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स्वस्थ रहने के लिए योग और सन्तुलित जीवनशैली जरूरी… सुश्री अनुसूईया उइके, राज्यपाल

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प्रेस विज्ञप्ति

  • अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ऑनलाईन वेबीनार में राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष ने भाग लिया

स्वस्थ रहने के लिए योग और सन्तुलित जीवनशैली जरूरी… सुश्री अनुसूईया उइके, राज्यपाल

रायपुर, 21 जून, 2020: राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और सन्तुलित जीवनशैली जरूरी है। कोरोना महामारी के बीच योग ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब दुनिया भी यह मान रही है कि योग के प्रयोग एवं सन्तुलित जीवनशैली से हम शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। हमें विपरीत परिस्थितियों में भी मन को स्थिर रखना है।

सुश्री उइके अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सोशल मीडिया यूट््यूब पर आनलाईन आयोजित वेबीनार को सम्बोधित कर रही थीं। विषय था वर्तमान परिस्थितियों में राजयोग की आवश्यकता।

राज्यपाल ने आगे कहा कि कोरोना काल में दुनियाभर में डिप्रेशन और मनोरोग में वृद्घि हुई है। मन कमजोर होने से लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए हमें ध्यान रखना है कि तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखा जाए। अपनी क्षमता और इच्छाशक्ति को मजबूत रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन बहुत उपयोगी है। राजयोग मेडिटेशन यानि ध्यान के जरिए अपने आत्मबल को बढ़ाना होगा। इसलिए सभी को योग और ध्यान करना चाहिए। इससे निश्चित रूप से जीवन में सकारात्मक परिणाम दिखेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि जिसके अन्दर आत्मबल होता है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता है। वह बिमारी से भी बचा रहता है। आत्मबल मजबूत होने से लोग कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी से भी छुटकारा पा जाते हैं। जो काम दवा नहीं कर सकती वह आत्मबल और मनोबल से हो सकता है।

जीवन प्रबन्धन विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि योग शब्द का अर्थ होता है जोडऩा। अध्यात्म के सन्दर्भ में आत्मा और परमात्मा का मिलन ही सच्चा योग है। योग सिर्फ शरीर के स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का तरीका है। योग को सिर्फ एक दिन नहीं करें अपितु इसे अपनी दिनचर्या का अंग बनाना होगा। सुबह की शुरूआत अच्छे और श्रेष्ठ विचारों के साथ करना चाहिए। अध्यात्मिक किताबें पढ़ें। शरीर के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूर करें लेकिन मन को स्वस्थ रखने के लिए राजयोगा मेडिटेशन को न भूलें।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महन्त ने ब्रह्माकुमारी संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान राजयोग के माध्यम से पूरे विश्व में शान्ति स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। विश्व के कोन-कोने में इसकी शाखाएं हैं। योग से कर्मों में कुशलता आती है। परमात्मा से शक्ति लेना ही राजयोग है। राजयोग से मन को शान्ति मिलती है। राजयोग मेडिटेशन परमात्मा तक पहुंचने का अच्छा माध्यम है। इस समय पूरा विश्व अशान्त है। ऐसे में हम दुनिया में शान्ति स्थापित करने में सहयोग करें।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया को भय से भर दिया है। निगेटिव विचार हमारे मन को कमजोर बना रहे हैं। इसका हल आध्यात्मिकता में छिपा है। राजयोग से हमें अपने मन को शक्तिशाली बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बतलाया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान से पूरे विश्व में आज लाखों लोग जुड़े हुए हैं जो कि राजयोग को अपनाकर तनावमुक्त और शान्तिमय जीवन जी रहे हैं। मन की शान्ति के लिए मेडिटेशन के अलावा अन्य कोई दूसरा उपाय नहीं है।

माउण्ट आबू से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने कहा कि कोरोना ने हमको पूरे परिवार के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान किया है। ऐसा समय दुबारा नहीं मिलेगा। इसलिए इस समय को यादगार बना दें। यादगार तब बनेगी जब सबमें अच्छाइयाँ देखेंगे। कोई भी इन्सान सम्पूर्ण नहीं है। हरेक के अन्दर कुछ न कुछ विशेषताएं जरूर होती हैं तो एक दो में अच्छाइयों को देखें। श्रीमद भगवद् गीता में भगवान ने बतलाया है कि योग माना सन्तुलन। योग माना कर्म और व्यवहार कुशलता। इसलिए राजयोग मेडिटेशन जरूरी है। अपने मन को परमात्मा के दिव्य स्वरूप पर एकाग्र करें।

इस अवसर पर ग्लोबल हास्पीटल माउण्ट आबू के डॉ. श्रीमन्त साहू ने कहा कि इस समय हम बहुत ही विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं। अनजाना सा भय मन में घर कर गया है। कोरोना पेशेन्ट बढ़ते जा रहे हैं। हास्पीटल्स में बेड नहीं है। ऐसे समय में मानसिक सन्तुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। हमारा देश प्राचीन देश है यह विश्व का गुरू रहा है। यहाँ का योग सारे विश्व में प्रसिद्घ है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत जरूरी है। शरीर को लचीला एवं स्वस्थ के लिए आसन और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लिए राजयोग ध्यान करना चाहिए।

अन्त में रायपुर की लोकप्रिय गायिका कु. शारदा नाथ ने सुन्दर आध्यात्मिक गीत गाकर भावविभोर कर दिया। वेबीनार का संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्र्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय,
रायपुर फोन: 0771-2253253, 2254254


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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की

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रायपुर, (छ.ग.) 29 मई 2024: रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में पधारने और यादगार स्वरूप वृक्षारोपण करने तथा ब्रह्माभोजन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि और बीके भावना दीदी भी थीं।

विदित हो कि राजधानी रायपुर के निकट अम्लेश्वर में अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा सुना रहे हैं जिसमें दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग बड़ी श्रद्घा से कथा श्रवण के लिए आते हैं। आयोजक बीके महेश भाई के परिचित थे। इसलिए आयोजकों ने बहनों को कार्यक्रम में पधारने के लिए पास भेजा था। कथा के अन्त में आरती के समय आयोजकों ने एनाउन्स करके बीके सविता दीदी को मंच पर बुलाया और पण्डित जी से मिलवाया।

बीके सविता दीदी ने उन्हें गुलदस्ता और शाल/श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। बाद में उन्हें छत्तीयगढ़ की सेवाओं से अवगत कराते हुए शान्ति सरोवर में पधारने और ब्रह्माभोजन स्वीकार करने का आग्रह किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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