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ऑनलाईन वेबीनार में लोकसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री शामिल हुए…

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सादर प्रकाशनार्थ
ऑनलाईन वेबीनार में लोकसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री शामिल हुए…
नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर युवाओं को देश के विकास में साझीदार बनाना बड़ी चुनौती:

रायपुर, 23 अगस्त 2021: रक्षाबन्धन पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सोशल मीडिया यू-ट््यूब पर ऑनलाईन वेबीनार आयोजित किया गया। जिसका विषय था – वर्तमान परिवेश में नैतिक मूल्यों की रक्षा।
नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने में ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रयास सराहनीय: लोकसभा अध्यक्ष
वेबीनार में भाग लेते हुए नई दिल्ली से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देश के विकास के लिए जाति, धर्म और समाज से उपर उठकर नैतिक मूल्यों को अपनाकर आगे बढऩे में सभी की भागीदारी जरूरी है। यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं होती। इस दिशा में ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं का प्रयास सराहनीय है। यह संस्था न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि आदिवासी और जनजातीय क्षेत्रों में भी अच्छा काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय नैतिक मूल्यों का तेजी से पतन हो रहा है। युवा पीढ़ी को नैतिकता, सत्यता, निष्ठा और अहिंसा जैसे मूलभूत गुणों की शिक्षा देना बहुत ही आवश्यक है। युवक देश की बहुमूल्य सम्पत्ति होते हैं और हम सौभाग्यशाली हैं कि विश्व में हमारा देश युवाओं का देश है। यहाँ पर पैंसठ प्रतिशत लोगों की औसत आयु पैंतीस वर्ष से कम है। इनकी उर्जा को सही दिशा में राष्ट्रहित में लगाने की जरूरत है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा देकर उन्हें देश के विकास में साझीदार बनाना बहुत बड़ी चुनौती है।
नैतिक मूल्यों की अवहेलना से पैदा हुईं अनेक समस्याएं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि समाज में जितनी भी समस्याएं हैं वह सभी किसी न किसी नैतिक मूल्य की अवहेलना के कारण ही पैदा हुई हैं। आज ऐसे समाज का निर्माण करने की जरूरत है जिसमें हरेक व्यक्ति जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण किए हुए हो। समाज में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि नियमों का उल्लंघन करने में ही अपनी शान समझते हैं। वर्तमान समय नियमों का पालन करने के लिए आन्दोलन करने की जरूरत है। ऐसे समय पर ब्रह्माकुमारी संस्थान जैसे नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने वाली संस्थाओं की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान कोविड-१९ के दौरान हमेशा अपने को परमात्मा की छत्रछाया में सुरक्षित समझें। किसी भी प्रकार के व्यर्थ एवं हीन विचारों को मन में न आने दें।
उन्होंने रक्षाबन्धन की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश में प्रति वर्ष सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं लेकिन उसके बाद भी बहनें असुरक्षित क्यों हैं? लोग अपनी बहन की रक्षा तो चाहते हैं लेकिन दूसरों की बहन की रक्षा को अपना दायित्व नहीं समझते। इससे स्पष्ट है कि वह इस त्यौहार को रस्मी तौर पर मनाते हैं। रक्षाबन्धन हमें मन वचन कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है।
ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी ने कहा कि  राजयोग मेडिटेशन से हमारे अन्दर नैतिक मूल्यों को धारण करने की शक्ति मिलती है। आध्यात्मिकता को अपनाए बिना जीवन में नैतिकता नहीं आ सकती। काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार आदि मनोविकार हमें तो दुखी करते ही हैं साथ ही दूसरों को भी कष्ट पहुंचाते हैं। इन विकारों से बचने के लिए स्वयं को आत्मा और परमात्मा की सन्तान समझें तो हमारे कर्मों में श्रेष्ठता आ जाएगी।
ओम शान्ति रिट्रीट सेन्टर नई दिल्ली की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि रक्षाबन्धन का अभिप्राय शारीरिक रक्षा नहीं है। इसके पीछे छिपे गहरे अर्थ को समझने की जरूरत है। भाई अगर विदेश में रहता हो या छोटा हो तो वह भला अपनी बहन की रक्षा कैसे कर सकेगा? ब्राह्मण भी रक्षासूत्र बाँधते हैं इससे स्पष्ट है कि यह त्यौहार सिर्फ भाई-बहन तक ही सीमित नहीं है। अब की बार जब बहनें राखी बाँधें तो अपने भाइयों से यह वचन लें कि जैसे तुम मुझे बहन समझते हो निर्विकारी भाव से स्नेह करते हो वैसे ही सभी महिलाओं को अपनी बहन समझोगे।
अहमदाबाद से युवा प्रभाग की उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी ने कहा कि वर्तमान समय समाज में भौतिकता, प्रतिस्पर्धा और अनैतिकता का माहौल है। ऐसे समय पर केवल नैतिक मूल्यों द्वारा ही हमारी रक्षा हो सकती है। आत्म विश्वास हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। नियम और संयम उसमें और निखार लाते हैं। हमें समय के महत्व को जानकर उसे सही ढंग से उपयोग करना सीखना होगा।
शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर की निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि नैतिक मूल्यों के पतन का मुख्य कारण काम क्रोध लोभ मोह और अहंकार है। संसार को सुखमय बनाने के लिए नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य जरूरी हैं। इस समय परमपिता परमात्मा हमें गीता ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर पांच विकारों से हमारी रक्षा करते हैं। उन्होंने कमेन्ट्री के माध्यम से राजयोग मेडिटेशन के द्वारा शान्ति का अनुभव भी कराया।
इस अवसर पर स्थानीय गायक स्वप्निल कुशतर्पण तथा कु. शारदा नाथ ने राखी पर स्वरचित गीत गाकर भाव विभोर कर दिया। साथ ही नगर के बाल कलाकारों ने शानदार मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। वेबीनार का संचालन ब्रह्माकुमारी रूचिका बहन ने किया।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर फोन: 0771-2253253,02254254

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रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की

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रायपुर, (छ.ग.) 29 मई 2024: रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आज अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में पधारने और यादगार स्वरूप वृक्षारोपण करने तथा ब्रह्माभोजन स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि और बीके भावना दीदी भी थीं।

विदित हो कि राजधानी रायपुर के निकट अम्लेश्वर में अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण कथा सुना रहे हैं जिसमें दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग बड़ी श्रद्घा से कथा श्रवण के लिए आते हैं। आयोजक बीके महेश भाई के परिचित थे। इसलिए आयोजकों ने बहनों को कार्यक्रम में पधारने के लिए पास भेजा था। कथा के अन्त में आरती के समय आयोजकों ने एनाउन्स करके बीके सविता दीदी को मंच पर बुलाया और पण्डित जी से मिलवाया।

बीके सविता दीदी ने उन्हें गुलदस्ता और शाल/श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। बाद में उन्हें छत्तीयगढ़ की सेवाओं से अवगत कराते हुए शान्ति सरोवर में पधारने और ब्रह्माभोजन स्वीकार करने का आग्रह किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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