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दादी प्रकाशमणी के बताए आदर्शों पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्घाजंलि…

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प्रेस विज्ञप्ति

दादी जी को भावभीनी श्रद्घांजलि
दादी प्रकाशमणी के बताए आदर्शों पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्घाजंलि…

रायपुर, 25 अगस्त : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि को उनकी तरहवीं पुण्यतिथि पर विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टरमें श्रद्घाजंलि दी गई। इस अवसर पर बोलते हुए क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि दादी जी के आदर्शों पर चलकर उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का पुरूषार्थ करना ही उन्हें सच्ची श्रद्घाजंलि होगी।

उन्होंने दादी प्रकाशमणि की सेवाओंको याद करते हुए कहा कि पहले ब्रह्माकुमारी संस्थान की सेवाएँ सिर्फ भारत तक ही सीमित थी। दादी जी ने अपने अथक प्रयासों से संस्थान की सेवाओं को सारे विश्व में फैलाया। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा शान्तिदूत पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया था। दादी जी ने हमें सिखलाया कि संगठन में एक दो को सम्मान देकर और सभी की विशेषताओं को महत्व देकर कैसे संगठन को मजबूत किया जा सकता है।

दादी प्रकाशमणि ने यह सिद्घ कर दिया कि नारी यदि अपनी शक्तियों को पहचान ले तो वह दुर्गा, काली और शीतला बन अपना ही नहीं वरन् समूचे जगत को विकारों और आसुरियत की दलदल से मुक्त करने में अहम भूमिका निभा सकती है। दादी जी के व्यक्तित्व का ही कमाल था कि माउण्ट आबू में ब्रह्माकुमारी संस्थान के परिसर में पहुंचकर सभी को यह सुखद अहसास होता था कि मानों हम स्वर्ग में आ गए हों। अपने घर से भी अधिक अपनापन वहाँपर अनुभव होता था।

दादी जी कर्मयोगी थीं और महिला सशक्तिकरण की अनुकरणीय मिसाल थीं। दादी जी में नेतृत्व की अपार क्षमता थी। उनके अन्दर नेतृत्व के साथ-साथ मातृत्व का भी असीम भाव था। उनकी मन:स्थिति इतनी उँची हो चुकी थी कि किसी की कमी-कमजोरी, जाति-पाँति, धर्म आदि का भेदभाव उनको कभी छू तक नहीं पाया।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर, फोन: 0771-2253253, 2254254


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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की

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रायपुर, (छ.ग.) 29 मई 2024: रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में पधारने और यादगार स्वरूप वृक्षारोपण करने तथा ब्रह्माभोजन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि और बीके भावना दीदी भी थीं।

विदित हो कि राजधानी रायपुर के निकट अम्लेश्वर में अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा सुना रहे हैं जिसमें दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग बड़ी श्रद्घा से कथा श्रवण के लिए आते हैं। आयोजक बीके महेश भाई के परिचित थे। इसलिए आयोजकों ने बहनों को कार्यक्रम में पधारने के लिए पास भेजा था। कथा के अन्त में आरती के समय आयोजकों ने एनाउन्स करके बीके सविता दीदी को मंच पर बुलाया और पण्डित जी से मिलवाया।

बीके सविता दीदी ने उन्हें गुलदस्ता और शाल/श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। बाद में उन्हें छत्तीयगढ़ की सेवाओं से अवगत कराते हुए शान्ति सरोवर में पधारने और ब्रह्माभोजन स्वीकार करने का आग्रह किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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