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Brahmakumaris Raipur

मंत्रियों और विधायकों का शान्ति सरोवर में स्नेह मिलन समारोह

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मंत्रियों और विधायकों का शान्ति सरोवर में स्नेह मिलन समारोह सम्पन्न

मन की शान्ति के लिए माउण्ट आबू जाने की चाह… डॉ. चरण दास महन्त, विधानसभा अध्यक्ष

रायपुर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राजनीतिक सेवा प्रभाग द्वारा विधायकों के लिए शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महन्त, नेता प्रतिपक्ष नारायण दास चन्देल सहित अनेक मंत्री एवं विधायक मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महन्त ने कहा कि हम लोगों को शान्ति की जरूरत है। सभी लोग चाहे घर में हों या विधानसभा में सभी जगह अशान्त हैं। हम यह तय नहीं कर पाते हैं कि कौन सा कार्य हमारा है और कौन सा ईश्वर का है? शान्ति के लिए हमारे कई साथी माउण्ट आबू जाने की इच्छा रखते हैं ताकि शान्ति की अनुभूति कर सकें। हमारे अन्दर सुधार आए। मन में शान्ति होगी तो जनता की अच्छी सेवा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अशान्त मन से परमात्मा को याद नहीं कर सकते। हम सब उनकी सन्तान हैं और उनके समान बनना चाहते हैं।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी मंत्रियों एवं विधायकों को माउण्ट आबू में आयोजित तीन दिवसीय राजयोग शिविर में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक परम्पराओं से भरपूर है। इसका विकास विज्ञान के बल पर नहीं किन्तु नैतिक और आध्यात्मिकता के आधार पर करने की जरूरत है ताकि यह राज्य सारे देश के लिए रोल मॉडल बन सके।

प्रयागराज से पधारी धार्मिक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने कहा कि यह भूमि भावनाओं से भरी हुई है। यह भूमि अयोध्यापति श्री राम का ननिहाल रहा है। कहा भी जाता है छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा। जनता ने अपनी आवाज सत्ता के गलियारे तक पहुंचाने के लिए आपको चुना है। आज चाहे पक्ष हो चाहे विपक्ष सब कुछ भुलाकर यहाँबैठे हैं। किन्तु मनोबल की कमी होने से सेवाओं पर असर पड़ता है। जहाँ मनोबल होता है वहाँ सत्यता और सरलता जीवन की अनुगामिनी बनकर श्रेष्ठ व्यक्तित्व के रूप में उभरता है। उन्होंने सभी विधायकों को पुन: माउण्ट आबू में आने का निमंत्रण दिया ताकि वहाँ से नवीन प्रेरणाएं प्राप्त कर सकें। माउण्ट आबू की भूमि भी ऐसी ही श्रेष्ठ पावन भूमि है जहाँ पर लोग सब कुछ भूलकर मानव-मानव के साथ गले मिलकर चलते हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महन्त, नेता प्रतिपक्ष नारायण दास चन्देल, स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम सॉय सिंह टेकाम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक, पूर्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, डॉ. कृष्ण मूर्ति बाँधी, पुन्नू लाल मोहिले, ननकी राम कँवर, कुलदीप जुनेजा, अरूण वोरा, शिवरतन शर्मा, शिशुपाल सिंह सोरी, धरमजीत सिंह, प्रमोद शर्मा, दलेश्वर साहू, डॉ. प्रीतम राम, रजनीश सिंह, डॉ. लक्ष्मी धु्रव, श्रीमती सावित्री मनोज मण्डावी, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े आदि का शॉल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया।

समारोह में रायपुर के बाल कलाकारों ने राजकीय गीत अरपा पैरी के धार…गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर मन मोह लिया। अन्त में भिलाई सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने आभार प्रदर्शन किया। संचालन धमतरी सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने किया।


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PM मोदी जी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

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🚨 PM मोदी करेंगे ब्रह्माकुमारीज़ के ‘शांति शिखर’ का लोकार्पण, नवा रायपुर – लाइव 1 Nov, सुबह 10 बजे

भारत के गौरवशाली आध्यात्मिक इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है! ब्रह्माकुमारीज़ के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के भव्य लोकार्पण समारोह का यह आधिकारिक प्रोमो देखें। यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। इस प्रभावशाली स्थान का लोकार्पण भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। 📍 स्थान: नवा रायपुर, छत्तीसगढ़” 🗓️ तिथि और समय: शनिवार, 1 नवंबर 2025, सुबह 10:00 बजे (IST)” इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे :

    • छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल, श्री रामेन डेका
    • माननीय मुख्यमंत्री, श्री विष्णु देव साय
    • माननीय विधानसभा अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह
    • राजयोगिनी जयंती दीदी जी
    • राजयोगी मृत्युंजय भाई जी और अन्य वरिष्ठ राजयोगिनी एवं राजयोगी।
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आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा

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रायपुर, छ.ग.। आज छत्तीसगढ़ के नम्बर वन न्यूज चैनल आई बी सी 24 पर “आदि शक्ति से साक्षात” विषय पर सामयिक चर्चा रखी गई थी।

परिचर्चा में छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाओं में पारंगत नारी शक्ति को अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया।

परिचर्चा में ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने हिस्सा लिया और नवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए आदि शक्तियों के महत्व को प्रतिपादित किया।

परिचर्चा में ब्र.कु. सविता दीदी के अलावा डॉ शिखा पाण्डेय- वैदिक ज्योतिषि, डॉ नीना मोइत्रा- वास्तु व टैरो कार्ड रीडर, विद्या दुबे- कथा वाचिका, गरिमा जैन- जसगीत गायिका, साध्वी डॉ किरण ज्योति प्रेम- विशेषज्ञ, योग विज्ञान, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव- सामाजिक कार्यकर्ता, नीता डुमरे- पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, डॉ दिव्या देशपांडे- प्रोफेसर, संस्कृत कॉलेज ने भाग लिया।

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कैदियों की सूनी कलाइयों में ब्रह्माकुमारी बहनों ने राखी बाँधी

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काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत…. ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
रायपुर, 07 अगस्त, 2025: केन्द्रीय कारागार में कैदियोंं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दैवी बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए प्रवचन किया और उनकी सूनी कलाइयों में राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं जेल के कल्याण अधिकारी दिलेश पाण्डे, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी, सौम्या दीदी, सिमरण दीदी, अंशु दीदी और जागृति दीदी आदि उपस्थित रहीं।
कैदियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। वरन् हमें काम, क्रोध आदि मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षा का अभिप्राय शारीरिक रक्षा से नहीं है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम शरीर नहीं हैं अपितु इसके माध्यम से कर्म करने वाली चैतन्य आत्मा हैं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है।
उन्होंने कैदियों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी बुराइयाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठï कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बतलाते हुए कहा कि जीवन को सुखी बनाना है तो हमें अपने कर्मों को श्रेष्ठï बनाना होगा। ऐसे समय में परमात्मा हमें रक्षा का वचन दे रहे हैं कि हे आत्माओं अब देह से न्यारे बनो और मुझे याद करो तो मैं तुम्हारी सभी मनोविकारों से रक्षा करूंगा।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सौम्या दीदी ने विचारों की शक्ति को स्पष्ट करते हुए व्याख्यान दिया। ब्रह्माकमारी रश्मि दीदी ने कैदियों को जीवन में अच्छाइयों को अपनाने की प्रतिज्ञा कराई। अन्त में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को रक्षासूत्र बाँधकर मुख मीठा कराया। संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरण दीदी ने किया।
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