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शान्ति सरोवर में आयोजित त्रि-आयामी स्वास्थ्य समारोह को डॉ. सतीश गुप्ता ने किया संबोधित

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१. हृदयरोग से बचने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन जरूरी… डॉ. सतीश गुप्ता
२. हृदयरोग में भारतवासी वल्र्ड लीडर… डॉ. सतीश गुप्ता

रायपुर, २८ अगस्त, २०१७: त्रिआयामी हृदयोपचार कार्यक्रम के प्रणेता और ग्लोबल हास्पीटल माउण्ट आबू के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश गुप्ता ने कहा कि हृदयरोग की बीमारी में हम भारतवासी वल्र्ड लीडर हैं। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में दुनिया के कुल हृदयरोगियों में साठ प्रतिशत संख्या भारतीयों की होगी। हृदयरोग से बचने के लिए जीवनशैली को बदलना जरूरी है।
​​डॉ. सतीश गुप्ता प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर में आयोजित त्रि-आयामी स्वास्थ्य समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने आँकड़े देते हुए कहा कि यूरोप और अमेरिकावासियों की तुलना में तीन से चार गुणा अधिक भारतीय हृदयरोग से ग्रसित हैं। शायद हृदयरोग को भारतीयों से ज्यादा लगाव है इसीलिए दस गुणा अधिक भारतीय युवाओं में यह रोग पाया गया है।
उन्होंने बाईपास सर्जरी को सिर्फ टाईम पास बतलाते हुए कहा कि हृदयरोग का प्रमुख कारण है तनाव, चिन्ता, गुस्सा और उदासी। उन्होंने बतलाया कि त्रि-आयामी हृदयोपचार में प्रतिपादित सोल, माइण्ड, बाडी और मेडिसीन के सिद्घान्त को भारत सरकार ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने इसे नेशनल प्रोग्राम ऑफ लाईफस्टाइल्स घोषित किया है। बहुत जल्द ही यह स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हृदयरोग की जड़ मन में छुपी है। इसलिए अब मन को सुमन बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हरेक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के लिए खुद जिम्मेदार होता है। डॉक्टर सिर्फ हमारी मदद करता है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना और समय बेसमय भोजन खाना तथा तेल का ज्यादा सेवन करने से आट्र्ररिज में ब्लाकेज शुरू हो जाता है। उन्होंने शरीर के अन्दर की घड़ी को फालो करने का सुझाव देते हुए बतलाया कि ब्लॉकेज के कारण हार्ट अटैक नहीं आता है बल्कि निगेटिव विचारों से हार्ट अटैक आता है। ब्लॉकेज के उपरान्त भी अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर कोई भी व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है।
डॉ. गुप्ता ने बतलाया कि स्वस्थ रहने के लिए सुबह आठ बजे से पहले अखबार नहीं पढ़ें और टी.वी. नहीं देखें। इस समय अच्छा चिन्तन करें, पूजा पाठ और मेडिटेशन करें क्योंकि इसी समय शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जो कि हमें बीमार करते हैं।
डॉ. सतीश गुप्ता ने बतलाया कि शरीर का भान मैं पन और मेरा पन की भावना पैदा करता है। तथा मेेरे पन से मोह, लोभ आदि विकार उत्पन्न होते हैं। ऐसे लोगों की इच्छाएं बहुत बढ़ जाती हैं। मेरे पास ये होना चाहिए, मुझे ये पसन्द है आदि। जब वह इन सबको प्राप्त नहीं कर पाता तो उसे अवसाद (उिप्रेशन) हो जाता है। देह अभिमानी व्यक्ति को कभी दूसरों पर विश्वास नहीं होगा। वह सारा बोझ अपने सिर पर लेकर चलेगा। इस प्रकार उसके उपर इतना ज्यादा बोझ आ जाता है कि या तो उसे हार्ट अटैक हो जाएगा या फिर और कोई बिमारी हो जाएगी। जैसे कि ब्लड प्रेशर, पेट दर्द, आँखों से कम दिखना, बाल सफेद होना, उम्र से पहले बुढ़ापा आना आदि-आदि।
इसके विपरीत जब हम अपनी आत्मा की स्मृति में स्थित होते हैं तो आत्मा के सातों गुणों की महसूसता होती है। ज्ञान, पवित्रता, सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम और शक्ति हम आत्माओं के सात निजी गुण हैं। जिस​जित ​के पास यह सातों गुण हैं-वही आदमी पूर्ण स्वस्थ है। लेकिन आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य अपने निजी स्वरूप को भूल सा गया है। वह अपने स्वधर्म शान्ति को भी भूल गया है। राजयोग हमें आत्मा और परमात्मा की न सिर्फ अनुभूति कराता है, वरन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं आर. प्रसन्ना ने कहा कि वर्तमान भागदौड़ की जिन्दगी में हम पैसों के पीछे भाग रहे हैं। शारीरिक स्वास्थ्य की ओर किसी का ध्यान नहीं है। इसी का दुष्परिणाम बिमारियों के रूप में सामने आता है। सुखी जीवन ब्यतीत करने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना जरूरी है। उन्होंने जीवनशैली को बदलने पर जोर दिया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन मोहन नागरकर ने कहा कि विदेशों में इस बात पर अनेकों रिसर्च हुए हैं जिससे यह सिद्घ हुआ है कि दवाई के बिना भी विभिन्न रोगों का उपचार किया जा सकता है। हमेशा बीमारी का इलाज कराने की बजाय उससे पहले से बचाव करना अच्छा माना जाता है। इसलिए बीमार पडऩे के बाद इलाज कराने से अच्छा है कि हम पहले से ही अपनी दिनचर्या को अच्छा बनाकर रखें।

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विश्व शान्ति भवन, चौबे कालोनी रायपुर में हर्षोल्लास से उत्साह पूर्वक होली मनाई गई

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रायपुर (छ.ग.): आज विश्व शान्ति भवन, चौबे कालोनी रायपुर में रायपुर संचालिका बीके सविता दीदी की उपस्थिति में होली का त्यौहार हर्षोल्लास से उत्साह पूर्वक मयाया गया। इस अवसर पर सभी ब्रह्माकुमारी बहनों ने होली की शुभकामनाएं देते हुए गुलाबासी का पिचकारी से छिड़काव कर भाई-बहनों को गुलाब की तरह खुशबूवान बनकर सदैव महकने का सन्देश दिया। पिचकारी की धार ने सभी को भीगो दिया। साथ ही बीके बहनों ने क्लास में होवनहार देवी-देवताओं पर गुलाब और गेंदे की पंखुड़ओं की भी वर्षा की।

पश्चात प्यारे बाबा की याद में सविता दीदी ने भाई-बहनों को चन्दन का टीका लगाया और टोली देकर मुख मीठा कराया। टोली की एक झलक आप सबके लिए भी प्रस्तुत है। ओमशान्ति।

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रायपुर में दादी हृदयमोहिनी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी

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दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेगी… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर (छत्तीसगढ़) 14 मार्च 2024: ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी जी की तीसरी पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गयी। विधानसभा मार्ग पर स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में अयोजित कार्यक्रम में दादी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और सभा में उपस्थित लोगों ने अपनी श्रद्घाजंलि दी।

इस अवसर पर बोलते हुए ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दादी जी की नि:स्वार्थ सेवाएं सदैव याद रहेंगी।दादी जी हरेक ब्रह्मावत्सों के दिल में समाई हुई थीं। महज नौ साल की उम्र में ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ जाना और अपना समूचा जीवन समर्पित कर देना दादी जी के पुण्य कर्मों का परिणाम था। दादी जी ने अत्यन्त अल्पायु में ही शिवबाबा को पहचान लिया था। वह बहुत ही पवित्र और शुद्घ आत्मा थी। इसलिए परमात्मा ने उन्हें ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद अपना रथ बनाया।

उन्होंने आगे बतलाया कि दादी हृदयमोहिनी जी को दिव्यदृष्टि का वरदान प्राप्त था। वे बचपन से ही ध्यान में जाया करती थीं। उन्होंने अनेक गहन आध्यात्मिक रहस्यों पर से पर्दा उठाने में सहयोग दिया। ब्रह्माकुमारी संस्थान के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने लाखों लोगों का मिलन परमात्मा से कराया। उनको सच्ची श्रद्घाजंली यही होगी कि हम उनकी तरह सभी के लिए शुभ सोचें और सबको सुख प्रदान करें।

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– रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी एवं अपर कलेक्टर उज्जवल पोरवाल जी ने शिव ध्वज फहराया

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– सभी भाई-बहनों ने शिवबाबा के झण्डे के नीचे प्रतिज्ञा की…
– पूरा कार्यक्रम नये सभागार में सम्पन्न हुआ…

रायपुर, छत्तीसगढ़ : आज सुबह एकेडमी फॉर ए पीसफुल वल्र्ड-शान्ति शिखर नवा रायपुर अटल नगर में प्यारे शिवबाबा की 88 वीं जयन्ती बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाई गई।

प्रारम्भ में बीके सविता दीदी ने सभी भाई-बहनों को शिवजयन्ती सो हम ब्राह्मणों की जयन्ती की बधाई देते हुए बाबा की ज्ञान मुरली सुनाई। पश्चात जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक काटा गया। फिर बाबा को भोग स्वीकार कराने के बाद बीके सविता दीदी ने अपने हस्तकमलों से सभी को भोग वितरित किया।

इस अवसर पर रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका बीके सविता दीदी के साथ बीके किरण दीदी, बीके भावना दीदी, बीके रश्मि दीदी, बीके चन्द्रकला, बीके नीलम, बीके अदिति, बीके रूचिका, बीके सौम्या, बीके इति, बीके स्मृति, बीके वनिषा और अन्य बहनों ने केक काटकर और शिव ध्वज लहराने में सहयोग कर धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाया

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