक्ति का भी अंदाजा लगता है। जिन सपनों को लेकर आप चलें हैं वह सपने नहीं है, वह संकल्प होते हैं। आपके संकल्प पूरे हों।

यह ऊर्जा लोगों को शांति प्रयासों से जोड़ेगी-
श्री मोदी ने कहा कि आज हमारा छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड और उत्तराखंड की स्थापना के भी 25 वर्ष पूरे हुए हैं। देश के और भी कई राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। मैं इन सभी राज्यों के निवासियों को स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज का दिन बहुत विशेष है। मुझे विश्वास है शांति शिखर जैसे संस्थान भारत के प्रयासों को नई ऊर्जा देंगे। इस संस्थान से निकली ऊर्जा देश-दुनिया के लाखों लोगों को विश्व शांति के इस विचार से जोड़ेंगी।

अध्यात्म पर बोले प्रधानमंत्री- अध्यात्म दिखाता है शांति की राह-
श्री मोदी ने अध्यात्म पर कहा कि आत्म संयम से आत्म ज्ञान, आत्म ज्ञान से आत्म साक्षात्कार और आत्म साक्षात्कार से आत्म शांति। इसी पथ पर चलते हुए शांति शिखर एकेडमी में साधक वैश्विक शांति का माध्यम बनेंगे। ग्लोबल पीस के मिशन में जितनी अहमियत विचारों की होती है, उतनी ही बड़ी भूमिका व्यावहारिक नीतियों और प्रयासों की भी होती है। भारत उस दिशा में आज अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी के साथ निभाने का प्रयास कर रहा है। पूरी दुनिया में कहीं भी संकट आता है, कोई आपदा आती है तो भारत एक भरोसेमंद साथी के तौर पर मदद के लिए आगे आता है। भारत फर्स्ट रिस्पांडर होता है। विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भाव हो ऐसी उदार सोच के साथ हमारे यहां हर धार्मिक अनुष्ठान होता है। विश्व कल्याण की भावना का आस्था से सहज संगम हमारी सभ्यता, संस्कृति का सहज स्वभाव है। ये भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रकट रूप है। क्योंकि हम वो हैं जो जीव में शिव को देखते हैं। हम स्वयं का विस्तार सर्वस्व तक करते रहते हैं।

प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखना होगा-
श्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण का आहृान करते हुए कहा कि आज पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के बीच भारत पूरे विश्व में प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बना हुआ है। बहुत आवश्यक है कि प्रकृति ने हमें जो दिया है हम उसका संरक्षण और संवर्धन  करें। यह तभी होगा जब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखेंगे। हमारे शास्त्रों और प्रजापिता ने यही सिखाया है- हम नदियों को मां मानते हैं, जल में देवता के दर्शन करते हैं, पौधों में परमात्मा को देखते हैं। इसी भाव से प्रकृति और उसके संसाधनों का उपयोग, प्रकृति में केवल लेने का भाव नहीं, बल्कि उसे लौटाने की सोच, आज यही वे ऑफ लाइफ दुनिया को सेफ फ्यूचर का भरोसा देता है। भारत अभी से भविष्य के प्रति अपनी इन जिम्मेदारियों को न केवल समझ रहा है, बल्कि उन्हें निभा भी रहा है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रीड जैसे भारत के इनीशिएटिव वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का भारत के विजन के साथ आज दुनिया जुड़ रही है।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की ओर से प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनंदन है। परमात्मा आपको उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें ताकि आपके भारत के विश्व गुरु बनाने के संकल्प को सकारात्मक ऊर्जा मिलती रहे और आपके नेतृत्व में देश आगे बढ़ता रहे।

झलकियां-
– अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने छत्तीसगढ़ी टोपी (खुमरी) और माला पहनाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
– अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी ने शॉल भेंट कर प्रधानमंत्री का सम्मान किया।
– परिसर में पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी और प्रधानमंत्री मोदी की आकर्षक रंगोली भी सजाई गई थी जिसे श्री मोदी ने देखा।
– पूरे परिसर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया था।

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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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