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परिस्थितियों को चुनौति समझकर स्वीकार करें – ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी

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ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा यू-ट््यूब पर प्रतिदिन प्रसारित वेब सीरिज-

परिस्थितियों को चुनौति समझकर स्वीकार करें – ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी


रायपुर, 06 अगस्त: वर्तमान समय कोरोना के कारण जीवन में बहुत परिवर्तन देखने को मिल रहा है। विकास दर नीचे चला गया है, कईयों की नौकरी खत्म हो गई है। व्यवसाय ठप्प हो गया है? किन्तु ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी हम शान्त रह सकते हैं। शान्ति का अनुभव करने के लिए जरूरी है कि हम परिस्थितियों को स्वीकार करना सीखें।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के रायपुर सेवाकेन्द्र द्वारा सोशल मीडिया यू -ट््यूब पर प्रतिदिन शाम को 5.30 से 6.00 बजे प्रसारित होने वाले आनलाईन व्याख्यानमाला (वेबसीरिज) एक नई सोच की ओर (Towards a new thinking) में राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी रूचिका दीदी ने व्यक्त किए। विषय था- शान्ति के लिए कुछ देर ठहर जाएं (Pause for Peace)।

उन्होंने आगे कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम परिस्थिति को बदल नहीं सकते हैं किन्तु अपनी स्वस्थिति को तो ठीक कर सकते हैं। अगर मन की स्थिति ठीक है तो हर परिस्थिति में शान्ति का अनुभव किया जा सकता है। आध्यात्मिकता हमें सिखलाती है कि हर परिस्थिति को और हर व्यक्ति को (चाहे वह कैसा भी हो) स्वीकार करें।

उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी भागदौड़ कर रहे हैं उसका एक ही उद्देश्य है कि जीवन में सुख और शान्ति आ जाए। सच्ची शान्ति माना मन की स्थिरता। यदि मेरा मन स्थिर है तो इसका मतलब है कि मन में शान्ति है। जब विचार बहुत स्पीड से चलते हैं तो हम अनुभव करते हैं कि मन में अशान्ति हो रही है।

उन्होंने बतलाया कि दुनिया में लोगों ने भौतिक रूप से बहुत अधिक विकास किया है लेकिन फिर भी उनके जीवन में सुख-शान्ति की कमी है। क्योंकि यह ऐसी दुर्लभ चीज है जो धन से नहीं खरीदी जा सकती है? धन बिस्तर दे सकता है लेकिन अच्छी नींद नहीं दे सकता? धन से घर खरीद सकते हैं लेकिन एक अच्छा परिवार नहीं बना सकते? इसीलिए पर्याप्त धन सम्पत्ति होते हुए भी लोगों के जीवन में अशान्ति बनी हुई है?

लोगों से अधिक अपेक्षाएं न रखें:
कई बार हम दूसरे लोगों से बहुत सारी अपेक्षाएं करने लग जाते हैं। यह अपेक्षाएं भी अशान्ति पैदा करती हैं। आज दूसरों से अपेक्षाएं रखना हमारी आदत बन गई है। हम सोचते हैं कि उनको ऐसे करना चाहिए? वह ऐसा क्यों नहीं करता है? लेकिन हम यह भूल जाते है कि हरेक की पसन्द और सोच अलग होती है। इस दुनिया में हरेक व्यक्ति अनोखा है। कोई जरूरी नहीं है कि जो हम चाहते हैं वही हरेक व्यक्ति की पसन्द हो? फिर हम अपनी ईच्छा के अनुरूप सभी चलें ऐसा क्यों सोचते हैं? हरेक व्यक्ति अलग है लेकिन गलत नहीं है उन्हें उसी रूप में स्वीकार करना सीखें।

सत्यता की राह पर चलें-
सत्य हमेशा स्थायी होता है। कई बार हम त्वरित आर्थिक लाभ के लिए गलत फैसला ले लेते हैं लेकिन याद रखिए कि ऐसा गलत तरीके से अर्जित धन जीवन में सुख और शान्ति नहीं ला सकता है। जीवन में शान्ति चाहिए तो सदैव सच की राह पर चलें। आज लोगों के पास सोफासेट, क्राकरी सेट, ज्वेलरी सेट आदि सभी सेट रखे हुए हैं लेकिन माईण्ड सेट नहीं है। वह अपसेट पड़ा हुआ है। माईण्ड को सेट करने के लिए राजयोगा मेडिटेशन बहुत लाभकारी होता है। रोज आत्म निरीक्षण करें। अपने अपको समय दें। अपने मन से बातें करें। शान्ति को ढूँढने की जरूरत नहीं है। यह हम आत्माओं का निजी गुण है। जरूरत इसे अनुभव करने की है।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर फोन: 0771-2253253, 2254254



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LIVE28-09-23 06.00pm : Sindhi Sammelan at Shanti Sarovar, Raipur,

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LIVE: Sindhi Sammelan at Shanti Sarovar, Raipur ,Brahmakumaris | 28 September,2023 at 6.00pm

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सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारम्भ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया

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सादर प्रकाशनार्थ

– पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान का कार्य सराहनीय…राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
– सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना सम्भव …राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन
– राष्ट्रपति के आगमन से ऐसा लगा जैसे कोई अपना व्यक्ति, अपने ही घर आया…मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

 

रायपुर 31 अगस्त 2023: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के वार्षिक परियोजना-सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारम्भ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युजंय भाई, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, ज्यूरिष्ट प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके नथमल, शिक्षाविद प्रभाग की एडीशनल डायरेक्टर बीके लीना, बीके आशा और बीके सविता दीदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलिक करके किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी और राजधानी के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सभी को जय जोहार! के साथ अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि  पूरी मानवता की कल्याण के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मनुष्य की सोच और व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए ऐसे कार्यक्रम शुरू कर यह संस्थान बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए संस्था को बधाई देती हूँ।

उन्होंने आगे कहा कि एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है। विश्वस्तर पर खेल में कीर्तिमान रच रहा है। दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों और अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए हार-जीत तो होती रहती है। उन्होंने छात्रों को धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में प्रयास करने और कभी निराश न होने का सन्देश दिया।

उन्होंने कहा कि बच्चों पर काम्पिटिशन का बहुत ज्यादा प्रेशर है जितना जरूरी उनका करियर है। उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। मुझे लगता है कि इस पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो तनाव में आधी-अधूरी जिंदगी जी कर चले जाते हैं। हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह युग विज्ञान का युग है। अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं किन्तु उनमें थोड़ा धैर्य कम होता है। इस दिशा में अध्यात्म उनकी मदद कर सकता है। हमारे ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं। मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्माकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी। ब्रह्माकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वहाँ पर सिखाते हैं।

उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं। साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़े तो जीवन आसान हो जाएगा। जिंदगी को कैसे सफलता से जीये, किस तरह सुख से जीवन जिये, इसका रास्ता बहुत सरल है। हम केवल एक शरीर नहीं हैं। हम एक आत्मा हैं। परम पिता परमात्मा का अभिन्न अंग है। मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिये। ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको सही रास्ता दिखा सके।

उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में शांति के लिए कार्य कर रही है। यह संगठन दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। छत्तीसगढ़ में ब्रह्माकुमारी संगठन ने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए संस्थान को बधाई देती हूँ। स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा।

– सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना …राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन

राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन ने सभा को सम्बोधन करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच अपनाकर हम दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि सकारात्मक परिवर्तन का यह वर्ष आप सभी के जीवन में सुखद बदलावों का साक्षी बने और समाज खुशहाल रहे तथा हमारा देश हर तरह से समृद्ध हो।

उन्होंने कहा कि सकारात्मक परिवर्तन का मतलब ऐसे परिवर्तन से है जिसका लाभ व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को हो। जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है। हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो रूढि़वादी और परंपरावादी समाज अपनी मान्यताओं और परंपराओं को बदलना नहीं चाहता वह मुख्यधारा से कट जाता है। समय और आवश्यकता के अनुसार समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाता है। जब तूफ़ान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है। इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना आना चाहिए।

मैंने देखा है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में दूसरों को बदलने के बजाय स्वयं परिवर्तन पर जोर दिया जाता है जो कि सराहनीय है। मुझे लगता है कि आपकी संस्था आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। यह संस्था नशा मुक्ति कार्यक्रम के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। यह संस्था बस्तर जैसे सुदूर इलाकों में आदिवासियों को दिव्य ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर व्यसनमुक्त बनाने का सराहनीय कार्य कर रही है। अध्यात्म, योग आदि की शिक्षा देकर अच्छे संस्कार पैदा किये जा सकते हैं।

– राष्ट्रपति के आगमन से ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया…मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के शान्ति सरोवर में आयोजित सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023 के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्रपति जी का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। उनकी इस यात्रा के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि पूरे देश की मुखिया के आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है। यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है। आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की बहुत लंबी सीमा ओडिशा से लगती है, इसलिए उत्कल संस्कृति के साथ हमारी सबसे अधिक साझेदारी है। हमारा रहन-सहन, खान-पान, आचार-विचार सब कुछ एक जैसा है। यहां तक की हमारा संघर्ष भी ओडिशा के वंचितों के संघर्ष जैसा ही है।

   मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ा ही शुभअवसर है कि रक्षाबंधन के समय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ हो रहा है। सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में मैं यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं। छत्तीसगढ़ प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचन्दन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शॉल और मोमेन्टो भेंटकर स्वागत किया गया। प्रारम्भ में नगर के बाल कलाकारों ने जश्न का महारास नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने किया।

राश्ट्रपति ने शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में लंच भी किया। बाद में वह संस्थान के वरिष्ठ भाईयों से मिली। उनके संग फोटो सेशन भी हुआ। फिर गुरू घासीदास संग्रहालय के लिए प्रस्थान कर गईं।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय रायपुर
सम्पर्क: 9425502255, 9425202255 


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