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परमात्मा के दिव्य अवतरण की यादगार है शिवरात्रि

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प्रेस विज्ञप्ति

परमात्मा के दिव्य अवतरण की यादगार है शिवरात्रि

रायपुर, २० फरवरी: जब इस धरा पर चारों ओर अज्ञान अन्धकार छाया होता है तथा मनुष्यात्माएं काम, क्रोध, लोभ, मोह एवं अहंकार रूपी विकारों के वशीभूत हो जाती हैं। तब ऐसे अतिधर्मग्लानि के समय पर मनुष्यों को निर्विकारी और पवित्र बनाने के लिए परमात्मा शिव का दिव्य अवतरण इस धरा पर होता है। वास्तव में महाशिवरात्रि शिव के दिव्य अवतरण का ही यादगार है।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित महाशिरात्रि महोत्सव में बोलते हुए क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि इस समय दुनिया में भौतिक प्रगति बहुत हुई है, लेकिन जीवन मेें सुख और शान्ति कम होती जा रही है। हम सभी चाहते हैं कि यह विश्व सुखमय बने और समाज में सद्भावना हो । लेकिन यह तभी सम्भव है जबकि मनुष्यों के मन में सभी प्राणीमात्र के लिए शुभ भावना और शुभ कामना होगी । यह बड़े ही अफसोस की बात है कि इस दुनिया में इन्जीनियर, डॉक्टर और वकील बनाने के अनगिनत विद्यालय हैं किन्तु इन्सान को अच्छा इन्सान बनाने का एक भी विद्यालय नही है।
उन्होने कहा कि यह पुनीत कर्तव्य ब्रह्मïाकुमारी संस्थान द्वारा किया जा रहा है। इस संस्थान में सिखाए जा रहे राजयोग के सतत् अभ्यास से मन की वृत्तियॉं शुद्घ होती हैं तथा सभी को आत्मिक रूप में समान दृष्टिï से देखने के परिणामस्वरूप समाज में सद्भावना की स्थापना होती है।

शिवरात्रि से सम्बन्धित रस्म-रिवाजों को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बतलाया कि शिवलिंग पर पानी मिश्रित दूध और दही की धार टपकाने का अभिप्राय है कि हम अपनी बुद्घि का तार सतत् रूप से परमात्मा से जोड़कर रखें, बेलपत्र चढ़ाने का तात्पर्य है कि परमात्मा के प्रति समर्पित भाव रखें तथा अक, धतूरा जैसे सुगन्धहीन और काँटेदार फूल भेंट करने का रहस्य है कि अपनी बुराइयों और विकारों को जो कि कांटों की तरह दु:ख पहुँचाते हैं, परमात्मा को अर्पित कर निर्विकारी और पवित्र बनें। इसी प्रकार सिर्फ एक रात जागने से अविनाशी प्राप्ति नहीं होगी बल्कि अब तो कलियुग रूपी महारात्रि चल रही है, उसमें आत्मा को ज्ञान द्वारा जागृत करना ही सच्चा जागरण है।

प्रेषक : मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर फोन: ०७७१-२२५३२५३, २२५४२५४



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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की

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रायपुर, (छ.ग.) 29 मई 2024: रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में पधारने और यादगार स्वरूप वृक्षारोपण करने तथा ब्रह्माभोजन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि और बीके भावना दीदी भी थीं।

विदित हो कि राजधानी रायपुर के निकट अम्लेश्वर में अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा सुना रहे हैं जिसमें दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग बड़ी श्रद्घा से कथा श्रवण के लिए आते हैं। आयोजक बीके महेश भाई के परिचित थे। इसलिए आयोजकों ने बहनों को कार्यक्रम में पधारने के लिए पास भेजा था। कथा के अन्त में आरती के समय आयोजकों ने एनाउन्स करके बीके सविता दीदी को मंच पर बुलाया और पण्डित जी से मिलवाया।

बीके सविता दीदी ने उन्हें गुलदस्ता और शाल/श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। बाद में उन्हें छत्तीयगढ़ की सेवाओं से अवगत कराते हुए शान्ति सरोवर में पधारने और ब्रह्माभोजन स्वीकार करने का आग्रह किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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