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क्रोध करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है …. ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी

क्रोध करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है …. ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी
रायपुर, २३ अप्रैल: माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत की सम्पादक एवं वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी ने कहा कि क्रोध करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। हमारी अन्त:स्त्रावी ग्रन्थियों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। हार्ट अटैक आने की सम्भावना सामान्य आदमी से तीन गुणा ज्यादा बढ़ जाती है। ब्लड प्रशर बढ़ जाता है। मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और कार्यक्षमता घट जाती है।
ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी रायपुर में आयोजित तनावमुक्ति एवं शान्ति अनुभूति शिविर के तीसरे दिन क्रोध पर विजय -विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रही थीं।
उन्होंने आगे कहा कि पांच मिनट के क्रोध से दो घण्टे की कार्यक्षमता नष्ट हो जाती है। क्रोध की अवस्था में विचार बहुत ही तेज गति से चलने लगते हैं जिससे शारीरिक उर्जा व्यर्थ ही नष्ट होने लगती है। क्रोध के बाद थकावट का अनुभव होता है। हमें अब अपनी उर्जा को निर्माण कार्य में लगाना है। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि क्रोध थोड़े समय का पागलपन होता है। क्रोधी व्यक्ति का स्वभाव सदा के लिए चिड़चिड़ा हो जाता है। क्रोध से तनाव उत्पन्न होता है जो कि फिर डिप्रेशन में बदल जाता है। राजयोग से क्रोध पर नियंत्रण किया जा सकता है।
उन्होंने बतलाया कि विभिन्न शास्त्रों में भी क्रोध से बचने की शिक्षा दी गई है। श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है कि क्रोध में व्यक्ति दिग्भ्रमित और पागल सा हो जाता है। उसकी बुद्घि नष्ट हो जाती है जिससे फिर सर्वनाश हो जाता है। बाईबिल में लिखा है कि अपने शत्रुओं से भी प्यार करो। जो तुम्हारा अपमान करे तुम उनके लिए प्रार्थना करो। कुरान में लिखा है कि जो लोग क्रोध को पी जाते हैं और अपराध को क्षमा कर देते हैं उन्हें अल्लाह भी माफ कर देते हैं।
क्रोध आने के कारण बतलाते हुए उन्होंने कहा कि जब इच्छानुसार काम नहीं होता है या हमारी सलाह नही मानी जाती है तब गुस्सा आता है। इसी प्रकार यदि कुछ नुकसान हो जाए या कोई झूठ बोले तो भी गुस्सा आ जाता है। इसके अलावा यदि कोई अपमान करे, निन्दा करे या झूठे लांछन लगाए तब भी गुस्सा आता है।
ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी ने क्रोध से बचने की उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि क्रोध आने पर कम से कम २० सेकण्ड तक कुछ न बोलें। मौन धारण कर लें। एक गिलास ठण्डा पानी पी लें। मन में बीस बार ओम शान्ति शब्द का उच्चारण करें। क्षमाभाव धारण करें और राजयोग का अभ्यास करें।
क्रोध का शरीर पर दुष्प्रभाव:
ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी ने कहा कि क्रोध करने से हमारी ८० से अधिक स्नायुओं में तनाव बढ़ता है। जिससे सिरदर्द या कमरदर्द हो सकता है। क्रोध के बाद थकावट का अनुभव होता है। पाचन शक्ति नष्ट हो जाती है। एसीडिटी बढ़ जाती है। क्रोध के समय लार पैदा करने वाली ग्रन्थियाँ काम करना बन्द कर देती हैं। जिसके कारण मुंह सूख जाता है और ज्यादा प्यास लगती है। क्रोधी व्यक्ति जल्दी बूढ़ा हो जाता है।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर फोन: ०७७१-२२५३२५३, २२५४२५४
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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…
रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।
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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…
रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।
ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।
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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।
रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।
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