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हम सुधर जाएँ तो दुनिया सुधर जाएगी… श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल झारखण्ड
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रायपुर, ४ दिसम्बर: झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा। हम सुधर जाएँ तो दुनिया सुधर जाएगी। इसलिए हमको सजग होकर अच्छे कर्म करना चाहिए। क्योंकि कर्मो के अनुसार ही अगला जन्म मिलता है। हम परिस्थितियों को नहीं बदल सकते हैं परन्तु खुद को तो बदल सकते हैं।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित ईश्वरीय ज्ञान द्वारा विश्व परिवर्तन राष्ट्रीय योजना के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने खुद को बदलने पर जोर देते हुए कहा कि मन की स्वच्छता के बिना बाहरी स्वच्छता किसी काम की नहीं है। इसके लिए मन की गन्दगी को निकालकर अन्तर्मुखी बनना होगा। जीवन में जब भी तनाव हो मेडिटेशन करो। बीती बातों को बार-बार याद न करें। नकारात्मक बातों को भूलकर सकारात्मक पहलू पर ध्यान दें।
उन्होंने बतलाया कि वह अत्यन्त साधारण परिवार में पैदा हुई थीं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत एक कार्यकर्ता के रूप से की। उनके जीवन में अनेक उतार चढ़ाव आए। वह मन की शान्ति के लिए बहुत भक्ति किया करती थी। किन्तु उनके मन में शान्ति नहीं थी। ऐसे समय में उन्हें अचानक ब्रह्माकुमारी संस्थान का परिचय मिला। वहाँ का वायुमण्डल उन्हें मन्दिर की तरह पवित्र लगा। वहाँ पर जाकर जब राजयोग मेडिटेशन सीखा तो जीवन में सुख, शान्ति, आनन्द सब मिल गया। अब वह रोजाना ब्राह्म मुहुर्त में उठकर राजयोग मेडिटेशन करती हैं। इससे उन्हें बहुत शान्ति मिलती है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि मनुष्य को परिवर्तन अच्छा लगता है। लेकिन परिवर्तन सुखदायी होना चाहिए। आज प्रकृति और पाँचों तत्व दु:खदायी हो चुके हैं। दिनों दिन प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। ऐसे समय पर परमात्मा ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग  के द्वारा मनुष्यात्माओं के संस्कार परिवर्तन का कार्य करा रहे हैं। मनुष्य मात्र के हृदय का शुद्घिकरण कर रहे हैं। इस कार्य में सबको सहभागी बनने की आवश्यकता है।
एम्स रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम. नागरकर ने कहा कि हमारे देश ने पूरे विश्व को अध्यात्म के माध्यम से प्रेम का सन्देश दिया है। इस देश की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि यहाँपर अनेक धर्म और भाषा के लोग परस्पर मिल-जुलकर रहते हैं। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान की सेवाओं की सराहना करते हुए लोगों से अच्छे स्वास्थ्य के लिए राजयोग मेडिटेशन को अपनाने की सलाह दी।
ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कहा कि विगत ८० वर्षोंसे परमात्मा द्वारा ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की शिक्षा के माध्यम से हम आत्माओं के संस्कार परिवर्तन करके विश्व परिवर्तन का कार्य कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम जागें और अपनी आध्यात्मिक शक्तियों को पहचानें। उन्हें ईष्र्या, द्वेष और घृणा भाव को छोडऩे की सलाह देते हुए कहा कि इससे सर्व प्राणीमात्र के प्रति हमारे मन में प्रेम उत्पन्न होगा।

 

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देशभक्ति के रंग में डूबा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर… – क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने तिरंगा ध्वज फहराया…

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पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से मुक्ति मिली किन्तु विकारों से मुक्त होना शेष…

रायपुर, 15 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी एवं सविता दीदी संग राजधानी रायपुर की सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने मिलकर तिरगंा फहराया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों द्वारा देशभक्ति के गीतों पर आधारित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को हमें समझना होगा ताकि आजादी के लिए शहीद होने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। स्वतंत्र का मतलब है स्व पर शासन। हरेक कर्मइन्द्रियाँ हमारे वश में हो। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा की भावना को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। राजयोग मेडिटेशन से काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब हम इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान… – जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…

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तनावमुक्त जीवन जीने की कला विषय पर व्याख्यान…
– जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव्स के लिए हुआ आयोजन…
– तनाव हमें बीमार कर रहा है… ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी
– तनाव से बचने हेतु जीवन में जो मिला है और जितना मिला है उसमें सन्तुष्ट रहना सीखिए…

रायपुर, 14 अगस्त 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जिन्दल स्टील एवं पावर लिमिटेड मन्दिर हसौद में तनाव मुक्त जीवन जीने की कला (Art of stress free Living) विषय पर वहाँ के एक्जीक्यूटिव्स के लिए व्याख्यान आयोजित कर सभी को राखी बांधी गई।

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने कहा कि इस समय तनाव और अवसाद सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। यह तनाव मनुष्यों को बीमार कर रहा है। तनाव हमारी क्षमता को आधा कर देता है। आधुनिक जीवनशैली हमें दिनों दिन आध्यात्मिकता से दूर कर रही है। हम अपने निज स्वरूप को न जानने के कारण नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। राजयोग मेडिटेशन हमें परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है।

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य हमेशा सोचता है कि अमुक काम हो जाए फिर मैं सुखी हो जाउंगा। बस यह काम और हो जाए फिर कोई तनाव नहीं रहेगा। इसी उघेड़बुन में वह जिन्दगी के अनमोल क्षणों को व्यर्थ में गंवा देता है। किसी भी कार्य को यदि सुव्यवस्थित तरीके से और सम्पूर्णता के साथ किया जाए तो उसे आर्ट कहते हैं। हमें अगर तनाव प्रबन्धन की कला आ जाए तो हंसी-खुशी जीवन को जिया जा सकता है। गुस्सा, भय, चिडचिड़ापन, एकाग्रता की कमी, भय, चिन्ता, उदासी आदि तनाव के ही लक्षण हैं।

ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने आगे बतलाया कि समस्याएं सबके सामने आती है। किन्तु जब हमारी आन्तरिक शक्ति कमजोर हो जाती है तब हमें तनाव महसूस होता है। अब सवाल पैदा होता है कि हम तनाव को बैलेन्स कैसे करें? उसे कम करें या खत्म करें? किसी कार्य को करने के लिए जुनून की जरूरत होती है। जुनून की विशेषता यह है कि उसमें खुशी भी शामिल होती है। हमें अब खुद ही अपने जीवन का टेक्नीशियन बनना होगा। अपने जीवन को खुशनुमा बनाना होगा। यह हमारे ही हाथ में निर्भर है। अब तक जो मिला है और जितना मिला है उसमें खुश और सन्तुष्ट रहना सीखिए।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में जिस तेजी से विज्ञान और तकनीक का विकास हो रहा है, उसी तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन भी हो रहा है। पहले इतने भौतिक सुख के साधन नही थे किन्तु लोगों में परस्पर भाई-चारा, स्नेह और अपनापन था। इन दिनों मनुष्य हर समय तनाव, भय और असुरक्षा के साए में जीवन गुजार रहा है। तनाव का एक कारण सहनशक्ति की कमी होना भी है। सहनशक्ति की कमी होने से मनुष्य झट तनाव में आ जाता है।

कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वनिषा दीदी ने भी अपने विचार रखे।

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक भ्राता नवीन जिन्दल को माउण्ट आबू पधारने का निमंत्रण दिया और राखी बाँधी

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रायपुर, 31 जुलाई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने लोकसभा सांसद और जिन्दल कम्पनी के मालिक नवीन जिन्दल के रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें माउण्ट आबू में आयोजित उद्योग एवं व्यापार प्रभाग के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रश्मि दीदी और ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी भी उपस्थित थीं।

रायपुर प्रवास के दौरान सांसद नवीन जिन्दल अपने व्यस्ततम दिनचर्या में से समय निकालकर ब्रह्माकुमारी बहनों से बहुत ही आत्मियता से मिले। उन्होंने अवगत कराया कि ब्रह्माकुमारी बहनों का आशीर्वाद उन्हें हर जगह मिलता रहता है। इस पर ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने उन्हें रायपुर में की जा रही ईश्वरीय सेवाओं से अवगत कराते हुए समय निकालकर यहाँ के शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में भी पधारने का निमंत्रण दिया। सांसद महोदय द्वारा वर्र्तमान समय लेकसभा का सत्र चालू होने के कारण माउण्ट आबू जाने में असमर्थता जताने पर सविता दीदी ने उन्हें सितम्बर माह में आबू में आयोजित सम्मेलन में चलने का आग्रह किया तब उन्होंने बतलाया कि उस समय हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। फिर उन्होंने कहा कि रायपुर में उनके लायक कोई सेवा हो तो जरूर बतलाएं। पश्चात सविता दीदी ने उन्हें राखी बाँधी और ईश्वरीय प्रसाद दिया जिसे उन्होंने बहुत ही श्रद्घा और आदर के साथ स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि सांसद नवीन जिन्दल आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर आए थे। इसी दौरान रायपुर से वापिस जाते वक्त बहनों ने उनसे मुलाकात की थी। ओमशान्ति।

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