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२० दिसम्बर को इन्डोर स्टेडियम में सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ

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प्रेस विज्ञप्ति
२० दिसम्बर को इन्डोर स्टेडियम में सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ

– मुख्य प्रशासिका दादी जानकी माउण्ट आबू से आएंगी…
– माननीय राज्यपाल करेंगी उद्घाटन, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी रहेंगे मौजूद …
– देश भर से हजारों लोग शामिल होंगे…

रायपुर, १८ दिसम्बर: छत्तीसगढ़ राज्य में ईश्वरीय सेवाओं के ४० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में २० दिसम्बर को शाम को ५ बजे बुढ़ापारा रायपुर स्थित इन्डोर स्टेडियम में सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर अपने आशीर्वचनों से लाभान्वित करने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी रायपुर आएंगी।

प्रेस क्लब में पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए माउण्ट आबू से पधारे ज्ञानामृत पत्रिका के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश ने बतलाया कि आध्यात्मिक महाकुम्भ का शुभारम्भ सुश्री अनुसूईया उइके माननीय राज्यपाल द्वारा किया जाएगा। प्रमुख उद्बोधन प्रयागराज सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी का होगा। सभा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महन्त, संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्यंजय और क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी भी सम्बोधित करेंगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पूरे देश भर से लोग रायपुर आ रहे हैं।

उन्होंने बतलाया कि दादी जानकी एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व ही नहीं हैं, वरन् उनकी गणना विश्व के उन दस प्रमुख बुद्घिजीवियों (Keepers of Wisdom) में होती है, जिन्हें वर्ष १९९२ में रियो-डि-जेनरियो में सम्पन्न प्रथम पृथ्वी महासम्मेलन में विश्व नेताओं का मार्गदर्शन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनोनीत किया गया था।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की संस्थापक सदस्यों में से एक १०३ वर्षीय जानकी दादी वर्तमान समय विश्व की किसी भी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की सबसे वरिष्ठतम मुख्य प्रशासिका है। दादी जी ने अपनी योग की उपलब्धियों से दुनिया के वैज्ञानिकों को आश्चर्य चकित कर दिया है। आस्ट्रेलिया की युनिवर्सिटी ऑफ मेलबोर्न, अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, सेनफ्रान्सिस्को की युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया जैसी प्रख्यात संस्थाओं ने वैज्ञानिक परीक्षण में देखा कि परस्पर वार्तालाप करते हुए तथा गणितीय प्रश्नों का समाधान करते हुए भी दादी जी के मस्तिष्क से डेल्टा तरंगें ही प्रवाहित होती हैं। जबकि सामान्यत: गहन विश्राम अथवा निद्रा की अवस्था में ही डेल्टा तरंगे (सबसे धीमी तरंगे Slowest Brain Waves) निकलती हैं। इस प्रकार का परीक्षण वैज्ञानिकों ने विभिन्न योगियों के साथ किया किन्तु कहीं पर भी ऐसा अद्भुत परिणाम देखने को नहीं मिला। फलस्वरूप वैज्ञानिकों ने उन्हें सर्वाधिक स्थिर चित्त (Most Stable Mind in the World) महिला घोषित किया है।

आपकी व्यापक लोकप्रियता को देखते हुए भारत शासन ने आपको स्वच्छ भारत अभियान का ब्राण्ड एम्बेसेडर घोषित किया है।

आध्यात्मिक महाकुम्भ का १४० देशों में सीधा प्रसारण होगा-

ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश ने आगे कहा कि सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ का सीधा प्रसारण १४० देशों में एक साथ फ्री टू एयर (डी.टी.एच.)- पीस ऑफ माइण्ड चैनल पर किया जाएगा।

शासन ने स्टेट गेस्ट घोषित किया-

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी के रायपुर प्रवास के दौरान उनको राज्य शासन ने राज्य अतिथि (स्टेट गेस्ट) घोषित किया है।


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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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