Brahma Kumaris News

शान्ति सरोवर में रविवार को शिक्षक दिवस समारोह सम्पन्न…
– हमारी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो अच्छे चरित्र का निर्माण करे… डॉ. अरूणा पल्टा, कुलपति
– शिक्षकों के अन्दर इतना नैतिक बल हो कि वह दूसरों को प्रेरित कर सके… डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल
– मूल्यनिष्ठ शिक्षा से जीवन में सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और सम्मान की भावना आएगी…डॉ. रमना राव
– हमारी शिक्षा केवल रोजगार केन्द्रित नही हो… प्रो. बल्देव भाई शर्मा, कुलपति
– जीवन में सद्गुणों की प्राप्ति अध्यात्म से ही सम्भव… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
– डिग्रियों के साथ ही अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा…ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी
रायपुर, 08 सितम्बर 2024: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- श्रेष्ठतम समाज के लिए मूल्य आधारित शिक्षा।
समारोह का उद्घाटन पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) के डायरेक्टर डॉ. एन.वी. रमना राव, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा, हेमचन्द विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा तथा रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और रूचिका दीदी ने दीप प्रज्वलित करके किया।
हेमचन्द विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने स्वामी विवेकानन्द का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था हमारी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो अच्छे चरित्र का निर्माण करे। आज समाज में अच्छे चरित्र की सबसे अधिक कमी जरूरत महसूस हो रही है। हाल ही में कोलकाता में घटित घटना इसी तथ्य की ओर ईशारा कर रही है। अगर हम चरित्र का निर्माण नहीं कर पा रहे तो कितनी भी अच्छी शिक्षा हम दे लें उसका कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने जापान देश का उदाहरण देते हुए बतलाया कि वहाँ पर छोटे बच्चों को पहले अच्छा इन्सान बनने की शिक्षा दी जाती है। उनके कन्धों पर किताबों का बोझ नहीं होता है। वहाँ पर केवल यह सिखलाया जाता है कि किस तरह से दूसरों का आदर करना है, आस-पास के वातावरण को साफ रखना है और किस तरह से एक दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक भाई-चारे के साथ रहना है। औपचारिक पढ़ाई उनकी सात या आठ वर्ष की उम्र के बाद शुरू होती है।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल ने कहा कि शिक्षकों के अन्दर इतना नैतिक बल होना चाहिए कि वह दूसरों को प्रेरित कर सके। एक समय हमारी शिक्षा व्यवस्था इतनी उन्नत थी कि हमारा देश सोने की चिडिय़ा कहलाता था। हम अब तक ब्रिटिश शिक्षा व्यवस्था को ही आगे बढ़ाते जा रहे थे। वर्ष 2019 में पहली बार सरकार ऐसी शिक्षा पद्घति लेकर आयी जिसमें आधुनिकता और भारतीयता की झलक थी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि अपने विद्यार्थियों को भारतीय होने का बोध कराएं और उन्हें बतलाएं कि भारतीय होना सबसे अधिक पर गर्व की बात है। आज भी हमारे ज्ञान का भण्डार कम नहीं हुआ है। हमारा ज्ञान, हमारी परम्परा आज भी समृद्घ है। हमारी भाषा जिस लिपि में लिखी गई है उसका एक-एक अक्षर और स्वर विशेष तरंग उत्पन्न करते हैं। इतनी विज्ञान सम्मत भाषा दुनिया में कहीं नहीं है। इसीलिए हमारे जितने भी मंत्रोपचार हैं वह देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) के डायरेक्टर डॉ. एन.वी. रमना राव ने कहा कि बच्चों में जिम्मेदारी, सहानुभूति और दूसरों के प्रति आदर भाव पैदा करने के लिए नैतिक और सदाचारपूर्ण शिक्षा की जरूरत है। समाज में सहानुभूति, सद्भाव और एकता का विकास करने के लिए मानवता और करूणा की शिक्षा देने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि समानता, न्याय और सबको समान अधिकार मिले। मूल्यनिष्ठ शिक्षा से ही जीवन में सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, पर्यावरण की सुरक्षा और परस्पर सम्मान की भावना पैदा होगी।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि हमारी शिक्षा केवल रोजगार केन्द्रित नही होनी चाहिए। हमारा समाज सुखी तब बनेगा जब शिक्षक शिक्षा के माध्यम से छात्रों में मानवीय संवेदना जगाएंगे। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शिक्षक वह है जिसमें जिन्दगी भर कुछ सीखने की ईच्छा हो। नई-नई किताबें पढऩा, लोगों से मिलकर उनके विचार जानना यह उसके अन्दर भावना होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज आपाधापी में लोग इतना ज्यादा व्यस्त हैं कि उसके पास परिवार के लिए और खुशी का अनुभव करने के लिए समय ही नहीं है । किसी शायर ने खूब कहा है कि-ख्वाहिसों भरी जिन्दगी में हम सिर्फ दौड़ रहे हैं। रफ्तार धीमी करो मेरे दोस्त ताकि खुशी से जी सको।
उन्होंने आदरपूर्वक ब्रह्माकुमारी कमला दीदी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन शिक्षा का प्रतिमान था। अपने अथक प्रयासों से उन्होंने सुदूर अंचल तक आध्यात्मिक ज्ञान का प्रकाश फैलाया और समूचे छत्तीसगढ़ में सेवाकेन्द्र खोलने में सफल रहीं।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करने का दायित्व शिक्षक पर होता है। देश में कई ऐसी उत्कृष्ट संस्थाएं हैं जो कि अच्छे डॉक्टर्स और इन्जीनियर्स बनाने का कार्य कर रहे हैं किन्तु उन्हें अच्छा इन्सान बनाने के लिए कोई शिक्षा संस्थान नहीं है। आध्यात्मिकता हमारे जीवन को नैतिक मूल्यों से संवारने में मदद करती है। राजयोग मेडिटेशन इसमें बहुत अधिक मददगार सिद्घ हो सकती है। सद्गुणों की प्राप्ति अध्यात्म से ही हो सकती है।
इससे पहले मूल विषय को स्पष्ट करते हुए ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने कहा कि वर्तमान समय हमारे देश में शिक्षित लोगों का प्रतिशत बढ़ रहा है। किन्तु इसके साथ ही समाज में अपराध का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। डिग्रियाँ बढ़ रही हैं लेकिन भाई-चारा कम हो रहा है। अगर हमें मूल्यनिष्ठ समाज बनाना है तो उसके लिए शिक्षकों को समाज के आगे आदर्श बनकर स्वयं को प्रस्तुत करना होगा।
इस अवसर पर रायपुर के बाल कलाकारों ने नैतिक मूल्यों पर आधारित परिवर्तन की सुनहरी यात्रा नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। अन्त में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने शॉल और श्रीफल भेंटकर डॉ. सच्चिदानन्द शुक्ल, डॉ. अरूणा पल्टा, डॉ. एन.वी.रमना राव और प्रो. बल्देव भाई शर्मा का अभिनन्दन किया। सभा में उपस्थित समस्त शिक्षकों का भी ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा अभिनन्दन किया गया।
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रक्तदान शिविर

– ब्रह्माकुमारीज के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में दो दिवसीय रक्तदान शिविर में कुल 180 यूनिट रक्त संग्रह किया गया…
– रक्तसंग्रह का ब्रह्माकुमारीज का प्रयास सराहनीय… स्वास्थ्य मंत्री, छ.ग.
– यह शिविर देश में रक्त की कमी को पूरा करेगा… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी
– कोई व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है…अशोक अग्रवाल, चेयरमेन, रेडक्रास
– सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं…एम.के. राऊत, सीईओ, रेडक्रास रायपुर
रायपुर (छ.ग.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 23 और 24अगस्त को शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में 129 भाई और 51 माताओं ने रक्तदान किया जिससॆ कुल 180 युनिट रक्त संग्रह हुआ। इसका उद्घाटन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने किया।
उल्लेखनीय है कि ब्रह्मकुमारी संस्थान ने भारत के 6000 से ज्यादा सेंटरों और नेपाल में एक साथ रक्तदान महाअभियान की शुरुआत की । एक लाख यूनिट से ज्यादा रक्तदान के लक्ष्य के साथ शुरू इस अभियान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि भारत में अर्थ दान, भूमि दान, कन्या दान सहित विभिन्न दान की परंपरा है। इनमें रक्तदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों को नया जीवन मिलता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान का यह प्रयास सराहनीय है। छत्तीसगढ़ शासन भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर जागरूकता अभियान चला रहा है। हर जिले में ब्लड बैंक खुल चुके हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रेडक्रास सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पूर्व आईएस एमके राऊत ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी जल्द ही खून की जांच के लिए 10 मोबाइल एटीएम चालू करने जा रही है। इससे महज पांच मिनट में खून की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी दूर-दराज के इलाकों में खून की जांच में 12 घंटे लग जाते हैं। रक्तदान को लेकर एक मिथक है कि सिर्फ पुरुष ही दान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए इस संस्थान की बहनों का उत्साह इस मिथक को तोड़ेगा।
रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक अग्रवाल (आईएएस) ने कहा कि एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है। आज कई बीमारियां हैं जिनके इलाज के लिए खून की जरूरत होती है। सोसायटी के ब्लड बैंकों में खून के लिए आने वालों को पास डोनर नहीं हो तो भी हम निर्धारित शुल्क लेकर ब्लड देते हैं। जो न्यूनतम शुल्क देने में भी सक्षम नहीं हैं, उन्हें मुफ्त दिया जाता है।
रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि इस रक्तदान शिविर का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा रेडक्रॉस रायपुर के सहयोग से किया गया था। यह शिविर न केवल रक्त की कमी को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। रक्तदान से आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है।
उन्होने कहा कि रक्तदान केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।
प्रारम्भ में ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने अभियान की रूपरेखा बताई और ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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श्रीकृष्ण मनमोहक झाँकी..

– ब्रह्माकुमारीज द्वारा शान्ति सरोवर सड्ढू में सजाई मई मनमोहक झाँकी…
– बाल कलाकारों द्वारा ”श्री कृष्ण का तुलादान” प्रसंग की मनभावन प्रस्तुति…
– श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास करें…ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत महारास ने सभी को लुभाया…
रायपुर, 16 अगस्त, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बहुत ही आकर्षक झाँकी सजाई गई है। जिसमें इस संस्थान के बाल कालाकारों द्वारा महारास और श्रीकृष्ण का तुलादान नामक नृत्य नाटक की प्रस्तुति मन को मोह लेती है। इस झाँकी का शुभारम्भ क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी और रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि श्रीकृष्ण जयन्ती का यही ईश्वरीय सन्देश है कि श्रीकृष्ण के दैवी गुणों को जीवन में उतारने का पुरूषार्थ किया जावे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में श्रीकृष्ण की जयन्ती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में गहन चिन्तन कर उसे धारण करने की जरूरत है।
उन्होंने बतलाया कि मनुष्य के अन्दर व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही उसके परम शत्रु हैं। जब हम इन विकारों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तभी हम सुख और शान्ति से जीवन यापन कर सकेंगे। गीता के माध्यम से समाज को यह सन्देश दिया गया है कि परमात्मा के साथ प्रीत बुद्घि होकर रहो क्योंकि इससे ही परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में परमात्मा की मदद मिल सकेगी।
इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अवगत कराया कि श्रीकृष्ण का तुला दान नाटक में यह दर्शाया गया है कि सत्यभामा ने कृष्ण को माया और शक्ति के माध्यम से प्राप्त करना चाहा किन्तु पा न सकी। वहीं दूसरी ओर रूक्मणी ने सच्ची प्रीत से प्रभु को पा लिया। यह जीवन्त झाँकी रविवार को शाम पांच बजे से रात के दस बजे तक जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
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स्वतंत्रता दिवस

शान्ति सरोवर में ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने फहराया तिरंगा
– शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में धूमधाम से पन्द्रह अगस्त मनाया गया…
– शहर के बाल कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से जमाया रंग…
– पूरे सभागार को तीन रंगों से सजाया गया था…
– अंग्रजों की गुलामी से तो आजादी मिली किन्तु विकारों की गुलामी से आजादी पाना शेष…हेमलता दीदी
रायपुर, 15 अगस्त 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर में हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने तिरगंा फहराया।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बहुत संघर्षों के बाद हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी इसलिए इसके महत्व को समझना होगा। ताकि आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नवजवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए। अब हमें सारे विश्व में भाई- चारा को बढ़ाना है। हरेक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना है। काम, क्रोध आदि विकारों से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है।
उन्होंने कहा कि सच्ची आजादी पाने के लिए हमें अपने भीतर की बुराइयों को दूर करना होगा। ऐसा लगता है कि असली आजादी अभी बाकी है। वह तभी मिलगी जब हम प्रेम और शान्ति से रहना सीखेंगे। हर-घर तिरंगा अभियान से राष्ट्रीयता और देश प्रेम की भावना सारे देश में फैली है।
रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि 15 अगस्त को देश अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया लेकिन क्या हम विकारों और व्यसनों की गुलामी से मुक्त हो पाए है? सच्चे अर्थों में हम स्वतंत्र तभी कहलाएंगे जब इन बुराइयों से भी मुक्त होंगे।
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