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मानवीय मूल्यों के बिना मीडिया का उद्देश्य अधूरा… प्रो. बलदेव भाई शर्मा, कुलपति

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प्रेस विज्ञप्ति

ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश की पांचवी पुण्यतिथि पर आयोजित वेबीनार-

मानवीय मूल्यों के बिना मीडिया का उद्देश्य अधूरा… प्रो. बलदेव भाई शर्मा, कुलपति

रायपुर, 24 दिसम्बर: कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि मूल्यों के बिना मीडिया का उददेश्य पूरा नहीं हो सकता। अखबार से लाभ कमाएं परन्तु मीडिया के मूल्यों की कीमत पर नहीं। मडिया कर्मी तो ऋषि परम्परा का वंशज है। जग को सुखी बनाना, दु:खी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना यह पत्रकार का काम होना चाहिए। अन्यथा मीडिया लोकोपकार, जन जागरण और सत्यान्वेषण का माध्यम नहीं रह पाएगा।

प्रो. बलदेव भाई शर्मा आज प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आयोजित मीडिया वेबीनार में बोल रहे थे। इसका आयोजन मीडिया प्रभाग के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाई जी की पांचवी पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया था। विषय था -मीडिया, समाज और मूल्य। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया सिर्फ समाचार सकंलन करने का माध्यम नहीं है। बल्कि मीडिया का कार्य जन चेतना जागृत करना है जो कि मानवीय मूल्यों के बिना सम्भव नहीं है।

नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक एन. के. सिंह ने कहा कि आज बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा माता-पिता से नहीं मिल पा रही है। ऐसे बच्चों को शारीरिक, नैतिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाना सबसे बड़ी चिन्ता का विषय होना चाहिए। प्राथमिक स्कूलों में मूल्यनिष्ठ शिक्षा देने की आवश्यकता है। माता-पिता और शिक्षकों को वेल्यू एजुकेशन देने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्थान अच्छे से कर सकता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा को स्कूली पाठ््यकम में शामिल करना चाहिए।

हरिभूमि के प्रधान सम्पादक हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में तकनीक का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है। तकनीक के साथ मूल्यों में भी बदलाव आ रहा है। जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है नैतिक मूल्य पीछे छूटते जा रहे हैं। पहले पत्रकारिता के नाम पर सिर्फ अखबार ही मुख्य हुआ करते थे। आकाशवाणी या दूरदर्शन तो सिर्फ सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार तक ही सीमित होते थे। अखबार ही तमाम युगान्तरकारी घटनाओं का आधार बने रहे। किन्तु वर्तमान सूचना क्रान्ति के दौर में हममें से हर दूसरा या तीसरा आदमी पत्रकार बना हुआ है और सोशल मीडिया के द्वारा सूचनाओं का प्रसार कर रहा है। किन्तु इसके साथ विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। यह बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पहले खबरों की अपने स्तर पर पुष्टि करें फिर दूसरों को भेजें। हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी।

दैनिक भास्कर के राज्य संपादक शिव दुबे ने कहा कि मीडिया, समाज और मूल्य तीनों एक दूसरे के पूरक हैं। हमारा समाज मूल्यों से बनता है। आज हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहाँ पर बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार होता है। बुजुर्गों को वृद्घाश्रम में रहना पड़ता है। मीडिया समाज से अलग नहीं है। यह सोचने का विषय है कि मीडिया में मूल्यों की कमी क्यों हो रही है? कोविड के कारण मीडिया हाउस स्वतंत्र होकर पूरी तेजी से काम नहीं कर पा रहा है। सोशल मीडिया के कारण नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। सोशल मीडिया की खबरों पर रोक लगाने की जरूरत है। इसमें गलत एवं अपुष्ट खबरें प्रसारित होने के कारण कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।

पत्रिका के राज्य सम्पादक राजेश लाहोटी ने कहा कि मीडिया ही इस देश का ऐसा स्तम्भ रहा है जिसने समाज को जागरूक करने में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है। आजादी के पहले और बाद में लोगों को जोडऩे में मीडिया की अहम भूमिका रही है। महामारी के समय भी इसने लोगों को जागरूक किया है। उद्योग, स्वास्थ्य या कृषि जैसे हर क्षेत्र मेें इसने अपना योगदान दिया है। साथ ही जनता की आवाज को मीडिया ने सशक्त रूप से उठाकर लोकतंत्र को स्थापित करने में भी सहयोग दिया है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया को हथियार बनाकर कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह फैलाकर मीडिया के मूल्यों को नीचे गिराने का कार्य किया है। यह चिन्ता का विषय है।

माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत के सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा कि कर्म का सिद्घान्त है कि जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलेगा। इसलिए सुखी रहना है तो हमें अपने कर्मों को सुधारना होगा।

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजीखुशी के सम्पादक प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि समाज इस समय मूल्यहीन है यह कहना गलत नहीं होगा। मीडिया भी अब समाज सरोकारी नहीं रह गया है। मीडिया सत्ता, समर्थ और बाजार केन्द्रीत हो गया है। इसका कारण यह है कि मीडिया अब व्यवसाय बन गया है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने सभी मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया समाज का दर्पण है। मानवीय मूल्यों के बिना जीवन में सुख और शान्ति सम्भव नहीं है। आध्यात्मिकता से ही जीवन में मानवीय मूल्यों का संचार होगा।

कार्यक्रम के बीच में योग आयोग की पूर्व सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास कराया। मीडिया वेबीनार का संचालन ब्रह्माकुमारी अदिती दीदी ने किया।

प्रेषक : मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
शान्ति सरोवर, रायपुर
Phones:0771- 2253253, 2254254


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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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Brahma Kumaris News

आज शान्ति शिखर नवा रायपुर में हर्षोल्लास से दीपावली मनाई गई

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आज शान्ति शिखर नवा रायपुर में हर्षोल्लास से दीपावली मनाई गई

– नन्हे बाल कलाकारों ने रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया…
– घर के साथ मन की सफाई भी जरूरी… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 12 नवम्बर, 2023: आज छत्तीसगढ़ राज्य की नयी राजधानी नवा रायपुर के सेक्टर-20 स्थित एकेडमी फॉर ए पीसफुल वल्र्ड-शान्ति शिखर में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह में सीमा सुरक्षा बल के पुलिस महानिरीक्षक संजय सिंह और कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा एवं रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी सहित रायपुर की ब्रह्माकुमारी बहनों ने दीप प्रज्वलित कर का कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दीपावली त्यौहार में हम सब जिस प्रकार घर की सफाई का ध्यान रखते हैं उसी प्रकार अन्तर्मन की सफाई भी जरूरी है। बाहर के अन्धकार को तो मिट्टी के दीपक जलाकर दूर कर सकते हैं किन्तु अन्र्तमन में छाए हुए अन्धकार को दूर करने के लिए हमें शुभसंकल्पों के दीप जलाने होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि आओ हम सभी सत्य परमात्मा से सत्य ज्ञान लेकर अपने जीवन को पावन बनाएं। अपनी आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मनोपरिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहाँ श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा।

उन्होंने कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है। विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा की चमक आज मलिन हो गयी है। लोगों का अन्तर्मन काम, क्रोध आदि विकारों के अधीन हो चुका है। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच श्री लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है? यह कैसी विडम्बना है कि मन-मन्दिर की सफाई करने की जगह बाहरी सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म-मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति हैं, हम मनुष्य आत्माओं की ज्ञान और योग से ज्योति जगाकर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों की यादगार है।

उन्होंने कहा कि हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचें। सदैव शुभ सोचेंगे तो लाभ होना ही है। इसीलिए हमारी भारतीय संस्कृति में जब कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो स्वस्तिक के साथ शुभ और लाभ लिखते हैं क्योंकि शुभ के साथ लाभ जुड़ा हुआ है।

इस अवसर पर सेवाकेन्द्र को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। आंगन में रंगोली भी सजायी गयी थी, जो कि बड़ा ही सुन्दर प्रतीत हो रहा था। इससे पहले परमात्मा शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया। सविता दीदी ने सभी को अपने कमल हस्तों से भोग वितरित कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। पश्चात रायपुर के बाल कलाकारों ने बहुत ही जादुई चश्मा नामक सुन्दर नृत्यनाटिका और मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।

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