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किसानों के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए यौगिक खेती अच्छी पहल… रविन्द्र चौबे

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रायपुर, ०८ सितम्बर: कृषि और जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सकारात्मक सोच और यौगिक खेती से किसानों का सशक्तिकरण होगा और उनके जीवन स्तर को उपर उठाने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे इस ब्रह्माकुमारी संस्थान के अभियान में राज्य शासन और कृषि वैज्ञानिक भी सहयोग करेंगे।

श्री रविन्द्र चौबे आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा शान्ति सरोवर में आयोजित  किसान सशक्तिकरण अभियान के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है। यह राज्य खनिज सम्पदा से भरपूर है। प्रकृति ने हमें खूब संसाधन दिए हैं। किन्तु किसानों के सामने जो चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ हैं, उनका निराकरण करने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन द्वारा किसान सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। यह निश्चित रूप से किसानों के हित में मददगार सिद्घ होगा।

उन्होंने बतलाया कि राज्य में ४३ प्रतिशत भूभाग में जंगल है। यहाँआदिवासी अंचल में लोग जैविक खेती ही करते हैं। वे लोग बहुत ही कम रसायनिक खाद का प्रयोग करते हैं। आप एक बार पेण्ड्रा और मरवाही का चावल चख लें तो दंग रह जाएंगे। उसमें इतनी मिठास है किबड़े बड़े वैज्ञानिक भी उसको देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं कि कैसे ये लोग इतना अच्छा अन्न उत्पादित कर लेते हैं? इसलिए हमें यौगिक खेती की दिशा में आगे बढऩे की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने एक महात्वाकांक्षी योजाना शुरू की है। नरवा, गरवा, घुरवा और बारी, छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, इसको  बचाना है संगवारी। राज्य में अपार सम्पदा है। नरवा माने जल सरंक्षण, घुरवा माने कम्पोष्ट खाद। इसी दिशा में गायों के सरंक्षण के लिए २१०० गौठान बनाए जा चुके हैं। राज्य में बड़ी बड़ी सड़कें तो बन गई हैं लेकिन गौ माता सुरक्षित नहीं है।

इसलिए राजमार्ग के किनारे भी गौठान बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री जी का यह मानना है कि नक्सली समस्या के कारण जितने लोग मरते हैं उससे ज्यादा लोग कुपोषण से मर जाते हैं। राज्य में कुपोषण दूर करने के लिए भी उनकी सरकार काम कर रही है।

कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने कहा कि किसान सशक्तिकरण अभियान का पहला उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना है। दूसरा उद्देश्य उनकी अर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। किसानों को जैविक खेती के साथ ही राजयोग की शिक्षा देकर यौगिक खेती के लिए मार्गदर्शन करेंगे। तीसरा उद्देश्य किसानों को व्यसन मुक्ति की प्रेरणा देना है।  किसान खुशहाल होंगे तो समाज और देश भी खुशहाल बनेगा। यौगिक खेती में किसी भी प्रकार के रसायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल ने कहा कि आजादी के चार वर्ष पहले एक साल में बीस से तीस लाख लोग भोजन न मिलने के कारण मर गए थे। बाद में हरितक्रान्ति आयी जिसके फलस्वरूप आज हम अन्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं। लोग लालच में आकर ज्यादा से ज्यादा रसायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग करने लगे हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक अनुशासन के साथ आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोडऩा ही योग है। योग से लालच दूर होगा और हानिकारक रसायनिक खाद से छुटकारा मिलेगा। हमें अपनी खाद और कीटनाशक खुद बनाना होगा।

माउण्ट आबू से प्रकाशित मासिक पत्रिका ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। ७० प्रतिशत लोग खेती से जुड़े हैं। इस प्रकार देश की अर्थ व्यवस्था कृषि पर टिकी हुई है। किन्तु रसायनिक खाद के अधिक उपयोग से जमीन बंजर होती जा रही है। पंजाब और हरियाणा में जाकर इसे देखा जा सकता है। अब यौगिक खेती को अपनाकर शुद्घ और पौष्टिक अन्न का उत्पादन करने की जरूरत है। ऐसे शुद्घ अन्न को खाने से मन भी शुद्घ होगा। इसे साथ ही किसानों को व्यसनों से भी छुटकारा दिलाने की जरूरत है।

प्रारम्भ में क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा आध्यात्मिक जागृति और नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना के बिना कोई भी विकास अधूरा है। आज ग्राम्य संस्कृति को पुन: जागृत करने की आवश्यकता है। इसी दिशा में जैविक खेती में योग का समावेश कर ब्रह्माकुमारी संस्थान के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा शाश्वत यौगिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि कम खर्च में अधिक और स्वास्थ्यवर्धक पैदावार प्राप्त किया जा सके।

इस दौरान माउण्ट आबू से आए मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार सुमन्त भाई ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन धमतरी संचाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने किया।

प्र्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
रायपुर फोन: ०७७१-२२५३२५३

फोटो परिचय :

फोट१. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ किसान सशक्तिकरण अभियान का शुभारम्भ कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा मेहसाणा की ब्रह्माकुमारी सरला दीदी, माण्उट आबू से प्रकाशित मासिक पत्रिका ज्ञानामृत के सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश जी, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल, मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार सुमन्त भाई ने दीप प्रज्वलित कर किया।

फोटो २. छत्तीसगढ़ किसान सशक्तिकरण अभियान के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए छ. ग. के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे। मंच पर उपस्थित हैं-क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा ब्रह्माकुमारी सरल दीदी और इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वद्यिालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल।

फोटो  ३: किसान सशक्तिकरण अभियान के अन्तर्गत तैयार दिव्य किसान रथ को शिव घ्वज दिखकर रवाना करते हुए कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा ब्रह्माकुमारी सरला दीदी एवं ज्ञानामृत के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्म प्रकाश भाई।

ओटो ४ एवं ५ :  किसान सशक्तिकरण अभियान के उद्घाटन समारोह में भाग ले रहे प्रबुद्घ नागरिकगण।

फोटो ६ : किसान सशक्तिकरण अभियान के उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ महतारी की वन्दना करते हुए नव जागृति हाईस्कूल सड्ढू की छात्राएं।

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सिखलाना होगा… श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– महिलाओं की खुशहाली के लिए लैंगिक समानता जरूरी…श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक
– अध्यात्म से दूर होने से महिलाओं में सद्गुणों की कमी… ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
– अध्यात्म से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव … ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 05 मार्च 2024: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के महिला प्रभाग द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में महिला जागृति आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। विषय था- महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन ।

समारोह में बोलते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि बेटा और बेटी में भेद करके बेटियों को कमजोर बनाने की सदियों से चली आ रही परम्परा को बन्द करें। इस बदलाव की शुरूआत अपने घर से करनी होगी। जब तक यह भेदभाव करना खत्म नहीं करेंगे महिलाएं खुशहाल नहीं बन सकती है। आज जरूरत है कि हम बेटियों को दुर्गा के रूप में संस्कारित करें। बेटों को बेटियों की तरह और बेटियों को बेटों की तरह पालना शुरू करें। बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखलाएं। जब घर में वह महिलाओं की इज्जत करना सीखेंगे तब वह बाहर जाकर महिलाओं का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिर भी भारतीय समाज में महिलाओं को दूसरा दर्जा दिया जाता है इसके लिए महिलाएं स्वयं ही दोषी हैं। हम यह न सोचें कि बेटों से वंश आगे चलेगा क्योंकि यदि बहु ही नहीं होगी तो सृष्टि में उत्पत्ति कैसे होगी? घर में बेटी पैदा होने पर बहु को तंग न करें। हम बदलेंगे तो जग बदलेगा।

ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि नारी परिवार की धूरी है। वह घर को स्वर्ग बनाने वाली और बच्चों को सुसंस्कारित करने वाली है। आदिकाल से नारी पूज्यनीय और वन्दनीय रही है। आजकल वह भले ही आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त हुयी है किन्तु अध्यात्म से दूर होने के कारण उसके अन्दर सहनशीलता, नम्रता और मधुरता जैसे सद्गुणों की कमी हो गयी है। आध्यात्मिकता को अपनाने से हमें समस्याओं का सामना करने की शक्ति मिलती है। राजयोग के अभ्यास से आत्मा का सम्बन्ध परमात्मा से जोड़कर उनसे शक्तियाँ प्राप्त कर महिला फिर शिवशक्ति बन सकती है।

जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि महिला ईंट और गारे के मकान को घर बनाती है। बच्चों को शिक्षित और संस्कारित कर वह घर, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करती है। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। माताओं पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा बच्चों को कुमार्ग पर गिरने नहीं देगा और संस्कार उसे डूबने नहीं देगा।

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज की भूतपूर्व डीन डॉ. आभा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण से आशय उसके सर्वांगीण विकास से है। डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि किसी समाज की प्रगति के बारे में जानना हो तो उस समाज की महिलाओं को देखो। उसके बारे में जान लेने से समाज की स्थिति का पता चल जाएगा। समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई महिलाएं हैं। इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं की शिक्षा से लेकर शादी तक सब कुछ पुरूष ही तय करता है। इसमें पुरूष और स्त्री दोनों की समान भागीदारी जरूरी है। दायित्व निर्वाह करने के चक्कर में बेटियों की जल्दी शादी नहीं करनी चाहिए।

रायपुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि एक समय था जब समाज में खुशहाली थी। संयुक्त परिवार में सभी मिल-जुलकर रहते थे। एक दूसरे का सम्मान करते थे। किन्तु आज आध्यात्मिक शिक्षा से दूर होने के कारण परिवारों में बिखराव आ रहा है। जीवन में खुशी के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। सकारात्मक सोच रखें, एक-दूसरे की भावना का सम्मान करना सीख जाएं तो परिवार  में खुशहाली आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती प्रियंका कौशल ने कहा कि सारे विश्व में ब्रह्माकुमारी संस्थान अकेली ऐसी संस्थान है जिसका आद्योपान्त संचालन नारी शक्ति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने सभा में उपस्थित महिलाओं से आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन में परिवर्तन लाकर ही हम विश्व परिवर्तन के कार्य में मददगार बन सकते हैं।

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Brahmakumaris Raipur

भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

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भाई दूज पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने राज्यपाल सहित अनेक वीआईपीज को तिलक लगाया

रायपुर, 15 नवम्बर, 2023: भाई दूज के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय राज्यपाल भ्राता बिश्वभूषण हरिचन्दन जी और महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल रमेश बैस जी (जो कि दीपावली मनाने के लिए मुम्बई से अपने घर रायपुर आए हुए थे) को रायपुर संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर मुख मीठा कराया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने छ.ग. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं वर्तमान में छ.ग. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा जी, दैनिक भास्कर के स्टेट एडीटर भ्राता शिव दुबे जी, पत्रिका के स्टेट एडीटर भ्राता राजेश लाहोटी जी, हरिभूमि के प्रधान सम्पादक भ्राता हिमांशु द्विवेदी जी, पूर्व मंत्री भ्राता बृजमोहन अग्रवाल जी, सूचना आयुक्त भ्राता अशोक अग्रवाल जी (आईएएस), पूर्व मंत्री भ्राता विधान मिश्रा जी आदि को भी भाई दूज क तिलक लगाकर दीपावली का ईश्वरीय प्रसाद (टोली) प्रदान किया।

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आज शान्ति शिखर नवा रायपुर में हर्षोल्लास से दीपावली मनाई गई

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आज शान्ति शिखर नवा रायपुर में हर्षोल्लास से दीपावली मनाई गई

– नन्हे बाल कलाकारों ने रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया…
– घर के साथ मन की सफाई भी जरूरी… ब्रह्माकुमारी सविता दीदी

रायपुर, 12 नवम्बर, 2023: आज छत्तीसगढ़ राज्य की नयी राजधानी नवा रायपुर के सेक्टर-20 स्थित एकेडमी फॉर ए पीसफुल वल्र्ड-शान्ति शिखर में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह में सीमा सुरक्षा बल के पुलिस महानिरीक्षक संजय सिंह और कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा एवं रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी सहित रायपुर की ब्रह्माकुमारी बहनों ने दीप प्रज्वलित कर का कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि दीपावली त्यौहार में हम सब जिस प्रकार घर की सफाई का ध्यान रखते हैं उसी प्रकार अन्तर्मन की सफाई भी जरूरी है। बाहर के अन्धकार को तो मिट्टी के दीपक जलाकर दूर कर सकते हैं किन्तु अन्र्तमन में छाए हुए अन्धकार को दूर करने के लिए हमें शुभसंकल्पों के दीप जलाने होंगे।

उन्होंने आगे कहा कि आओ हम सभी सत्य परमात्मा से सत्य ज्ञान लेकर अपने जीवन को पावन बनाएं। अपनी आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मनोपरिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहाँ श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा।

उन्होंने कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है। विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा की चमक आज मलिन हो गयी है। लोगों का अन्तर्मन काम, क्रोध आदि विकारों के अधीन हो चुका है। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच श्री लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है? यह कैसी विडम्बना है कि मन-मन्दिर की सफाई करने की जगह बाहरी सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म-मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति हैं, हम मनुष्य आत्माओं की ज्ञान और योग से ज्योति जगाकर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों की यादगार है।

उन्होंने कहा कि हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचें। सदैव शुभ सोचेंगे तो लाभ होना ही है। इसीलिए हमारी भारतीय संस्कृति में जब कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो स्वस्तिक के साथ शुभ और लाभ लिखते हैं क्योंकि शुभ के साथ लाभ जुड़ा हुआ है।

इस अवसर पर सेवाकेन्द्र को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। आंगन में रंगोली भी सजायी गयी थी, जो कि बड़ा ही सुन्दर प्रतीत हो रहा था। इससे पहले परमात्मा शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया। सविता दीदी ने सभी को अपने कमल हस्तों से भोग वितरित कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। पश्चात रायपुर के बाल कलाकारों ने बहुत ही जादुई चश्मा नामक सुन्दर नृत्यनाटिका और मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया।

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