Connect with us

Uncategorized

आधुनिकता से नहीं अपितु अध्यात्म से होगा महिला सशक्तिकरण…ब्रह्माकुमारी कमला दीदी

Published

on

प्रेस विज्ञप्ति

आधुनिकता से नहीं अपितु अध्यात्म से होगा महिला सशक्तिकरण…ब्रह्माकुमारी कमला दीदी

 

रायपुर, ०८ मार्च: ब्रह्माकुमारी संगठन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण आधुनिकता से नहीं अपितु अध्यात्म से होगा । हम आधुनिकता में इतना न रम जाएं कि अपनी संस्कृति को ही भुल जाएं।

कमला दीदी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन में बोल रही थीं। विषय था -आधुनिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन। उन्होंने बतलाया कि पहले महिलाएं अपनी इच्छाओं को दबाकर रखती थीं लेकिन आज वह पुरूषों की तरह ही हर काम कर सकती हैं।

उन्होंने बतलाया कि वर्तमान समय संसार में समस्याओं की भरमार है इसलिए ऐसे समाज में रहने के लिए जीवन में आध्यात्मिकता का होना जरूरी है। इससे जीवन में सहनशीलता, नम्रता, मधुरता आदि दैवी गुण आते हैं। उन्होंने कहा कि आदि काल में जब महिला आध्यात्मिक शक्ति से सम्पन्न थी तब दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती आदि रूपों में उसकी पूजा होती थी। किन्तु आज की नारी अध्यात्म से दूर होने के फलस्वरूप पूज्यनीय नही रही। भौतिक दृष्टिï से नारी ने बहुत तरक्की की है किन्तु आध्यात्मिकता से वह दूर हो गई है। वर्तमान समय महिलाओं में आध्यात्मिक जागृति की बहुत आवश्यकता है।

हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने कहा कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति में पुरूषों से कम नहीं हैं। महिलाएं परिवार की धूरी होती हैं। वह यदि ठान लें तो अरूणिमा सिन्हा की तरह पैर कटा हुआ होने के बावजूद एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि न हमें पुरूषों से आगे जाना है और न ही प्रताडि़त हेना है। हमें अपने स्तर पर जीना है। समाज में रहना है तो आधुनिकता और आध्यात्मिकता दोनों का सन्तुलन रखकर चलना होगा। जीवन में आगे बढऩे के लिए दोनों का सन्तुलन जरूरी है। जिस दिन हम अपनी आत्मा की आवाज सुनना बन्द कर देते हैं, उस दिन हमारे जीवन से आध्यात्मिकता खत्म हो जाती है।

पं. जवाहर लाल नेहरू शा. चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला चिकित्सक होने के कारण उन्हें महिलाओं को नजदीक से देखने का अवसर मिलता है। लोग आधुनिकता की अन्धी दौड़ में व्यस्त हैं। मेरा मानना है कि पाश्चात्य सभ्यता से हमारी संस्कृति नष्ट हो रही है। पहले जमाने में जब संयुक्त परिवार होता था तो दादा-दादी और नाना-नानी बच्चों को कहानियाँ सुनाया करते थे। जिसके माध्यम से बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा मिल जाती थी। अब लोगों के पास बच्चों के लिए समय ही नहीं है, सब लोग टेलिविजन में व्यस्त हो जाते हैं। जीवन में भौतिक सुख-साधन के साथ ही आध्यात्मिकता भी जरूरी है।

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी अदिति बहन ने कहा कि महिलाओं को पाश्चात्य संस्कृति का अन्धानुकरण नहीं करना चाहिए बल्कि अपने जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन बनाकर चलना चाहिए। स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छंदता नहीं है। रूढि़वादी सोच को बदले तो हर नारी आधुनिक बन सकती है।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज रायपुर फोन : ०७७१-२२५३२५३, २२५४२५४



for media content and service news, please visit our website-
www.raipur.bk.ooo

Uncategorized

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की

Published

on

By

रायपुर, (छ.ग.) 29 मई 2024: रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में पधारने और यादगार स्वरूप वृक्षारोपण करने तथा ब्रह्माभोजन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि और बीके भावना दीदी भी थीं।

विदित हो कि राजधानी रायपुर के निकट अम्लेश्वर में अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा सुना रहे हैं जिसमें दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग बड़ी श्रद्घा से कथा श्रवण के लिए आते हैं। आयोजक बीके महेश भाई के परिचित थे। इसलिए आयोजकों ने बहनों को कार्यक्रम में पधारने के लिए पास भेजा था। कथा के अन्त में आरती के समय आयोजकों ने एनाउन्स करके बीके सविता दीदी को मंच पर बुलाया और पण्डित जी से मिलवाया।

बीके सविता दीदी ने उन्हें गुलदस्ता और शाल/श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। बाद में उन्हें छत्तीयगढ़ की सेवाओं से अवगत कराते हुए शान्ति सरोवर में पधारने और ब्रह्माभोजन स्वीकार करने का आग्रह किया।

Continue Reading

Uncategorized

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

Published

on

By

 

बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

Continue Reading

Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

Published

on

By

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

Continue Reading

News