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34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए जीवन को किया समर्पित

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प्रेस विज्ञप्ति
– 34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए जीवन को किया समर्पित
– माता-पिता ने अपनी बेटी का हाथ दादी के हाथ में सौपकर कन्यादान की रस्म पूरी की।
– समर्पण समारोह में छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति ने कर दिया मंत्रमुग्ध

रायपुर, छत्तीसगढ़। सत्य और निष्ठा के श्रेष्ठ मार्ग पर चलने के दृढ़ संकल्प के साथ बुढ़ापारा स्थित इण्डोर स्टेडियम में शिव शक्तियों के समर्पण समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें 34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। इन बहनों के मन में मानवता की सेवा और ईश्वरीय प्रेम का आकर्षण था जो कि इन्हें अध्यात्म के मार्ग पर ले आया। अब यह ताउम्र विश्व कल्याण और समाज उत्थान के लिए ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करेंगी।

– साक्षी होकर पार्ट बजाना सीखा दिया:
ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी ने कहा कि वर्तमान कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगमयुग में हमें परमात्मा का परिचय मिला है। इस समय भगवान हमारा साथी है। उन्होंने हमें ऐसी नॉलेज दी है जो हमेेंं हर परिस्थितियों में अचल-अडोल होकर अपना कार्य करना सिखा दिया है। इंदौर जोन की निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा ये जो कन्यायें मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने जा रही हैं ये त्याग और तपस्या की मूरत है। इन्होंने भौतिकता और विलासिता के मार्ग को छोड़कर अध्यात्म के मार्ग को चुना है।

– नए भारत का हो रहा है उदय:
ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय भाई ने कहा आज का समागम हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज विश्व कल्याण की भावना के साथ ३४ कन्याओं का समर्पण होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ सिर्फ धान का ही कटोरा नहीं है बल्कि ज्ञान, स्नेह और प्रेम का भी कटोरा है। आज हमारा देश एक नये आयाम को छुने के लिए तैयार हो रहा है। यहां का अनुशासन और एकता अनुकरणीय है।

– महत्वपूर्ण है सात वचन:
प्रयागराज से आयी हुई ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने कहा जिस तरह शादी में सात फेरे लिए जाते हैं उसी प्रकार यहां सात वचनों की प्रतिज्ञा की जाती है। कहा जाता है कि कन्यादान सर्वोत्तम दान है। इन कन्याओं को तरासने में कमला दीदी के साथ-साथ परमात्मा का भी बड़ा योगदान है। आज के समारोह को देखकर ऐसा लगता है जैसे आज यहां त्रिवेणी संगम हुआ हो।

– विशेष आकर्षण:
– दादीजी को स्मृति चिन्ह के रूप में पवित्रता का प्रतीक स्वर्ण जडि़त मयूर भेंट किया गया।
– दादीजी ने धान से बने हुए अपने चित्र का अनावरण किया।
– छत्तीसगढ़ सेवाकेंद्र की ओर से दादी जी को विभिन्न प्रकार के धान की किस्में भेंट की गई।
– समर्पण समारोह के अवसर पर रायपुर सेवाकेंद्र द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रेषक : मीडिया प्रभाग, प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज, रायपुर


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विश्व शान्ति भवन, चौबे कालोनी रायपुर में हर्षोल्लास से उत्साह पूर्वक होली मनाई गई

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रायपुर (छ.ग.): आज विश्व शान्ति भवन, चौबे कालोनी रायपुर में रायपुर संचालिका बीके सविता दीदी की उपस्थिति में होली का त्यौहार हर्षोल्लास से उत्साह पूर्वक मयाया गया। इस अवसर पर सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने होली की शुभकामनाएं देते हुए गुलाबासी का पिचकारी से छिड़काव कर भाई-बहनों को गुलाब की तरह खुशबूवान बनकर सदैव महकने का सन्देश दिया। पिचकारी की धार ने सभी को भीगो दिया। साथ ही बीके बहनों ने क्लास में होवनहार देवी-देवताओं पर गुलाब और गेंदे की पंखुड़ओं की भी वर्षा की।

पश्चात प्यारे बाबा की याद में सविता दीदी ने भाई-बहनों को चन्दन का टीका लगाया और टोली देकर मुख मीठा कराया। टोली की एक झलक आप सबके लिए भी प्रस्तुत है। ओमशान्ति।

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रायपुर में दादी हृदयमोहिनी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी

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दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेगी… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर (छत्तीसगढ़) 14 मार्च 2024: ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी जी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी। विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में अयोजित कार्यक्रम में दादी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और सभा में उपस्थित लोगों ने अपनी श्रद्घाजंलि दी।

इस अवसर पर बोलते हुए ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेंगी।दादी जी हरेक ब्रह्मावत्सों के दिल में समाई हुई थीं। महज नौ साल की उम्र में ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ जाना और अपना समूचा जीवन समर्पित कर देना दादी जी के पुण्य कर्मों का परिणाम था। दादी जी ने अत्यन्त अल्पायु में ही शिवबाबा को पहचान लिया था। वह बहुत ही पवित्र और शुद्घ आत्मा थी। इसलिए परमात्मा ने उन्हें ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद अपना रथ बनाया।

उन्होंने आगे बतलाया कि दादी हृदयमोहिनी जी को दिव्यदृष्टि का वरदान प्राप्त था। वे बचपन से ही ध्यान में जाया करती थीं। उन्होंने अनेक गहन आध्यात्मिक रहस्यों पर से पर्दा उठाने में सहयोग दिया। ब्रह्माकुमारी संस्थान के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने लाखों लोगों का मिलन परमात्मा से कराया। उनको सच्ची श्रद्घाजंली यही होगी कि हम उनकी तरह सभी के लिए शुभ सोचें और सबको सुख प्रदान करें।

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– रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी एवं अपर कलेक्टर उज्जवल पोरवाल जी ने शिव ध्वज फहराया

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– सभी भाई-बहनों ने शिवबाबा के झण्डे के नीचे प्रतिज्ञा की…
– पूरा कार्यक्रम नये सभागार में सम्पन्न हुआ…

रायपुर, छत्तीसगढ़ : आज सुबह एकेडमी फॉर ए पीसफुल वल्र्ड-शान्ति शिखर नवा रायपुर अटल नगर में प्यारे शिवबाबा की 88 वीं जयन्ती बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाई गई।

प्रारम्भ में बीके सविता दीदी ने सभी भाई-बहनों को शिवजयन्ती सो हम ब्राह्मणों की जयन्ती की बधाई देते हुए बाबा की ज्ञान मुरली सुनाई। पश्चात जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक काटा गया। फिर बाबा को भोग स्वीकार कराने के बाद बीके सविता दीदी ने अपने हस्तकमलों से सभी को भोग वितरित किया।

इस अवसर पर रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका बीके सविता दीदी के साथ बीके किरण दीदी, बीके भावना दीदी, बीके रश्मि दीदी, बीके चन्द्रकला, बीके नीलम, बीके अदिति, बीके रूचिका, बीके सौम्या, बीके इति, बीके स्मृति, बीके वनिषा और अन्य बहनों ने केक काटकर और शिव ध्वज लहराने में सहयोग कर धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाया

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