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सुखी रहना है तो दूसरों को सुख देकर उनकी दुआएँ लो… ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी

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सुखी रहना है तो दूसरों को सुख देकर उनकी दुआएँ लो… ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी

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रायपुर, २६ जुलाई: आस्था और संस्कार चैनल पर प्रतिदिन प्रसारित होने वाले कार्यक्रम अवेकनिंग विथ ब्रह्माकुमारीज की मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि जीवन को सुखी बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपने कर्मों को श्रेष्ठ बनाओ। कभी किसी को दु:ख मत दो। जितना दूसरों को सुख देंगे उतना बदले में दुआएं मिलेंगी और आपका जीवन स्वत: ही सुखमय बन जाएगा।
ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स  स्थित इन्डोर स्टेडियम में आयोजित आध्यात्मिक समागम कार्यक्रम में विशाल जन समुदाय को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने आगे कहा कि सारे दिन में हम जिनके भी सम्पर्क में आते हैं, उनके साथ हमारा कार्मिक एकाउण्ट बनता है। अगर सारा दिन हम दूसरों को दु:ख देंगे तो हम स्वयं कैसे सुखी रह सकते हैं? जो कर्म करते हैं, उनका फल किसी न किसी रूप में हमें ही भोगना पडता है।
पुरानी बातों को मन में न रखें, उसे भूल जाएं:
उन्होंने नया रायपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि सिर्फ सडक़ें और मकान बनाने से नया रायपुर नहीं बनेगा बल्कि अपनी सोच और संस्कार को भी नया बनाना होगा। उन्होंने मनुष्य के जन्मजात संस्कारों की चर्चा करते हुए बतलाया कि मनुष्य स्वभाव से ही सफाई पसन्द होता है। घर में कहीं पर गन्दगी हो तो उसे तुरन्त साफ करते हैं। कचरे को ज्यादा दिन रखेंगे तो कीड़े पनपेंगे, बदबू आएगी। इसलिए उसे जल्दी बाहर फेंकने की कोशिश करते हैं। इसी प्रकार हमारे मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना, ईष्या अथवा द्वेष आदि न हो। यह सब गन्दगी हैं जो कि हमें बीमार कर देंगे। इन्हें बाहर फेंक दें यानि भुला दें। मन में न रखें। जीवन में खुश रहना सीखें।
उन्होंने बतलाया कि कई लोग स्वयं को बदलने की बजाय दूसरों को बदलने में लगे रहते हैं। कमोवेश यह हम सभी की आदत सी हो गई है। समझदारी इसी में है कि हम अपने कर्मों को दूसरों के लिए सुखकारी बनाएँ, जो हमारे नियंत्रण में भी होता है। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से प्रतिज्ञा करवायी कि जो संस्कार हमें या दूसरों को दु:खी करते हैं, उसे आज से बदलने का पुरूषार्थ करना है। यही जीवन को सुखद बनाने की पहली सीढ़ी है। हम दूसरों से अपेक्षाएँ बहुत करते हैं लेकिन स्वयं के कर्मों पर अटेन्शन नहीं रख पाते।
विचारों से बनता है -वातावरण:
उन्होंने बतलाया कि हमारे विचारों से वायुमण्डल बनता है। हमारी हर सोच दूसरों तक पहुँचती है। घर का वातावरण घर में रहने वाले लोगों के सोच से बनता है। मन्दिर का वातावरण इसीलिए इतना शान्त और पवित्र होता है, क्योंकि वहाँ पर लोग शुद्घ और पवित्र विचारों के साथ जाते हैं। हम सब जानते है कि जैसा कर्म वैसा फल मिलता है। इसलिए आप अपने लिए जो चाहते हैं, वही दूसरों को दें। इससे जीव श्रेष्ठ बन जाएगा। हमें जीवन में खुशी और शान्ति चाहिए तो इसे दूसरों को देना सीखें। हमारे मन में सबके लिए अच्छे और शुभ विचार होने चाहिए।
भोजन को प्रसाद समझकर ग्रहण करें:
शिवानी दीदी ने बतलाया कि घर में अच्छे और पवित्र सोच के साथ खाना बनाना और खाना चाहिए। हम परमात्मा की याद में खाना बनाएंगे और खाएंगे तो खाना प्रसाद बन जाएगा। हमारे विचारों का अन्न पर प्रभाव पड़ता है। खाते समय भी ईश्वर को याद करके खाएं। कभी भी टेलीविजन देखते हुए न खाएँ। परमात्मा की याद से अन्न को शुद्घ करके खाएँ तो खून भी शुद्घ बनेगा।
उन्होंने जीवन को सुखी बनाने का मंत्र देते हुए आगे कहा कि हम धन जो कमाते हैं वह सात्विक हो अर्थात उसमें लोगों की दुआएं शामिल हों। इसी प्रकार अन्न जो हम खाते हैं वह भी सात्विक हों और मन को भी सात्विक बनाएं। कभी भी किसी को सताकर या दु:ख देकर धन अर्जित नहीं करें। क्योंकि अनैतिक रीति से कमाया हुआ धन सुख और शान्ति नहीं देगा।
इससे पहले समारोह में विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने शॉल और श्रीफल भेंटकर ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी का अभिनन्दन किया। लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने अभिनन्दन पत्र भेंट किया तथा महापौर प्रमोद दुबे ने प्रतीक चिन्ह प्रदान कर शिवानी दीदी का स्वागत किया। समारोह में क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता और ब्रह्माकुमारी उषा दीदी भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर दुर्ग के युगरत्न भाई ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।

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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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